कहानी "दुर्गादास" में जोधपुर के महाराज जसवन्तसिंह और उनके वीर सेनापति आशकरण की चर्चा होती है। आशकरण एक सच्चे और परमार्थी राजपूत थे, जिनकी बहादुरी से दुश्मन भी कांपते थे। दुर्गादास, आशकरण का पुत्र, केवल 15 वर्ष का था जब उसके पिता 1605 में उज्जैन की लड़ाई में धोखे से मारे गए। जसवन्तसिंह ने दुर्गादास को अपने बड़े बेटे की तरह प्यार किया और उसे सेनापति बनाया। मुगलों के खिलाफ लड़ाई में, जसवन्तसिंह ने शिवाजी के साम्राज्य के साथ मेल-जोल बढ़ाया। हालांकि, औरंगजेब की योजनाओं के कारण, जसवन्तसिंह को बार-बार युद्ध पर भेजा गया और कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पृथ्वीसिंह, जसवन्तसिंह का बड़ा बेटा, विद्रोहियों को दबाने में सफल होता है, लेकिन उसे विष देकर मारने की साजिश की जाती है। पृथ्वीसिंह की मृत्यु के बाद, जसवन्तसिंह पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है, और वह अत्यंत दुखी होते हैं। यह कहानी साहस, बलिदान, और कूटनीति की जटिलताओं को दर्शाती है, जिसमें राजपूतों की वीरता और मुगलों की चालाकी का वर्णन है। दुर्गादास Munshi Premchand द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 2.6k 4.3k Downloads 20k Views Writen by Munshi Premchand Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘दुर्गादास’ उपन्यास सम्राट् प्रेमचन्द का एक ऐतिहासिक उपन्यास है। यह मूलतः उर्दू लिपि में लिखा गया था जिसे हिन्दी में लिप्यन्तरण करके बाद में सन् 1915 में प्रकाशित किया गया। इसमें एक राष्ट्रप्रेमी, साहसी राजपूत दुर्गादास के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी है। स्वयं प्रेमचन्द के शब्दों में-‘‘राजपूताना में बड़े-बड़े शूर-वीर हो गये हैं। उस मरुभूमि ने कितने ही नर-रत्नों को जन्म दिया है पर वीर दुर्गादास अपने अनुपम आत्म-त्याग, अपनी निःस्वार्थ सेवा-भक्ति और अपने उज्जवल चरित्र के लिए कोहनूर के समान हैं। औरों में शौर्य के साथ कहीं-कहीं हिंसा और द्वेष का भाव भी पाया जाएगा, कीर्ति का मोह भी होगा, अभिमान भी होगा पर दुर्गादास शूर होकर भी साधु पुरुष थे।’’ लेखन-काल के अनुसार, ‘दुर्गादास’ उपन्यास का यह शताब्दी वर्ष है। इस उपन्यास में प्रेमचन्द की रचनाशीलता के प्रारम्भिक किन्तु महत्त्वपूर्ण तत्त्व समाहित हैं। भारतीय ज्ञानपीठ की ओर से प्रस्तुत है हिन्दी कथा साहित्य के पाठकों और शोधार्थियों के लिए एक दुर्लभ कृति-‘दुर्गादास’। More Likes This Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी