कहानी "रंगभूमि" के अध्याय 35 में विनयसिंह एक आबादी में प्रवेश करते हैं, जहाँ वे एक बुढ़िया से मिलते हैं जो भीख मांग रही है। बुढ़िया अपने दुखों का विवरण देती है और बताती है कि उसके बेटे को विनयसिंह की वजह से जेल में डाल दिया गया। वह अपने बुरे हालात के लिए विनयसिंह को दोषी मानती है। विनय उस बुढ़िया को एक रुपया देते हैं, जिससे वह आश्चर्यचकित होती है। इसके बाद, विनय और उसके साथी नायकराम एक कुएं के पास पहुँचते हैं, जहाँ एक पंडित पाठ कर रहा होता है। विनय उससे सरदार नीलकंठ और पुलिस के मंत्रियों के बारे में पूछता है, लेकिन पंडित कुछ नहीं जानता। वह अपनी मनोकामना, जो अपने अपमान का बदला लेने से जुड़ी है, के बारे में बताता है। पंडित का कहना है कि उसने दंगे के दौरान राजद्रोह का आरोप झेला है और अब उसे समाज में अपमान का सामना करना पड़ रहा है। इस अध्याय में सामाजिक समस्याओं, व्यक्तिगत दुःख और अपमान की भावना को दर्शाया गया है। रंगभूमि अध्याय 35 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 3 2.2k Downloads 9.2k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 2 द्वारा Maya Hanchate Lunar Blood - 2 द्वारा Sameer Kumar पतझड़ के बाद - एक सच्चा इंतजार - 1 द्वारा Neha kariyaal एक अंधे मोहब्बत की एक अंधेरी कहानी - 1 द्वारा Zulekha Ansari मैं अनिका हूँ - और अब पूरी हूँ - 1 द्वारा Aarti w यशस्विनी - 1 द्वारा Dr Yogendra Kumar Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी