यह कहानी माधुरी सांगवान की है, जो हरियाणा की एक महिला हैं और वर्तमान में दिल्ली के पालम इलाके में अपने दो बच्चों के साथ रह रही हैं। उनका बेटा पल्लव बी.ए. थर्ड ईयर में है और बेटी सृष्टि बारहवीं में पढ़ रही है। उनका पति कौशल फौज में हैं और कश्मीर में तैनात हैं। एक दिन, सृष्टि ने अपनी माँ को बताया कि उसे स्कूल में 'संवहनीय विकास' पर एक मॉडल बनाने के लिए ग्रुप का हेड बनाया गया है। सृष्टि और पल्लव अपनी माँ के प्रति बहुत प्यार और ध्यान रखते हैं। एक दिन, पड़ोस की विमला बिष्ट अपनी बेटी प्रतिभा को माधुरी के घर लेकर आई। प्रतिभा और सृष्टि एक ही स्कूल में पढ़ती हैं, पर दोनों के बीच ज्यादा मेल-जोल नहीं था। जब प्रतिभा सृष्टि के घर आई, तो उसे पल्लव के गहरे और उदास आँखों ने प्रभावित किया। प्रतिभा ने सृष्टि से कहा कि उसके भाई पल्लव बहुत उदास लगते हैं, लेकिन सृष्टि जानती थी कि यह उदासी क्यों है। कहानी में परिवार के रिश्तों, बच्चों की पढ़ाई और उनकी भावनाओं का अच्छा चित्रण किया गया है। प्रदूषण के बढ़ते कुप्रभाव Arpan Kumar द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 2 1.9k Downloads 5.9k Views Writen by Arpan Kumar Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रदूषण के बढ़ते कुप्रभावों और उसके रोकथाम पर हमारे परिवेश की एक कहानी। प्रोफेसर अनंत सिंह को याद करते हुए एसोशिएट प्रोफेसर योगेश भी भावुक हो गए।ऐसा लगा कि अभी वापस अनंत सिंह कहीं किसी क्षितिज से आकर पूर्ववत बोलना शुरू कर दिए हों। उनकी बातें उस स्टॉफ रूम में गूँज रही थी, मेरे माता-पिता ने मेरा नाम यूँ ही अनंत नहीं रखा है। कोयले से उगलते जिन धुंओं ने मेरे फेफ़ड़े को खराब किया, कई वर्षों तक दमघोंटू खाँसी के जिन मारक अटैक्स को न चाहते हुए भी मुझे बर्दाश्त करना पड़ा, जिसके कारण मुझे अकाल मृत्यु मिल रही है, मैं नहीं चाहता कि किसी और को साँस की ऐसी बीमारी हो। मैं जानता हूँ, मनुष्य की ज़रूरत कभी कम नहीं हो सकती है। बिजली के बग़ैर उसका काम भी नहीं चल सकता है। इसलिए नवीकरणीय ऊर्जा पर ताज़िंदगी मेरा ज़ोर रहा। मेरे बचपन और मेरी किशोरावस्था ने कोयले से निकलते जितने धुँए पिए हैं, मैं नहीं चाहता कि कोई और बच्चा और किशोर इस ज़हर को पिए और निरपराध होकर किसी और की करतूत की सजा भोगे। ये बेकार हुए मेरे फेफड़े अपने साथ मेरे पूरे शरीर को मार सकते हैं, मेरी जान ले सकते हैं मगर मेरे स्वप्न और संकल्प मेरे युवा साथियों में हमेशा जाग्रत रहेंगे। ऐसा लगा कि उस पवित्र आत्मा की शक्ति उन सबमें समा गई है । इसी कहानी का एक अंश। More Likes This School ishq - 1 द्वारा Hindi kahaniyan पहली मुलाक़ात - भाग 1 द्वारा vaghasiya मेरी मोहब्बत - 1 द्वारा ranjana छुपी हुई शादी - 1 द्वारा Agni Jwala इश्क की लाइब्रेरी। - 6 द्वारा Maya Hanchate तुम, मैं और एल्गोरिथ्म? - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रुह... - भाग 6 द्वारा Komal Talati अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी