मंजिल अपनी अपनी

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मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा। चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा। मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं। चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड़े बदल रही हूं बडबडाते हुए बोली लो फिर यह बुड्ढा आ गया। मोहन बोला कोई बात नहीं बहू मैं बहार ही खड़ा हूं।। चंदा ने कहा कपड़े बदल रही थी सुन नहीं सकते थे। मोहन बोला जरा ऊंचा सुनता हूं। पर सुन लिया था खुश होना आज तुम्हारी शादी की वर्षगांठ है इस थैली में फल लाया हूं रख लो।। चंदा भी चिल्ला के बोली इसकी क्या जरूरत थी जो थैला उठाकर चले आए।। मोहन बोला तुम दोनों के लिए केले और संतरे हैं मुझे पता है तुम्हें पसंद है। मोहन बोला अपनी बहू के लिए काहे की तकलीफ हाफने लगता है मोहन और नजदीक की कुर्सी में जाकर बैठ जाता है आज तो तुम दोनों की शादी की सालगिरह है। है ना चंदा बेटा।।।।

Full Novel

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मंजिल अपनी अपनी - 1

मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा।चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा।मोहन बोला मैं मोहन आया हूं।चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड़े बदल रही हूं बडबडाते हुए बोली लो फिर यह बुड्ढा आ गया।मोहन बोला कोई बात नहीं बहू मैं बहार ही खड़ा हूं।।चंदा ने कहा कपड़े बदल रही थी सुन नहीं सकते थे।मोहन बोला जरा ऊंचा सुनता हूं। पर सुन लिया था खुश होना आज तुम्हारी शादी की वर्षगांठ है इस थैली में फल लाया हूं रख लो।।चंदा भी चिल्ला के बोली इसकी क्या जरूरत थी जो थैला उठाकर चले ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 2

घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है। चंदा बोली अब ज्यादा मत बातें बनाओ। मैं तो शॉपिंग के लिए कब से तैयार बैठी हूं। हाथ पकड़ते हुए बोली चलो अब। सूरज बोला चाय।चंदा बोली क्या चाय पियोगे?सूरज बोल पिला दो तुम्हारा राज के गुणगान गाएंगे।चंदा बोली फिर वही झूठी चापलूसी।तो फिर और किसकी चापलूसी काम आएगी तुम चाय बनाओगी तब तक मैं जरा सज धज लूंगा। क्रीम पाउडर लगा लूंगा। ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 3

चंदा ने कहा पूछी थी बोले एक ही बार शाम को आकर पी लूंगा ।है मेरे भगवान वह हमारी एनिवर्सरी की डेट भूलते भी तो नहीं। सूरज ने कहा तुम समझती क्यों नहीं चंदा आज की भाग दौड़ में किस किसी के जन्मदिन या सालगिरह की याद रहती है या उनका अपनापन है ही तो है कि निसंकोच अपने आप आकर हमें संभल जाते हैं।चंदा बोली यही तो कमाल है सूरज !जिन्हें हम बुलाना चाहते हैं वह तो ना आए और जिसे ना चाहे.......सूरज ने बीच में टोकते हुए कहा बस बस इस बहस को यही बंद करो और ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 4

चंदा बोली आपको पता है सभी देशों में सरकार ने ओल्ड हाउस खोल रखे हैं सारे बूढ़े वही एक रहते हैं।सूरज बोला तुम उन्हें सभ्य समाज कहती हो जहां सभी औलाद मां-बाप को न पूछे।चंदा बोली अगर कोई किसी को किसी की जान की आफत बन जाए तो.... ।सूरज टोकते हुए बोला बस बस रहने दो अब बत्ती बंद कर रहा हूं।दूसरे दिन सूरज उत्साहित होकर बोला हेलो चंदा डार्लिंग इतनी देर लगा दी दरवाजा खोलने में आज मैं बहुत खुश हूं आज सारा दिन स्टाफ कल की हमारी पार्टी के फूल बांधता रहा पार्टी दो तो सूरज की ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 5

सूरज बोला आईए चाचा जी आईए।मोहन चाचा बोले बहुत दिन हो गए ।सोचा आज इतवार है दोनों मिल ही बोला बहुत अच्छा किया आपने हमारी शुद्ध बुद्ध ले जाते हैं।मोहन चाचा बोले चंदा की चारपाई की ओर बढ़ते हुए अरे हमारी बहु रानी को क्या हुआ इस वक्त लेटी क्यों है।सूरज बोला इसकी तबीयत ठीक नहीं है कमर में दर्द है आप बैठिए आपके लिए चाय बना कर लाता हूं।मोहन चाचा बोला तुम क्यों तकलीफ करते हो रहने दो चाय बाय।सूरज बोला इसमें तकलीफ कैसी? आज नौकरानी नहीं आई है! बूढी औरत है !उसे भी तो कभी छुट्टी चाहिए!( ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 6

चंदा बोली खूब कहा क्या बढ़िया आईडिया है ।एक साथ ही नामकरण और हमारी शादी की सालगिरह।सूरज ने कहा की डबल रौनक डबल पार्टी अब तो खुश।चंदा ने कहा पंडित जी ने यह भी कहा था कि अभी मुन्ना के पैदा होने की सूचना ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंचनी चाहिए समझे।सूरज ने कहा तुम इन बातों को कब से मानने लगी।चंदा ने कहा औलाद के लिए सब मानना पड़ता है।सूरज बोला चलो यही सही तुम खुश रहो और तुम्हारा मुन्ना भी।।।चंदा बोली ओहो आज यह मुझे दिन प्रतिदिन क्या होता जा रहा है। पहले पहल तो मेरी समझ में ...और पढ़े

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मंजिल अपनी अपनी - 7

चंदा बोली कितने खुश होंगे चाचा जब हम कहेंगे आपके प्रताप से ही खिलौना आया है! कल के दोनों आप ही की देखरेख में होंगे !हम आपको लेने आए हैं !पर वह आने से मना तो नहीं कर देंगे??सुरजने कहा नहीं नहीं। वह बहुत उदार है। कहेंगे अच्छा तो यह बात है। अभी लो। फिर जल्दी से अपना कोई नया कुर्ता पजामा पहनेंग कंधे पर झोला लटका आएंगे फिर कहेंगे अब ठीक है चलो।चंदा बोली बाहर आकर कहेंगे तुम दोनों तो कार लेकर आ पहुंचे मैं कोई पराया थोड़े ही हूं।सूरज ने कहा यही है चाचा की कोठरी चाचा ...और पढ़े

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