यह कहानी लेखक फणीश्वरनाथ रेणु के अनुभवों और उनके गाँव की सांस्कृतिक परंपराओं के इर्द-गिर्द घूमती है। लेखक अपने जीवन के बारे में लिखने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें हमेशा अपने गाँव के पूजनीय वटवृक्ष की याद आती है, जिसे वे 'बट बाबा' के रूप में मानते हैं। वह बताते हैं कि उनके गाँव के लोग इस पेड़ को देवता मानते थे और उसकी पूजा करते थे। लेखक यह स्वीकार करते हैं कि वे अंधविश्वासी और कुसंस्कारों में पले-बढ़े हैं। वे अपने जन्म के समय की एक कहानी बताते हैं, जब उनकी दादी ने उन्हें उस पेड़ के नीचे धरती पर सुलाकर प्रार्थना की थी। इस वृक्ष और गाँव की मान्यताओं का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। लेखक इस 'योगी-वृक्ष' को सबसे पहले प्रणाम करते हैं और बताते हैं कि गाँव के लोग हमेशा उसके प्रति श्रद्धा प्रकट करते थे। साथ ही, वे मलेरिया जैसी बीमारियों को 'पिशाच' मानते थे, जो उनके लिए एक भयावह छवि थी। लेखक अपने अतीत की यादों को साझा करते हैं, जिनमें बीमारियों का भय और गाँव की परंपराएँ शामिल हैं, जो उनके जीवन के अनुभवों को आकार देती हैं। ईश्वर रे, मेरे बेचारे...! Phanishwar Nath Renu द्वारा हिंदी पत्रिका 34.4k 6.2k Downloads 24.6k Views Writen by Phanishwar Nath Renu Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ईश्वर रे, मेरे बेचारे...! फणीश्वरनाथ रेणु अपने संबंध में कुछ लिखने की बात मन में आते ही मन के पर्दे पर एक ही छवि 'फेड इन' हो जाया करती है : एक महान महीरुह... एक विशाल वटवृक्ष... ऋषि तुल्य, विराट वनस्पति! फिर, इस छवि के ऊपर 'सुपर इंपोज' होती है दूसरी तस्वीर : जटाजूटधारी बाबूजी की गोद में किलकता एक नन्हा शिशु!! और तब अपने बारे में कुछ लिखने की बात मन से दूर हो जाती है। क्योंकि इस वृक्ष को बाद देकर अपनी कहानी लिख पाना मेरे लिए असंभव है। अतः जब लिखने बैठा हूँ, शुरू में ही कबूल कर लेना More Likes This इतना तो चलता है - 3 द्वारा Komal Mehta जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी