रामेश्वरी एक कठिन परिस्थिति में है, जहां उसे अपने बच्चों के लिए अपनी सास की अंतिम निशानी, एक हार, बेचना पड़ रहा है। वह अपने पति नागेंद्र की अनुपस्थिति और उसकी काम करने की क्षमता के कारण मजबूर है। रामेश्वरी हार लेकर सेठ पन्नालाल की दुकान पर जाती है, जहां सेठ उसकी मजबूरी समझता है। शुरू में सेठ उसे कम दाम देने की कोशिश करता है, लेकिन रामेश्वरी अपनी हिम्मत जुटाकर सेठ से साठ हजार रुपए मांगती है। अंततः सेठ उसे वह राशि देने पर सहमत हो जाता है। पैसे लेकर रामेश्वरी रामपाल चाचा के पास जाती है, जो गाँव में एक सम्मानित व्यक्ति हैं और शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं। यह कहानी रामेश्वरी की कठिनाइयों और संघर्ष को दर्शाती है। रामेश्वरी (भाग - १) vineet kumar srivastava द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4.2k 2.5k Downloads 7.9k Views Writen by vineet kumar srivastava Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रामेश्वरी एक ऐसी स्त्री की कहानी है जिसने अपने पति के अपाहिज हो जाने के बाद अपने साहस के बल पर अपने परिवार की डूबती हुई नैया को पार लगाया और समाज के लिए एक मिसाल बन गई More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी