वाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर था, जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता और शाम को दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करके लौट आता। उसकी दुनिया छोटी थी, मगर सुकून से भरी थी। पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन काम से लौटते समय अर्जुन का एक्सीडेंट हो गया। उसकी टांग इतनी बुरी तरह जख्मी हुई कि डॉक्टर ने कह दिया— "अब कुछ महीनों तक चलना तो दूर, सही से खड़ा होना भी मुश्किल होगा।"

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महाशक्ति - 1

एपिसोड01 सीजन 01 "महादेव की महिमा" – अर्जुन की कहानीवाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता और शाम को दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करके लौट आता। उसकी दुनिया छोटी थी, मगर सुकून से भरी थी।पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन काम से लौटते समय अर्जुन का एक्सीडेंट हो गया। उसकी टांग इतनी बुरी तरह जख्मी हुई कि डॉक्टर ने कह दिया— "अब कुछ महीनों तक चलना ...और पढ़े

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महाशक्ति - 2

अध्याय 2: अनाया – एक रहस्यमयी आगाजबनारस की सुबहें वैसे तो गंगा आरती और मंदिरों की घंटियों की गूंज भरी रहती थीं, लेकिन आज हवाओं में कुछ अलग था। घाट की सीढ़ियों पर बैठा अर्जुन अपने विचारों में खोया हुआ था। गंगा की ठंडी हवा उसके चेहरे को छू रही थी, और उसका मन किसी अज्ञात एहसास से भरा हुआ था। वह शिवजी की मूर्ति की ओर देखता रहा, जैसे कोई संकेत खोज रहा हो। लेकिन किसे पता था कि महादेव ने उसके लिए कुछ और ही योजना बनाई थी।गंगा की लहरें मंद गति से बह रही थीं, सूर्य ...और पढ़े

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महाशक्ति - 3

महाशक्ति – तीसरा अध्याय: आधी रात की आहटरात का सन्नाटा पूरे वातावरण में घुल चुका था। आसमान में चाँद पूरी आभा के साथ चमक रहा था, लेकिन अनाया की आँखों में नींद नहीं थी। पिछले कुछ दिनों से उसे अजीब-अजीब सपने आ रहे थे। कभी वो खुद को एक विशाल पर्वत के शिखर पर खड़ा देखती, जहाँ से तेज़ रोशनी निकल रही होती। कभी-कभी उसे ऐसा लगता कि कोई अनजानी शक्ति उसे पुकार रही है।वो समझ नहीं पा रही थी कि यह महज़ एक सपना है या कोई संकेत। लेकिन आज का सपना कुछ अलग था। उसने खुद को ...और पढ़े

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महाशक्ति - 4

महाशक्ति – चौथा अध्याय: गूंजते मंत्र और छुपा रहस्यमंदिर की घंटियों की ध्वनि अभी भी हवा में गूंज रही शिवलिंग से निकलने वाली दिव्य रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही थी, लेकिन अर्जुन और अनाया के दिलों में उठे सवाल शांत नहीं हो रहे थे।"क्या यह सब हमारी कल्पना थी?" अनाया ने धीरे से कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में अनिश्चितता थी।अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा। "नहीं, यह कोई संयोग नहीं हो सकता। हमें इसका अर्थ समझना होगा।"रहस्य से भरा पुराना ग्रंथअर्जुन और अनाया मंदिर से बाहर निकले तो हवा में अजीब-सी ठंडक थी। लेकिन एक सवाल अभी भी उनके ...और पढ़े

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महाशक्ति - 5

महाशक्ति – पाँचवाँ अध्याय: शिवतत्व गुफा की खोजअर्जुन और अनाया गुरुदेव के आश्रम से लौट चुके थे, लेकिन उनके में सवालों की आँधी चल रही थी।"शिवतत्व गुफा आखिर कहाँ है?" अर्जुन ने गहरी सोच में कहा।अनाया ने सिर हिलाया, "अगर यह इतनी महत्वपूर्ण जगह है, तो इसके बारे में कहीं तो कोई संकेत होगा।"गाँव के बुजुर्गों से पूछने पर उन्हें पता चला कि इस गुफा का जिक्र सदियों पहले हुआ था, लेकिन अब कोई नहीं जानता कि वह कहाँ है। बस यह कहा जाता था कि यह किसी घने जंगल के अंदर छिपी हुई है।जंगल की ओर यात्राअर्जुन और ...और पढ़े

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महाशक्ति - 6

महाशक्ति – छठा अध्याय: शिवनील मणि की रक्षागुफा के भीतर चारों ओर गहरी शांति थी। अर्जुन और अनाया के शिवनील मणि रखी थी, लेकिन उसके चारों ओर एक अदृश्य ऊर्जा कवच था। इस दिव्य रत्न को पाना आसान नहीं था।"इस मणि को वही प्राप्त कर सकता है, जो अपने अहंकार और मोह का त्याग कर चुका हो।"यह वाक्य गुफा की दीवारों से गूंज रहा था।शिवनील मणि का रहस्यअर्जुन ने धीरे-धीरे अपना हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन जैसे ही उसने मणि को छूने की कोशिश की, एक ज़ोरदार ऊर्जा झटका लगा और वह पीछे गिर पड़ा।अनाया ने उसे संभाला। "अर्जुन, यह ...और पढ़े

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महाशक्ति - 7

महाशक्ति – सातवां अध्याय: अर्जुन की विजय और नई चुनौतीगुफा के अंदर ऊर्जा का भयंकर प्रवाह था। अर्जुन और के बीच का युद्ध अपने चरम पर था। हर वार के साथ चट्टानें टूट रही थीं, और वातावरण में बिजली की तरंगें दौड़ रही थीं।कालनेश, जो एक अत्यंत शक्तिशाली योद्धा था, उसकी शक्ति अर्जुन से कई गुना अधिक थी। लेकिन अर्जुन के पास केवल अपनी भक्ति, साहस और शिवजी का आशीर्वाद था। वह समझ चुका था कि यह सिर्फ एक शारीरिक युद्ध नहीं था, बल्कि यह उसकी आध्यात्मिक परीक्षा भी थी।"अर्जुन, अपनी शक्ति को संभालो!" अनाया ने चेतावनी दी।अर्जुन ने ...और पढ़े

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महाशक्ति - 8

महाशक्ति – आठवां अध्याय: दिव्य द्वार के उस पारअर्जुन और अनाया के सामने एक विशाल शिवलिंग स्थापित था, जिसकी पूरे वातावरण में प्रवाहित हो रही थी। गुफा के अंदर एक रहस्यमयी शांति थी, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी चुनौती भी महसूस हो रही थी।"यह जगह कुछ अलग लग रही है," अनाया ने धीरे से कहा।अर्जुन ने ध्यानपूर्वक चारों ओर देखा और महसूस किया कि यह सिर्फ एक गुफा नहीं थी, बल्कि एक दिव्य कक्ष था। तभी शिवलिंग के पास लगी एक प्राचीन शिला अचानक अपने आप चमकने लगी।दिव्य संदेश और अगली परीक्षाशिला पर लिखे अक्षर धीरे-धीरे उभरने लगे:"जो इस ...और पढ़े

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महाशक्ति - 9

महाशक्ति – नवां अध्याय: कालचक्र की परछाईअर्जुन और अनाया जैसे ही दिव्य द्वार के अंदर प्रवेश करते हैं, चारों घना अंधकार छा जाता है। वे दोनों एक-दूसरे का हाथ मजबूती से थामे आगे बढ़ते हैं। यह जगह किसी दूसरी ही दुनिया की तरह लग रही थी—ना कोई दीवारें, ना छत, सिर्फ एक अनंत शून्य, जिसमें केवल एक ही चीज़ दिखाई दे रही थी—एक विशाल कालचक्र!कालचक्र का रहस्यउस दिव्य चक्र के चारों ओर कई प्रतीक बने हुए थे, और उसके केंद्र में एक धधकता हुआ प्रकाश घूम रहा था। अचानक एक गूंजती हुई आवाज़ आई—"समय से बड़ा कोई शस्त्र नहीं, ...और पढ़े

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महाशक्ति - 10

महाशक्ति – दसवां अध्याय: विध्वंस का संदेशकालचक्र के रहस्यमयी द्वार के पार जाते ही अर्जुन और अनाया खुद को नई, अज्ञात भूमि पर पाते हैं। यहाँ की हवा में अजीब-सी बेचैनी थी, जैसे यह स्थान किसी भयानक घटना का साक्षी रह चुका हो। चारों ओर सन्नाटा पसरा था, केवल दूर-दूर तक टूटे हुए मंदिरों के खंडहर दिखाई दे रहे थे।अर्जुन ने चारों ओर नजर दौड़ाई। "यह जगह मुझे जानी-पहचानी लग रही है," उसने धीमी आवाज़ में कहा।अनाया ने सिर हिलाया। "हाँ, मुझे भी ऐसा लग रहा है, जैसे यह कभी बहुत पवित्र स्थान रहा होगा, लेकिन अब... यहाँ सिर्फ ...और पढ़े

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महाशक्ति - 12

महाशक्ति – 12वां अध्याय: युद्ध और भविष्यवाणी का संकेतराक्षस और देवताओं का महायुद्धदेवलोक और पृथ्वीलोक की सीमाओं पर एक युद्ध छिड़ चुका था। राक्षसों की सेना देवताओं पर भारी पड़ रही थी। अंधकार के बीच गूंजती तलवारों की टकराहट, अस्त्र-शस्त्रों की चमक, और रणभूमि की धूल से पूरा वातावरण कंपायमान हो रहा था।देवताओं के सेनापति इंद्र और असुरों के राजा विरोचन आमने-सामने थे। इंद्रदेव ने वज्र चलाया, लेकिन विरोचन ने अपनी मायावी शक्ति से उसे निष्क्रिय कर दिया। इसी बीच, अर्जुन भी युद्धभूमि में मौजूद थे, अपनी सेना का नेतृत्व करते हुए। वे अपनी तलवार से राक्षसों को परास्त ...और पढ़े

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महाशक्ति - 11

महाशक्ति – एपिसोड 11"युद्ध का आरंभ और पहली मुलाकात"भूमिकासमय के चक्र में एक नया अध्याय जुड़ने वाला था। देवताओं राक्षसों के बीच महासंग्राम की घोषणा हो चुकी थी। यह सिर्फ एक युद्ध नहीं था, बल्कि धर्म और अधर्म के बीच की अंतिम परीक्षा थी।राक्षसों का नायक कालकेश, जो हजारों वर्षों की तपस्या के बाद अजेय बन चुका था, अपनी विशाल सेना के साथ स्वर्गलोक पर आक्रमण करने निकला। देवताओं ने भी अपनी सेना को तैयार कर लिया था, और इस युद्ध का नेतृत्व स्वयं अर्जुन कर रहा था।लेकिन इस युद्ध में एक और रहस्यमयी शक्ति जुड़ने वाली थी—अनाया।---युद्ध की ...और पढ़े

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महाशक्ति - 13

महाशक्ति – एपिसोड 13भाग्य का खेल और अधमरी अनायायुद्ध के दो दिन बीत चुके थे। देवताओं और राक्षसों की थम गई थी, लेकिन युद्धभूमि की धूल अभी भी हवा में थी। हर कोई अपने घावों को सहला रहा था, लेकिन अर्जुन की बेचैनी बढ़ती जा रही थी।उस रात अर्जुन शिवजी की भविष्यवाणी के बारे में सोचते हुए अपने शिवलिंग के सामने बैठा था। मन में असंख्य विचार उमड़ रहे थे। तभी अचानक एक अजीब दृश्य उसके सामने आया—एक चिड़िया उल्टी दिशा में उड़ रही थी। अर्जुन का मन कांप उठा। "क्या यह वही संकेत है जिसकी चेतावनी महादेव ने ...और पढ़े

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महाशक्ति - 14

महाशक्ति – एपिसोड 14रहस्यमयी जंगल और अर्जुन की तलाशरात का समय था, और जंगल पूरी तरह से अंधेरे में चुका था। अर्जुन की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। अनाया की खोज में वह पेड़ों की शाखाओं और लताओं का सहारा लेकर नीचे उतरता गया। उसके मन में एक ही सवाल था— "अनाया कहाँ है?"उसके हाथों में जलता हुआ मशाल था, जो हल्की रोशनी फैला रहा था। अचानक, उसे ज़मीन पर खून के छींटे दिखाई दिए। अर्जुन का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने अपना मशाल नीचे किया और देखा कि खून की कुछ बूँदें सूखे पत्तों पर गिरी हुई ...और पढ़े

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महाशक्ति - 15

महाशक्ति – एपिसोड 15अनाया की हालत और अर्जुन की बेचैनीरात गहरी होती जा रही थी। अर्जुन अब भी जंगल भटक रहा था, उसकी आँखों में चिंता थी। अनाया का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। "क्या वह सुरक्षित होगी? क्या वह अब भी जीवित होगी?" ये सवाल उसके मन को झकझोर रहे थे।गहरी खोजबीन के बाद, उसे गुफा के पास ज़मीन पर कुछ टूटे हुए कंगन के टुकड़े मिले। अर्जुन ने उन्हें उठाकर देखा—ये अनाया के कंगन थे!"अनाया यहाँ थी!" उसने खुद से कहा और तेज़ी से गुफा की ओर बढ़ा।गुफा के अंदर अनाया की हालतगुफा के अंदर, अनाया ...और पढ़े

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महाशक्ति - 16

महाशक्ति – एपिसोड 16"प्रेम का इज़हार"अनाया अभी भी अचेत अवस्था में पड़ी थी। अर्जुन ने उसकी देखभाल में कोई नहीं छोड़ी। दिन-रात उसके पास बैठकर, उसकी सलामती के लिए प्रार्थना करता रहा। अनाया की चोटें गहरी थीं, लेकिन अर्जुन का प्यार और शिवजी की कृपा उसे धीरे-धीरे जीवन की ओर वापस खींच रहे थे।एक नई शुरुआतअर्जुन ने मंदिर जाकर शिवजी से अनाया के लिए प्रार्थना की—"हे महादेव, यदि मेरी भावनाएँ सच्ची हैं, तो अनाया को जल्दी ठीक कर दो। अगर उसे कुछ हो गया, तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊँगा।"शिवजी के चरणों में सिर झुकाए अर्जुन ...और पढ़े

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महाशक्ति - 17

महाशक्ति – एपिसोड 17"संग बिताए कुछ अनमोल पल"अनाया और अर्जुन के दिलों में प्रेम की अनुभूति गहरी हो चुकी अनाया की हालत अब पहले से काफी बेहतर थी, लेकिन अर्जुन अभी भी उसके आसपास ही बना रहता था। उसकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ता।सूर्योदय के साथ नई शुरुआतएक दिन, अनाया सुबह-सुबह उठी और खिड़की से बाहर देखा। सूरज की हल्की किरणें पहाड़ों को सुनहरी आभा से भर रही थीं। हवा में ठंडक थी, लेकिन मन में एक अजीब-सी गर्माहट थी।तभी अर्जुन हाथ में एक गरम पेय लेकर आया।"अभी भी आराम करना चाहिए, तुम पूरी तरह ठीक नहीं हुई ...और पढ़े

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महाशक्ति - 18

महाशक्ति – एपिसोड 18"बढ़ती नजदीकियाँ और अनजाना डर"सूरज धीरे-धीरे पहाड़ों के पीछे छिप रहा था। आसमान सिंदूरी रंग से गया था। ठंडी हवाएँ बह रही थीं, और मंदिर के पास स्थित झरने से आती पानी की आवाज़ पूरे वातावरण को शांतिमय बना रही थी। अर्जुन और अनाया पास के एक बड़े पत्थर पर बैठे हुए थे।शिव जी की छाया मेंअनाया ने ऊपर देखा, मंदिर की घंटियाँ हल्की-हल्की बज रही थीं।"अर्जुन, क्या तुम्हें कभी ऐसा महसूस हुआ है कि हमारा मिलना सिर्फ एक संयोग नहीं था?"अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा।"हाँ, कई बार। ऐसा लगता है कि कोई शक्ति हमें ...और पढ़े

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महाशक्ति - 19

महाशक्ति – एपिसोड 19"सपने, संकेत और बढ़ता हुआ डर"सूरज की पहली किरणें आकाश में फैल चुकी थीं। पहाड़ों के बसे इस मंदिर क्षेत्र में हर सुबह मंत्रों की गूंज से एक नई ऊर्जा भर जाती थी। लेकिन इस पवित्र वातावरण के बीच अर्जुन के मन में एक अजीब सी हलचल थी। वह रातभर सो नहीं पाया था।अर्जुन का सपना और शिवजी का संकेतरात को जब अर्जुन सोया, तो उसने एक विचित्र सपना देखा—वह एक गहरे जंगल में था। चारों ओर घना अंधेरा था, और सिर्फ चंद्रमा की हल्की रोशनी ज़मीन पर पड़ रही थी। अचानक उसे दूर से अनाया ...और पढ़े

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महाशक्ति - 20

महाशक्ति – एपिसोड 20"भविष्यवाणी का साया"रात का सन्नाटा था। पहाड़ों की चोटियों पर ठंडी हवा चल रही थी। मंदिर घंटे दूर कहीं बज रहे थे, और आकाश में पूर्णिमा का चाँद अपनी रोशनी बिखेर रहा था। लेकिन अर्जुन के मन में बेचैनी थी।वह अनाया के पास बैठा था, जो गहरी नींद में थी। उसकी मासूमियत भरी मुस्कान और शांति अर्जुन को थोड़ी राहत दे रही थी, लेकिन उसके सपनों में वह दृश्य अभी भी गूंज रहा था—शिवजी की भविष्यवाणी, नाग का प्रतीक, और अनाया पर मंडराता अज्ञात खतरा।अनाया का अजीब बर्तावसुबह जब अनाया उठी, तो वह बिल्कुल सामान्य थी। ...और पढ़े

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महाशक्ति – एपिसोड 21: शिव का संकेतशिव का संदेश और अनहोनी की आहटरात्रि का गहन अंधकार पूरे राज्य को आगोश में ले चुका था। आकाश में चमकते हुए तारे भी जैसे कुछ अनहोनी का संकेत दे रहे थे। अर्जुन इस समय अपने महल से दूर, एक प्राचीन शिव मंदिर में ध्यान लगाए बैठा था। उसकी आँखें बंद थीं, और मन पूरी तरह शिव-चिंतन में लीन था। लेकिन आज का ध्यान कुछ अलग था—कुछ विचित्र, कुछ अनजाना।अचानक मंदिर का वातावरण बदलने लगा। तेज़ हवाएँ चलने लगीं, और मंदिर में जल रहे दीपक एक-एक करके बुझने लगे। घंटे बिना किसी स्पर्श ...और पढ़े

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महाशक्ति - 22

महाशक्ति – एपिसोड 22 (विस्तारित और रोमांचक)रात के घने अंधेरे में हिमालय की चोटियों पर बर्फ गिर रही थी। हवा तेज़ी से बह रही थी, लेकिन गुफा के भीतर अर्जुन एक तपस्वी की तरह साधना में लीन था। उसके चारों ओर एक दिव्य आभा थी, और उसकी साधना से उत्पन्न ऊर्जा गुफा की दीवारों को भी कंपा रही थी।अनाया कुछ दूरी पर बैठी थी, लेकिन उसकी आँखें अर्जुन पर टिकी थीं। वह महसूस कर सकती थी कि अर्जुन के भीतर कुछ बदल रहा था—वह अब पहले जैसा नहीं रहा। उसके शरीर से दिव्य ऊर्जा प्रवाहित हो रही थी, और ...और पढ़े

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महाशक्ति - 23

महाशक्ति – एपिसोड 23 (कालसुर का अंत और नया रहस्य)घने अंधकार से घिरी घाटी में अर्जुन और कालसुर आमने-सामने थे। हवा में गूंजती तंत्र-मंत्र की ध्वनि पूरे वातावरण को भयावह बना रही थी। चारों दिशाओं में केवल महादेव का नाम गूंज रहा था, और अर्जुन का क्रोध सातवें आसमान पर था।"आज या तो तू रहेगा या मैं!" अर्जुन की आवाज़ में महादेव की शक्ति झलक रही थी।कालसुर हँसा, "तुम्हारी यह मूर्खता तुम्हें मृत्यु के द्वार तक ले जाएगी, अर्जुन!"युद्ध का आरंभकालसुर ने अपनी गदा उठाई और पूरी ताकत से अर्जुन पर वार किया। वह प्रहार इतना शक्तिशाली था कि ...और पढ़े

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महाशक्ति - 24

महाशक्ति – एपिसोड 24"नियति का संकेत"रात्रि का अंधकार धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। पूर्व दिशा में सूरज की पहली पर्वत शिखरों को छू रही थीं, लेकिन अर्जुन के मन में अभी भी बीती रात की घटनाएँ गूंज रही थीं। शिवजी की भविष्यवाणी अब केवल शब्द नहीं रही, बल्कि वास्तविकता बनकर सामने खड़ी थी।"संकेत स्पष्ट हैं, अर्जुन," शिवजी के शब्द उसके मन में बार-बार गूंज रहे थे। "महान प्रेम की परीक्षा भी महान होती है।"अर्जुन ने अनाया की ओर देखा, जो अब भी हल्की बेहोशी में थी। उसके शरीर पर जख्मों के निशान थे, लेकिन चेहरा अब भी उसी तरह ...और पढ़े

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महाशक्ति - 25

महाशक्ति – एपिसोड 25"काशी में छिपा रहस्य"अर्जुन और अनाया जैसे ही काशी के पवित्र भूमि पर पहुँचे, उन्हें वहाँ दिव्यता का अनुभव हुआ। चारों ओर मंदिरों की घंटियाँ गूँज रही थीं, गंगा की लहरें शांत होकर भी एक रहस्यमयी संदेश दे रही थीं। लेकिन इस शांति के पीछे एक अनजानी बेचैनी भी थी।काशी महादेव मंदिर में प्रवेश करते ही एक वृद्ध साधु उनके सामने आए। उनकी आँखों में अद्भुत तेज था।"तुम्हारी प्रतीक्षा थी, अर्जुन और अनाया," साधु ने गंभीर स्वर में कहा।अर्जुन और अनाया ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया।"महादेव के इस पवित्र स्थान पर हम आपकी सेवा में उपस्थित ...और पढ़े

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महाशक्ति – एपिसोड 26"रहस्यमयी द्वार और काल की चाल"काशी में हलचल बढ़ चुकी थी। मंदिर की दीवारें कंपन कर थीं, गंगा की लहरें उग्र हो उठी थीं, और आसमान में अजीब-सी गड़गड़ाहट गूँज रही थी। अर्जुन और अनाया समझ चुके थे कि यह कोई सामान्य घटना नहीं थी—यह एक युद्ध की पूर्व सूचना थी।वीरभद्र ने अर्जुन की ओर देखा, "समय बहुत कम है, अर्जुन! शिवजी की भविष्यवाणी की पहली परीक्षा यही है कि क्या तुम इस द्वार को पार कर सकते हो।"अर्जुन ने अपनी मुट्ठी भींच ली। उसे समझ आ गया था कि यह केवल बाहरी शक्ति से पार ...और पढ़े

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महाशक्ति - 27

महाशक्ति – एपिसोड 27"शिवजी की चेतावनी और अज्ञात शत्रु"गुफा की रहस्यमयी रोशनी धीरे-धीरे मंद पड़ने लगी। अर्जुन के हाथ अब कालचक्र था, लेकिन उसके मन में असंख्य प्रश्न उमड़ रहे थे। उसने जो भविष्य देखा था, उसमें अनाया घायल थी और एक भयानक राक्षस उसके सामने खड़ा था।"क्या यह भविष्य निश्चित है?" अर्जुन ने खुद से सवाल किया।वीरभद्र ने गंभीर स्वर में कहा, "भविष्य निश्चित नहीं होता, अर्जुन। यह तुम्हारे कर्मों पर निर्भर करता है।"लेकिन तभी, गुफा के भीतर अचानक हवा तेज़ चलने लगी और चारों ओर मंत्रों की गूँज सुनाई देने लगी। शिवजी की दिव्य छवि प्रकट हुई। ...और पढ़े

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महाशक्ति - 28

महाशक्ति – एपिसोड 28"मोह, विश्वास और छिपा हुआ शत्रु"रात गहरी हो चुकी थी, लेकिन अर्जुन की आँखों में नींद नामोनिशान नहीं था। वह काशी लौट आया था, लेकिन शिवजी की चेतावनी उसके मन में गूँज रही थी। अनाया को सुरक्षित रखने की शपथ उसने ली थी, लेकिन कहीं न कहीं उसके मन में एक अजीब-सा डर भी था।"क्या मैं सच में अपने भाग्य को बदल सकता हूँ?" उसने स्वयं से प्रश्न किया।उसी क्षण, हल्की हवा चली और अनाया उसके सामने खड़ी थी। उसकी आँखों में चिंता झलक रही थी।"अर्जुन, तुम्हें क्या हुआ है? तुम इतने व्याकुल क्यों लग रहे ...और पढ़े

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