यह कहानी प्यार की खोज और भावनाओं की अभिव्यक्ति पर आधारित है। लेखक ने पहले प्यार को खोजा और अपने प्रेमी से अपने गहरे अनुभव साझा किए। वह बार-बार पूछता है कि क्या प्रेमी को उनकी भावनाओं का पता था या नहीं। कहानी में एक बेटी का उल्लेख है, जिसमें उसके हंसने, खिलखिलाने, चलने, मुड़ने और नाचने का जिक्र है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लेखक को उसके मासूमियत और खुशी की कितनी परवाह है। यह भावनाओं की गहराई और प्यार की अनिवार्यता पर जोर देती है। मैंने सबसे पहले महेश रौतेला द्वारा हिंदी कविता 1 2.1k Downloads 9.1k Views Writen by महेश रौतेला Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण इसमें विभिन्न संदर्भों से सम्बन्धित कविताएं संग्रहित हैं।जैसे तुम में खोजा था प्यार, तुम्हें पता था या नहीं, पता नहीं। मैंने सबसे पहले तुमसे ही कहा था, अपना पवित्र सत्य तुम्हें पता था या नहीं, पता नहीं। More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी