कहानी "मनमार्जियाँ" में वाणी एक अनजान सफर पर है, जहाँ उसकी मुलाकात डॉ. अविनाश से होती है, जो एक सौम्य और समझदार व्यक्तित्व के मालिक हैं। वाणी को यात्रा के दौरान घबराहट होती है, लेकिन अविनाश उसकी मदद करते हैं और उसे पानी देते हैं। धीरे-धीरे वाणी खुद को बेहतर महसूस करने लगती है और दोनों के बीच परिचय होता है। कहानी में वाणी और अविनाश के बीच की बातचीत और उनके सफर की दिशा को दर्शाया गया है, जो वाणी की सही मंजिल की ओर ले जाने का प्रश्न उठाता है। मनमर्जियां Narendra Pratap Singh द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 15 1.3k Downloads 7.3k Views Writen by Narendra Pratap Singh Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ पर्सनल सवाल पूंछ सकती हूँ, डॉ जी, जरूर अविनाश तो बात करने के मौके ढूंढ रहा था, और वाणी ने उसे वो मौका दे दिया। क्या आपकी शादी हो गयी वाणी के इस सवाल ने डॉ अविनाश किसी दुखती रग को छेड़ दिया। डॉ अविनाश के चेहरे की रंगत देखकर वाणी ने कहा, लगता है आप अपनी शादी से खुश नहीं है। आप गलत दिशा में जा रही है। वाणी जी, मेरी वाइफ अब इस दुनिया में नहीं है, छह महीने पहले एक कार दुर्घटना में वो मुझे अकेला छोड़ गयी। बोलते हुए डॉ अविनाश का गला रूँध गया। More Likes This बंधन दिलों के - भाग 1 द्वारा Ketan J Mehta Love Loyalty And Lies - 1 द्वारा Shine तूम थे पर मेरे ना थे - 1 द्वारा shikha वो फर्स्ट ईयर वाली लड़की - 1 द्वारा parvji1144 सनम - 1 द्वारा shikha Dastane - ishq - 2 द्वारा Tanya Gauniyal दूसरी शादी द्वारा Katha kunal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी