Purvgrah book and story is written by Author Mahebub Sonaliya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Purvgrah is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पूर्वग्रह। Author Mahebub Sonaliya द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 150 2k Downloads 9.6k Views Writen by Author Mahebub Sonaliya Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कभी हमारी सोच उस सिक्के की तरह होती है। जिसके पीछे की छवि हम तब तक नही देख पाते जब तलक हम उसे पलटकर नहीं देखते। ये कहानी है विजयगिरी जी की जो एक मातृ भक्त है। वतन में ही जीना मरना चाहते है। और उनका बेटा अनिकेत उन्हें अपने साथ अहमदाबाद ले जाना चाहता है। More Likes This ज्वार या भाटा - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz तेरी मेरी यारी - 5 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आखेट महल - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil कहानी फ्रेंडशिप की - 1 द्वारा Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा द्वारा sunita maurya द्वारावती - 41 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave तमस ज्योति - 1 द्वारा Dr. Pruthvi Gohel अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी