यह कहानी चन्द्रगुप्त और सिल्यूकस के बीच की सन्धि और मित्रता के बारे में है। कहानी की शुरुआत राजसभा में होती है, जहाँ चन्द्रगुप्त, सिल्यूकस और उनके साथियों का स्वागत होता है। चन्द्रगुप्त सिल्यूकस का अभिनंदन करते हैं और दोनों के बीच शांति और सहयोग की चर्चा होती है। सिल्यूकस, जो पहले एक विजेता था, अब मित्रता और सन्धि के लिए आया है। चन्द्रगुप्त यह आश्वासन देते हैं कि वे युद्ध की स्थिति से बाहर आ चुके हैं। सिल्यूकस और चन्द्रगुप्त के बीच एक मजबूत मित्रता का बंधन स्थापित होता है, जिसमें दोनों के सुख-दुख साझा करने की बात होती है। चाणक्य, जो आर्य-साम्राज्य के महामंत्री हैं, भी इस बातचीत में शामिल होते हैं। वे सन्धि के महत्व को समझाते हैं और यह सुझाव देते हैं कि ग्रीस की राजकुमारी कार्नेलिया को भारत की कल्याणी बनाया जाए, जिससे दोनों साम्राज्यों के बीच और भी मजबूत संबंध बन सकें। कहानी का अंत चाणक्य की प्रार्थना और सिल्यूकस तथा चन्द्रगुप्त के बीच हाथ मिलाने के साथ होता है, जिसमें फूलों की वर्षा और जय-ध्वनि होती है। यह एक नई शुरुआत और मित्रता का प्रतीक है। चंद्रगुप्त - चतुर्थ - अंक - 44 Jayshankar Prasad द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 22.7k 4k Downloads 17.8k Views Writen by Jayshankar Prasad Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक ओर से सपरिवार चन्द्रगुप्त और दूसरी ओर से यवन सेनापति प्रवेश करते हैं और वे सब साथ साथ बैठ जाते है चन्द्रगुप्त विजेता सिल्यूकस का अभिनंदन करते हैं और उनका स्वागत करते हैं सिल्यूकस कहेते हैं की आज वे विजेता नहीं है और विजित से अधिक भी नहीं है वे सिर्फ संधि और सहायता हेतु आये हैं चन्द्रगुप्त उनकी बात से सहमती जताते हुए कहेते हैं की वे दोनों अब शस्त्र विराम कर चूके हैं इस लिये अब ह्रदय का विनिमय करेंगे फिर चन्द्रगुप्त व् सिल्यूकस की चर्चा आगे बढ़ती है जिसमे राजकुमारी कार्नेलिया भी शामिल होती है और फिर.... Novels चंद्रगुप्त चंद्रगुप्त (स्थान - तक्षशिला के गुरुकुल का मठ) चाणक्य और सिंहरण के बीच का संवाद - उस समय आम्भिक और अलका का प्रवेश होता है - आम्भिक गुरुकुल में शस्... More Likes This वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 1 द्वारा Naina Khan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी