यह कहानी "मेरे प्यारे पापा" शीर्षक वाले एक काव्य संग्रह के बारे में है, जिसे द्रर्शिता बाबुभाई शाह द्वारा लिखा गया है और संपादक अनिता तन्ना हैं। इस संग्रह में विभिन्न कविताएँ हैं, जिनमें "आरजु," "कशिश," "अस्तित्व," और "परस्पर" शामिल हैं। पुस्तक में द्रर्शिता और उनके पिता की तस्वीरें भी हैं। यह संग्रह पाठकों को अपने पिता के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करने का एक माध्यम प्रस्तुत करता है।
मेरे प्यारे पापा
Darshita Babubhai Shah
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
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विवरण
मेरे प्यारे पापा चित्र ( द्रर्शिता व ऊस के पापा का चित्र ) द्रर्शिता बाबुभाई शाह संपादन – अनिता तन्ना प्रथम पृष्ठ मेरे प्यारे पापा द्रर्शिता बाबुभाई शाह संपादन – अनिता तन्ना तीसरा पृष्ठ द्रर्शिता बाबुभाई शाह के काव्य संग्रह आरजु कशिश अस्तित्व परस्पर अस्तित्व ( ब्रेईल तीपी में ) परस्पर ( मुखपृष्ठ ) शीर्षक मेरे प्यारे पापा तपस्वी चित्र ( द्रर्शिता व ऊस के पापा का चित्र ) द्रर्शिता बाबुभाई शाह संपादन – अनिता तन्ना प्रथम पृष्ठ मेरे प्यारे पापा द्रर्शिता बाबुभाई शाह ( संपादन – अनिता तन्ना ) अनुवादक महेश सोनी ) तीसरा पृष्ठ द्रर्शिता बाबुभाई शाह के
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