इस कहानी में लेखक मनोज कुमार शुक्ल अपने छोटे भाई अखिलेश और उसके परिवार के साथ समय बिताने का वर्णन कर रहे हैं। अगस्त महीने की बारिश के बीच, जब अखिलेश अपनी पत्नी और तीन साल की बेटी सोनल के साथ जबलपुर आए, तो उनकी पत्नी और अखिलेश की पत्नी ने डोंगरगढ़ जाने का प्रस्ताव रखा। सभी ने सहमति जताई, लेकिन लेखक को डोंगरगढ़ की चढ़ाई से डर लग रहा था। लेखक ने देवी देवताओं पर आस्था तो रखी, लेकिन चढ़ाई की कठिनाई ने उन्हें चिंतित कर दिया। उनकी चिंता को देखकर उनकी बेटी सपना ने बताया कि वहां रोपवे चलता है, जिससे यात्रा आसान हो जाती है। इस सुनकर लेखक में हिम्मत आई और उन्होंने यात्रा के लिए सहमति दे दी। फिर उन्होंने यात्रा की तैयारी करने का निर्णय लिया। कहानी में परिवार के बीच की खुशियों, बच्चों की मासूमियत, और यात्रा की योजना बनाने का आनंद बखूबी दर्शाया गया है।
रोपवे - national compition 2018
Manoj kumar shukla
द्वारा
हिंदी लघुकथा
Four Stars
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विवरण
हमारी दो कहानी आपको प्रेषित हैं एक रोपवे कहानी जिसमें एक मंदिर में एक बाल सुलभ घटना के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं का चित्रण किया गया है , दूसरी कहानी बड़प्पन नाम से है जिसमें परिवार की बड़ी भाभी जो की कुछ बोलने में कठोर होती है किन्तु मन से बहुत कोमल है प्रष्ठ भूमि को लेकर लिखी गयी है .
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