अनामिका एक मध्यम वर्गीय परिवार की बहुत ही खूबसूरत लड़की थी। उसके पापा अरुण और मम्मी वैभवी ने सीमित साधनों में भी उसे बड़े ही लाड़-प्यार से पाला था। वह सिविल इंजीनियर थी, उसने ख़ूब मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की थी। वह अपने पापा का हाथ बंटाना चाहती थी। वह जानती थी कि उसके पापा की कमाई ज़्यादा नहीं है फिर भी उन्होंने ख़ुद के सपनों में, ख़ुद की ख़्वाहिशों में काट-कसर करके उसे पढ़ाया लिखाया था और एक बहुत ही अच्छा जीवन दिया था। उन्होंने उसकी ज़रूरतों के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। पढ़ाई पूरी होते से ही अनामिका के लिए एक बहुत रईस ख़ानदान से रिश्ता आया। उस रिश्ते के लिए अनामिका ने मना करते हुए कहा, "पापा अभी से शादी ...? अभी मुझे आगे और पढ़ाई करना है; फिर आपका हाथ बंटा कर आपके लिए भी कुछ करना है।"

Full Novel

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नशे की रात - भाग -1

अनामिका एक मध्यम वर्गीय परिवार की बहुत ही खूबसूरत लड़की थी। उसके पापा अरुण और मम्मी वैभवी ने सीमित में भी उसे बड़े ही लाड़-प्यार से पाला था। वह सिविल इंजीनियर थी, उसने ख़ूब मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की थी। वह अपने पापा का हाथ बंटाना चाहती थी। वह जानती थी कि उसके पापा की कमाई ज़्यादा नहीं है फिर भी उन्होंने ख़ुद के सपनों में, ख़ुद की ख़्वाहिशों में काट-कसर करके उसे पढ़ाया लिखाया था और एक बहुत ही अच्छा जीवन दिया था। उन्होंने उसकी ज़रूरतों के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। पढ़ाई ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 2

अनामिका ने अपने पापा मम्मी को इस तरह कभी नहीं देखा था कि मम्मी की किसी बात से पापा उदास हो जाएं कि उनकी आँखों में आंसू आ जाएं। अनामिका इस घटना से विचलित हो गई थी। उसका मन कहीं और था, दिमाग़ कहीं और। वह उसके पापा के लिए दुखी थी तो मम्मी के ऊपर उसे गुस्सा भी आ रहा था। वह सोच रही थी, मम्मी को पापा का इतना प्यार कम पड़ गया और पापा कहाँ कुछ कमी रखते हैं। सब कुछ तो करते हैं फिर भी मम्मी ने इस तरह से बोला, उन्हें ऐसा नहीं कहना ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 3

राजीव ने अनामिका को कॉलेज में आते जाते देखकर पसंद किया है ऐसा सुनकर अरुण ने मुस्कुराते हुए कहा, वाले का भी जवाब नहीं है संजीव साहब। हमने तो अभी उसके विवाह के विषय में सोचना भी शुरू नहीं किया था। लगता है अनु का भाग्य बहुत अच्छा है।" संजीव ने कहा, " अरे अरुण जी अनामिका को देखने से पहले राजीव के लिए पता नहीं कितने रिश्ते आए होंगे पर वह सबके लिए साफ-साफ इनकार कर देता था। उसकी मॉम ने एक दिन परेशान होकर उससे पूछा कि अरे राजीव, इतने अच्छे-अच्छे रिश्ते आ रहे हैं तू उन ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 4

अनामिका अपने कमरे में जाकर निढाल होकर लेट गई। इस समय उसका मन अशांत था। उसे लग रहा था राजीव उसके आगे बढ़ने के रास्ते में रोड़े की तरह आकर खड़ा हो गया है लेकिन इस बात से बेफिक्र उसके पापा मम्मी तो विवाह की योजनाएँ बनाने में व्यस्त थे। इसी तरह दो दिन निकल गए और तीसरे दिन सुबह-सुबह ही सरगम का फ़ोन आया। "हैलो वैभवी।" "हैलो सरगम जी।" "अरे वैभवी सबसे पहले तो तुम मुझे सरगम जी कहना छोड़ो। अब हमारा बराबरी का रिश्ता है, केवल सरगम ही कहा करो।" "ठीक है सरगम जी," कहते हुए वैभवी ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 6

राजीव को इस तरह देखकर अनामिका का दिल टूट गया। सुहाग रात के सुंदर सपने पल भर में शराब चकना चूर कर दिए। उसने राजीव को रोकने की बहुत कोशिश की। उसे ऐसा लग रहा था कि यह प्यार नहीं, बल्कि एक प्रकार की जबरदस्ती है। वह उसकी मर्जी के खिलाफ ऐसा हरगिज़ नहीं होने देगी। उसने राजीव से कहा, "राजीव छोड़ो मुझे, कल शराब के बिना मेरे पास आना हम तभी एक हो सकेंगे ... ऐसे तो बिल्कुल नहीं।" "अरे शराब के बिना कैसे बुला रही हो? शराब के साथ ही शबाब का मज़ा आता है। मैं तो ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 5

अनामिका को शगुन देकर सरगम ने राजीव के साथ इस रिश्ते पर दोनों परिवारों की रजामंदी की मोहर लगा अब तो शहनाई बजने की तैयारियाँ दोनों तरफ़ ही शुरू कर दी गईं । बिना समय व्यर्थ गंवाए उन लोगों ने चट मंगनी और पट ब्याह रचा दिया। आज अनामिका और राजीव की सुहाग रात थी। अनामिका सुहाग की सेज पर बैठी राजीव का इंतज़ार कर रही थी। वह बहुत खुश थी क्योंकि उसके पापा मम्मी की ख़ुशी में ही उसने अपनी भी ख़ुशी ढूँढ ली थी। जब शादी हो ही रही है तो फिर दुखी होने से भी क्या ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 7

सरगम और संजीव को अब तक नहीं मालूम था कि अनामिका सोफे पर सो रही है। तैयार होने के ऑफिस जाने के लिए जैसे ही वे दोनों बाहर आए, ड्राइंग रूम में सोफे पर अनामिका को सोता देख सरगम के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। वह संजीव की तरफ़ देखने लगी तो उन्होंने कहा, "उठाओ उसे, घर में सभी काम करने वाले आ चुके हैं। यह क्या बेहूदगी है? यह कोई सोने की जगह है क्या?" सरगम ने आवाज़ लगाई, "अनु उठो? यहाँ क्यों सो रही हो? क्या हो गया?" अपनी सास की आवाज़ सुनकर अनामिका की नींद खुल ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 8

अनामिका सोच रही थी कि राजीव के पापा मम्मी को तो केवल पैसे कमाने की ही पड़ी है दो रुक कर उसे देखा तक नहीं और चले गए। ऐसे शराबी के साथ जीवन बिताना कितना मुश्किल है। तभी उसके इन विचारों पर अचानक ब्रेक लग गया, जब जोर-जोर से दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ सुनाई दी। राजीव जाग चुका था और अपने आप को कमरे में बंद पाकर उसका गुस्सा तीव्र गति से बढ़ता जा रहा था। अनामिका ने जाकर दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खुलते से राजीव ने बिना कुछ सोचे, बिना कुछ समझे, अपने अनियंत्रित गुस्से के काबू में आकर ...और पढ़े

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नशे की रात - भाग - 9 (अंतिम भाग)

राजीव दंग होकर अनामिका को घर से बाहर जाते हुए देख रहा था। इस समय उसका पूरा नशा उतर था। लेकिन उसे इस सब में अपनी कोई भी गलती नहीं दिखाई दे रही थी क्योंकि यह सब तो उनकी हाई प्रोफाइल ज़िंदगी में आम बात थी। अरुण और वैभवी के साथ अनामिका घर से बाहर निकल गई। बाहर निकलकर अरुण ने जैसे ही वैभवी की तरफ़ देखा तो नज़र मिलते ही वैभवी की आंखें नीचे झुक गईं। झुकी हुई आंखों से उसने कहा, "मुझे माफ़ कर देना अरुण।" उसके बाद वैभवी ने अनामिका की तरफ़ देखकर कहा, "मेरी गलती ...और पढ़े

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