यह कहानी शलभ और शुचिता के बारे में है, जो एक साम्प्रदायिक तनाव के दौर में अपने पड़ोसी रहमान चाचा के घर जा रहे हैं। शलभ ने शुचिता को बताया कि आगरा से लौटते समय उसने फिरोजाबाद में एक हिंदू-मुस्लिम दंगे का सामना किया, जहाँ लोग हिंसक हो गए थे। शुचिता ने पहले इस तनाव को नजरअंदाज किया, लेकिन शलभ की बात सुनकर वह चिंतित हो गई। हालांकि शलभ ने आश्वस्त किया कि उनका मुहल्ला सुरक्षित है और वे जल्दी से रहमान चाचा के घर जाने का निर्णय लेते हैं। रास्ते में उन्हें साम्प्रदायिक तनाव का एहसास होता है, लेकिन वे एकजुटता और भाईचारे के लिए अपने पड़ोसी के पास जाते हैं। कहानी में साम्प्रदायिकता के प्रभाव और भाईचारे के महत्व को दर्शाया गया है। ईक दीन भोर अवश्य होगी - National Story Competition- Jan 2018 Neerja Dewedy द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 1 1.6k Downloads 5.1k Views Writen by Neerja Dewedy Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण यह कहानी एक हिंदू एवं एक मुस्लिम परिवार की है, जिनमें दांत काटी रोटी का भाईचारा है. समाज में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न होने पर शांति बनाये रखने मे उनका प्रयत्न अनुकरणीय है. More Likes This सन्यासी -- भाग - 31 द्वारा Saroj Verma गांव का उजाला - 1 द्वारा simran bhargav साक्षात्कार -पीयूष गोयल द्वारा Piyush Goel 110 विचार जो आपकी जिंदगी…. द्वारा Piyush Goel જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 11 - 12 द्वारा Harshad Kanaiyalal Ashodiya गिरोह द्वारा Anand Tripathi एक अंजानी दोस्ती - पार्ट 1 द्वारा krick अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी