कहानी "दीपक और बाती" में दीपक और बाती के बीच के संबंध को दर्शाया गया है। दीपक की रोशनी का स्रोत बाती है, जिसके बिना दीपक का कोई अस्तित्व नहीं होता। बाती खुद को जलाकर दीपक को रोशनी देती है और अंधकार को दूर करती है। दीपक केवल दिखावे के लिए जलता है, असल में उसकी असली शक्ति बाती में है। यह संदेश दिया गया है कि परिवार में भी दीपक और बाती की तरह एक-दूसरे की आवश्यकता होती है, जहां एक का अस्तित्व दूसरे पर निर्भर करता है। प्रेरक कविताएँ भाग १ VIJAY KUMAR SHARMA द्वारा हिंदी कविता 11.5k 2.4k Downloads 11.1k Views Writen by VIJAY KUMAR SHARMA Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जव्लंत सामाजिक परिदर्श्य जागरूकता के लिए छोटा सा प्रयास करके तीन कविताएँ संकलित की गयी है १. दिया और बाती (लिंग आधारित भेदभाव सोच पर आधारित) २. लाठी (एक सहारा -एक प्रहार ) (सहारे की लाठी बेटे -बहु के बुढ़ापे पर हो रहे प्रहार पर एक नजर ) ३. दीपावली (किस तरह दीपावली अपनी मोलिकता खोती जा रही है को समझाने का एक छोटा सा प्रयास ) More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी