कहानी "रंगभूमि" के अध्याय 27 में नायकराम नामक पात्र अपने मुहल्लेवालों से विदा होकर उदयपुर की यात्रा पर निकलते हैं। यात्रा के दौरान, वह रेल के मुसाफिरों के साथ घुलमिल जाते हैं, उन्हें तम्बाकू खिलाते हैं और बच्चों को गोद में लेकर प्यार करते हैं। वह मुसाफिरों से प्रश्न पूछते हैं और अपनी पहचान बताते हैं कि वह काशी के निवासी हैं। नायकराम काशी का महत्त्व बताते हैं और आर्य समाज के कुछ यात्रियों से बहस करते हैं, जिससे वे प्रभावित होकर काशी की निंदा नहीं कर पाते। नायकराम अपनी यात्रा के दौरान दूसरों के साथ संबंध बनाते हैं, रेल कर्मचारियों से परिचय प्राप्त करते हैं और यात्रा के हर पड़ाव पर मदद करते हैं। अंत में, वह उदयपुर पहुँच जाते हैं और वहाँ के अधिकारियों से मिलते हैं। नायकराम की सकारात्मकता और दूसरों की मदद करने की प्रवृत्ति उन्हें यात्रियों और अधिकारियों दोनों के बीच लोकप्रिय बनाती है। रंगभूमि अध्याय 27 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2 2.6k Downloads 8.7k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate फोकटिया - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी