कहानी "क्रिकेट नचा रहा है" में प्रेम जनमेजय ने समाज की वर्तमान स्थिति का चित्रण किया है। कहानी में गोपाल और जीव के नाचने की बात की गई है, जो दर्शाता है कि कैसे लोग विभिन्न कारणों से नाच रहे हैं - कुछ डर से और कुछ खुशी से। लेखक ने बताया है कि आजकल लोग एक-दूसरे से मिलते समय भी बहुत सतही होते हैं, केवल सोशल मीडिया पर ही संवाद करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राधेलाल जी का जिक्र किया, जो शोकाकुल मुद्रा में हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति का संकेत मिलता है। कहानी में यह भी कहा गया है कि आम आदमी की खुशी और दुःख का माप उसकी मुद्रा से होता है, जो बाजार की स्थिति के अनुसार बदलता है। लेखक ने यह स्पष्ट किया कि कभी-कभी आम आदमी की शोकाकुल मुद्रा के पीछे कोई विशेष कारण नहीं होता। इस प्रकार, यह कहानी जीवन की वास्तविकताओं और समाज की मानसिकता को उजागर करती है। क्रिकेट नचा रहा है Prem Janmejay द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1.6k Downloads 6.4k Views Writen by Prem Janmejay Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "Cricket Nacha Raha Hain" More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी