यह कहानी गीतेश और गीता के जीवन की है, जिसमें गीतेश शराब के नशे में धुत होकर अपनी पत्नी गीता के सामने आता है। गीता के आंसू गीतेश को शराब से मुक्त कराने के संकल्प की गवाह बनते हैं। गीतेश ने अपने छात्र जीवन में अपने परिवार में नशे के माहौल को देखा था, जहां उसके पिता और चाचा शराब के नशे में एक-दूसरे को गाली देते और मारपीट करते थे। उसने यह भी अनुभव किया कि शराब के कारण परिवार में आर्थिक तंगी और खुशियों की कमी आई। ऐसे नकारात्मक प्रभावों के बीच गीतेश के भीतर भी शराब की लत और कुवृत्तियों के बीज अंकुरित होने लगे थे। कहानी गीतेश की संघर्ष और सुधार के संकल्प की ओर बढ़ती है। संकल्प Manju Gupta द्वारा हिंदी लघुकथा 2.1k 1.7k Downloads 7.6k Views Writen by Manju Gupta Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सुहाग रात में डाक्टर गीता अपने शराबी पति गीतेश की हरकतों से परेशान हो जाती है . अपने पति की शराब छुड़ाने का संकल्प लेती है . जिससे केलिए गीता तरह - तरह के उपाए सोचती है . देवी से मन्नत मांगती है . एक दिन गीता गीतेश की शराब की लत छुड़ाने में सफल हो जाती है More Likes This अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी