यह कहानी जुहू बीच पर एक व्यक्ति की भावनाओं के बारे में है, जो अपने बचपन के सपने को पूरा होते हुए देखता है। वह बम्बई में फिल्म उद्योग में अपने सपनों को साकार करने के लिए पहुंचा है और वहाँ रहते हुए उसे बेहद खुशी हो रही है। वह अपने अनुभवों को याद करते हुए बताता है कि एक साल पहले उसने बम्बई को केवल देखने के लिए आया था और तब उसने समुद्र के पानी को दूर से देखा था। उस दिन उसने समुद्र से प्रार्थना की थी, यह सोचते हुए कि उसका दिल बहुत बड़ा है। जब वह जुहू बीच पर पहुंचा, तो उसकी आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि उसे यह महसूस हुआ कि उसका सपना अब सच हो रहा है। जुहू बीच Qais Jaunpuri द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.4k Downloads 7.6k Views Writen by Qais Jaunpuri Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लोग देख रहे थे कि मैं भगवान की मूर्ति के साथ छेड़-छाड़ कर रहा हूँ. मगर किसी ने मुझसे कुछ कहा नहीं. मूर्ति पूरी रेत से सनी हुई थी. मैंने अगली लहर में मूर्ति को धोने के इरादे से पानी में डाला, तो लहर इतनी तेज़ थी कि गणेश जी का सिर का हिस्सा मेरे हाथ में रह गया और उनकी पीठ टूट गई. More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी