यह कहानी कॉलेज के पहले दिन की है। नायिका अपने पसंदीदा सफेद सूट को प्रेस कर रही है, जो पीले फूलों वाला है। उसने इसे धोकर नील किया है, लेकिन उसका दुपट्टा नील नहीं किया गया है। सुबह अलार्म बजने पर वह उठती है और कॉलेज जाने के लिए तैयार होती है। रास्ते में, उसे ब्यूटी पार्लर की दुकान के शीशे में अपने दुपट्टे की कमी का अहसास होता है। वह वापस जाकर दुपट्टा लेने का विचार छोड़ देती है और कॉलेज जाने का निर्णय लेती है। कॉलेज पहुंचने पर, वह कुछ शरारती लड़कों को देखती है जो हमेशा लोगों पर चुटकी लेते हैं। उसे डर है कि वे आज उसका मजाक उड़ाएंगे। कहानी नायिका की चिंता और आत्मविश्वास को दर्शाती है। दुपट्टा Neetu Singh Renuka द्वारा हिंदी लघुकथा 6 1.4k Downloads 5.1k Views Writen by Neetu Singh Renuka Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कभी-कभी हमारे साधारण से जीवन में छोटी-छोटी चीज़ें कितना मानसिक तनाव दे जाती हैं। जैसे किसी दुपट्टे में नील न दे पाना और उसी दुपट्टे के साथ कॉलेज में पूरा एक दिन बिताना। More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी