राजकुमारी शिवन्या

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दोस्तो यह कहानी का स्थल , नाम पूरी तरह से काल्पनिक है इसका हमारे पुराने इतिहास से कोई लेनादेना नहीं है , आप सिर्फ इस कहानी के पढ़ने का आनंद लीजिए , तो चलिए कहानी शुरू करते है। कई सदियों पहले विलम नगर नाम का एक बड़ा सा राज्य हुआ करता था । वहा के राजा का नाम विलम था उसी के नाम पर राज्य का नाम विलम नगर रखा गया था , ओर उनकी पत्नी का नाम रानी नीलंबा था। उन दोनों के शादी के १० साल पूरे हो चुके थे , लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान नहीं हुई थी । दोनों इस विषय को लेकर कभी कभी काफी चिंतीत हो जाते थे। उस राज्य की प्रजा भी इस विषय पर कई बार चर्चा करती रहती थी लेकिन वह अपने राजा रानी का काफी आदर करती थी ओर विलम ओर नीलंबा भी अपनी प्रजा का काफी सम्मान करते थे , कभी कभी संतान कि चिंता में राजा विलम बोलते थे......."है रानी निलंबे अगर हमारी कोई संतान नहीं होगी तो आगे राज्य का राजपाठ कोन संभालेगा हमारी प्रजा को कोन संभालेगा" । तब निलंबा बोलती थी "है स्वामी आप इतनी चिंता मत कीजिए भगवान हमारी झोली में जरूर एक संतान डालेंगे" ओर वह वक्त जल्द ही आयेगा । ऐसा करके दिन बीतते गए फिर एक दिन रानी अपने महल के पास के एक बागीचे मे टहलने चली गई , वह संतान के विषय में ही चिंतीत थी तभी वहा से एक वृद्ध अम्मा गुजरी उन्होंने देखा यह तो रानी निलंबा है ओर वह चिंता मे बैठी है।

Full Novel

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 1

भाग १दोस्तो यह कहानी का स्थल , नाम पूरी तरह से काल्पनिक है इसका हमारे पुराने इतिहास से कोई नहीं है , आप सिर्फ इस कहानी के पढ़ने का आनंद लीजिए , तो चलिए कहानी शुरू करते है। कई सदियों पहले विलम नगर नाम का एक बड़ा सा राज्य हुआ करता था । वहा के राजा का नाम विलम था उसी के नाम पर राज्य का नाम विलम नगर रखा गया था , ओर उनकी पत्नी का नाम रानी नीलंबा था। उन दोनों के शादी के १० साल पूरे हो चुके थे , लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 2

भाग २अब तक आपने देखा कि निलंबा शिव के मंदिर गई थी सैनिकों को लेकर , उसने मन्नत मानली शिव जी की तो चलिए आगे देखते है। जैसे ही निलंबा मंदिर से वापिस महल आयी , राजा विलम कहते है क्या हुआ निलंबे??तब निलंबा बोलती है , है स्वामी आप बिल्कुल भी चिंता ना करे मेने भगवान शिव जी की मन्नत मांग ली है , अब आप देखना भगवान शिव जरूर हमारी संतान कि इच्छा पूरी करेंगे । अब आप भोजन ग्रहण कर लीजिए , राजा ने कहा चलिए साथ मे भोजन ग्रहण करते है । राजा रानी दोनों ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 3

भाग ३अब तक आपने देखा कि वैध ने रानी की जांच की ओर पता चला कि रानी मां बनने है। अब आगे की कहानी देखते है। महल की सारी दासिया रानी के मां बनने की खबर से बहुत खुश हुए, फिर एक दासी ने यह खबर एक सैनिक को बताई ओर बोला इस खबर को जल्द से जल्द संदेश द्वारा महाराज विलम तक पोहचाई जाय, वहां दूसरी ओर रानी निलंबा को होश आया , रानी ने पूछा मुझे क्या हुआ था अचानक। एक दासी ने बताया मुबारक हो आपको रानी जी आप मां बनने वाली है , जब यह ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 4

भाग ४अब तक आपने देखा की रानी को बेटी का जन्म हो चुका था लेकिन राजा विलम के मुख हल्की सी उदासी छा गई थी अब आगे की कहानी देखते है। राजा ने अपनी बेटी को ठीक से देखा तक नहीं था ओर वह अपने कक्ष में चले गए , राजा को ऐसे जाते देख कर सबको यह आश्चर्यजनक दृश्य लगा , थोड़ी देर के बाद रानी निलंबा को होश आया ओर उसने अपने बच्चे को देखा , दासी ने कहा मुबारक हो महारानी आपको राजकुमारी हुई है , यह सुन कर तो रानी को खुशी का ठिकाना नहीं ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 5

भाग ५ अब तक आपने देखा राजा विलम ने बेटी की आने की खुशी में सारी प्रजा मे मिठाई सब लोग बहुत खुश थे अब आगे की कहानी देखते है। राजा और रानी शिवन्या का खूब ध्यान रखने लगे , जान से भी प्यारी थी उन्हे अपनी बेटी। आखिर इतने सालो बाद बच्चे का सुख भोग रहे थे राजा रानी।अब समय बीतता जाता है शिवन्या धीरे धीरे बड़ी होती जा रही है , वह अब १० साल की हो जाती है । समय कब चला जाता है पता ही नही चलता , राजा शिवन्या को सारी विद्याएं सिखाना चाहते ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 6

भाग ६ अब तक आपने देखा की शिवन्या ने प्रजा को सुरक्षित स्थान पर पोहचाने के लिए राजा से अब आगे की कहानी देखते है। राजा विलम ने रानी से कहा जिन लोगो के घर कच्चे है ओर जिनके घर इस मूसलाधार बारिश में बह गए है हम उनको हमारा जो दूसरा महल है वहा सुरक्षित भेज देते है , रानी ने कहा ये सही बात है। फिर राजा विलम ने अपने सैनिकों को भेजा बहुत सारे रथ भी भेजे ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रजा के लोग महल तक सुरक्षित जा सके। शाम तक सैनिकों ने प्रजा के लोगो ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 7

भाग ७ अब तक आपने देखा कि रानी को गरीबों को खाना खिलाने की मन्नत के बारे में याद गया था और उन्हों ने राजा से इस बारे में बात की अब आगे की कहानी देखते है। राजा और रानी बात करके सो गए अगले दिन का सूर्योदय हो गया, रानी ओर उनकी दासियों ने आज जल्दी उठ कर सारा भोजन बना लिया , खीर पूरी, गुलाब जामुन, सब्जी और दूसरी कई वानगी बनाई। ४ रथ निकले राजा ने, एक में वह ओर रानी जाने वाले थे दूसरे रथ में खाना ले जाना था और बाकी दोनों रथ में ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 8

भाग ८ अब तक आपने देखा की शिवन्या ने अपने पिताजी से इनाम में नगर यात्रा करने की इच्छा की ओर राजा ने कहा आप जरूर जा सकती हो अब आगे की कहानी देखते है। राजा विलम ने सैनिक से कह कर शिवन्या के लिए रथ निकलवाया जिसमे शिवन्या ओर उसकी सुरक्षा के लिए दो सैनिकों को भेजा राजा ने। अब राजकुमारी जट से दौड़ कर रथ के ऊपर चढ़ गई वह नगर यात्रा करने के लिए बहुत ही बेताब थी, सैनिक भी रथ में चढ़ गए सारथी ने रथ आगे बढ़ाया और शिवन्या की पहली नगर यात्रा शुरू ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 9

भाग ९ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या अपनी नगर यात्रा समाप्त करके महल वापिस आ चुकी थी उन्हों ने वहा अलग अलग स्वभाव के लोग देखे उनके लिए यह सब नया था क्युकी वह ज्यादातर महल में ही खेलती रहती थी अब आगे की कहानी देखते है। महल में आने के बाद रानी निलंबा ने कहा अरे पुत्री आप आ गई कैसी लगी आपको विलम नगर की यात्रा , राजा विलम ने कहा हा पुत्री बताओ केसा लगा आपको नगर?? क्या आपको यात्रा के दौरान आनंद आया , राजकुमारी शिवन्या ने कहा हां मां पिताजी मुझे नगर ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 10

भाग १० अब तक आपने देखा की कई वर्ष बीत जाते है , राजकुमारी शिवन्या की उम्र १० से साल हो जाती है वह एक राजकुमारी थी फिर भी उनमें इस बात का कोई अभिमान नहीं था वह सब के साथ प्रेम से ओर नम्रता से बात करती थी अब आगे की कहानी देखते है। शिवन्या की २१ साल की उम्र होने के बावजूद भी उनमें वह छोटी शिवन्या की शरारते उनके अंदर थी आज भी वह पहले जितनी ही मस्तीखोर थी, उनके खुले रेशम से बाल , तितली जेसी नैन , गुलाबी होठ , ओर नीले रंग के ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 11

भाग ११ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या रानी निलंबा को कहती है कि में विवाह के लिए देखने को तैयार हु, यह सुनकर रानी निलंबा खुश हो गई वह आगे कुछ भी बोले उससे पहले शिवन्या तलवार बाजी का अभ्यास करने चली जाती हैं, अब आगे की कहनी देखते है। राजकुमारी शिवन्या एक बड़े से मैदान के बाजू में अपने तलवार बाजी का अभ्यास करने चली जाती है , वह जब भी अपने खुद के कार्य से कही निकलती तो वह अपनी सुरक्षा के लिए साथ सैनिकों को नहीं ले जाती थी वह कहती थी की....... "मेने ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 12

भाग १२ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या सुबह उठकर साध्वी के वस्त्र धारण कर लिए, क्योंकि उन्हें में जाकर देखना था की प्रजा में कोन कोन साधु साध्वी से आदर भाव से बात करता है। शिवन्या अपने कक्ष से बाहर निकली सैनिक उन्हे देख कर चौक गए की अंदर राजकुमारी शिवन्या गई थी वह ऐसे साध्वी के वस्त्र धारण करके बाहर क्यों आई है , लेकिन वह राजकुमारी थी सैनिकों ने इसलिए उनसे कुछ पूछा नहीं , राजकुमारी नीचे आती है , रानी निलंबा ओर राजा विलम नीचे ही खड़े थे , राजा ने शिवन्या को देखा ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 13

भाग १३ अब तक आपने देखा कि राजा विलम ने राजकुमारी शिवन्या के कहने पर साधु का अपमान करने उस दुराचारी आदमी को कारावास में रहने की सजा दी , अब आगे की कहनी देखते है। राजकुमारी शिवन्या सभा समाप्त होते ही अपने कक्ष में चली गई , वह आज पूरे नगर में खुले पाव से चली थी उपर से इतनी गर्मी थी जमीन काफी गरम थी इस वजह से उनके पाव में छाले हो गए थे , वह अपने कक्ष में जाकर थोड़ी देर विश्राम करने लगी तभी वहां रानी निलंबा एक पीले रंग का लेप ले कर ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 14

भाग १४ अब तक आपने देखा की शिवन्या अपना तलवारबाजी का अभ्यास करने के लिए पास ही के एक मैदान में अपना अभ्यास कर रही थी तभी वहा एक राजकुमार जेसे दिखने वाला नौजवान लड़का कबसे उन्हे देख रहा था, इसलिए राजकुमारी ने उसे अपने पास बुलाया अब आगे की कहनी देखते है। वह लड़का शिवन्या के पास आया , शिवन्या ने अपनी तलवार को उस लड़के के गले के उपर रखा ओर कहा में कबसे देख रही थी तुम मुझे देख रहे थे, शिवन्या ने उस लड़के के आसपास तीन चक्कर लगाए फिर वह अपनी जगह पर आ ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 15

भाग १५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी महल वापिस आ गई थी , राजा रानी ने उन्हे आवाज कर बुलाया लेकिन वह उनकी बात बिना सुने कोई उत्तर दिए बगैर ही अपने कक्ष में चली गई, अब आगे की कहानी देखते है। रानी निलंबा उनके पीछे पीछे कक्ष में गई वह राजकुमारी के कक्ष में पहुंच गई , रानी ने देखा की राजकुमारी बहुत क्रोधित लग रही थी ओर अपनी शेय्या में बैठी थी , रानी कक्ष के अंदर गई वह राजकुमारी शिवन्या के पास जाकर बैठी ओर राजकुमारी का मुंह उन्हों ने प्यार से अपनी ओर किया ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 16

भाग १६ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने अपने कक्ष की खिड़की से देखा की इतनी रात दो आदमी महल के बाहर एक कुटिया के पास खड़े थे , अब आगे की कहानी देखते है। शिवन्या सोचती है अभी इन दो चोरों कोमें पकड़ लेती हु , ये सोच कर शिवन्या नीचे उतर कर जल्दी से भागती हुई महल के दरवाजे के बाहर निकल जाती है उस कुटिया की ओर , वहा वो चुपके से झांक के देखती है उसे वहा कोई भी नजर नहीं आता है , वो बाहर निकल कर अच्छे से देखती है सब ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 17

भाग १७ अब तक आपने देखा की राजा ने दोनो चोर को पकड़ कर कारावास में डलवा दिया , सब लोग सो गए , अब आगे की कहनी देखते है। राजा और रानी अपने कक्ष में बात कर रहे थे , रानी निलंबा ने कहा एक ही तो पुत्री है हमारी वो भी महादेव ने १० साल का इंतजार करवाके हमारी झोली में डाली थी अगर आज उसे कुछ हो जाता तो में तो जी ते जी मृत हो जाती , राजा विलम ने इस बात पर कहा , आप इतनी चिंता न करे वो अब बड़ी हो गई ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 18

भाग १८ अब तक आपने देखा की लड़के वाले अपने समय से काफी शीघ्र ही विलम नगर आ चुके जिस वजह से रानी निलंबा ने राजकुमारी शिवन्या को शीघ्रता से कक्ष में भेज दिया और बुलाने पर ही बाहर आने को कहा अब आगे की कहानी देखते है। राजकुमारी अपने कक्ष के भीतर चली गई, वह अंदर बैठ गई और दासी से कह रही थी यह लोग इतनी जल्दी क्यों आ गए , वहा बाहर पड़ोसी राज्य धरम गढ़ के राजा धरम ओर रानी सुमिधा अपने पुत्र राजकुमार वीरेन के साथ राजमहल के मुख्य द्वार के भीतर पधार गए ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 19

भाग १९ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या दासी को बोल रही थी की अगर राजा धरम ओर सुमिधा के पुत्र से उनका विवाह होगा तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है अब आगे की कहानी देखते है। सब लोग बैठे हुए थे , रानी निलंबा ने वीरेन से कहा पुत्र १६ साल पहले तुम्हे देखा था और अब आज देख रही हु एक दम बदल गए हो सही कहा ना महाराज , राजा विलम ने कहा अरे बदलेगा ही तब तो छोटा था ओर अब योद्धा बनकर लौटा है विद्यापीठ से, इतने सालो में कोई इंसान बदलेगा ही ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 20

भाग २० अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने देखा वीरेन तो वही लड़का है जो उसे मैदान मिला था वह अपने माता पिता से वीरेन की शिकायत कर रही थी अब आगे की कहानी देखते है। वीरेन भी राजकुमारी शिवन्या को देख कर आश्चर्यचकित हो गए थे , रानी सुमिधा ने कहा राजकुमारी कृपया कर शांत हो जाए हमे नही पता की आप दोनो के बीच क्या बातचीत हुई परंतु में एक चीज अपने पुत्र के विषय में दावे के साथ कह सकती हु, मेरा पुत्र नटखट है वह मजाक कर सकता है परंतु किसी स्त्री के ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 21

भाग २१ अब तक आपने देखा राजकुमारी शिवन्या, राजा विलम, राजा धरम ओर सेनापति सेना को ले कर युद्ध चले गए परंतु राजकुमारी शिवन्या ने वीरेन को महल में ही रुकने को कहा महल की सुरक्षा हेतु , रानी निलंबा उनको समझाती है की उनको आपकी चिंता है इसलिए, अब आगे की कहानी देखते है। राजा विलम , राजा धरम ओर राजकुमारी पूरे जोश में आगे बढ़ रहे थे अपने अपने अश्व के साथ , वह युद्ध के मैदान में पहुंच चुके थे, दुश्मन राज्य चरनपुर के राजा मनसुख भी अपनी सेना को लेकर मैदान में पहुंच चुके थे ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 22

भाग २२ अब तक आपने देखा की एक सैनिक ने राजकुमारी शिवन्या पर तलवार से वार किया क्युकी राजकुमारी ध्यान राजकुमार वीरेन की बातो को सुन कर उनको देखने में था अब आगे की कहानी देखते है। राजकुमारी के पूरे शरीर पर खून फेल गया था तलवार का घाव काफी तेज था , उनमें खड़े रहने की क्षमता नही थी वह पैरो के बल नीचे गिर पड़ी राजकुमार वीरेन भागते हुए शिवन्या की और दौड़े और उस सैनिक को मार दिया जिसने शिवन्या को तलवार मारी थी , क्रोध में आके उन्हों ने आसपास के सारे सैनिकों को मार ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 23

भाग २३ अब तक आपने देखा की राजकुमारी ने इस विवाह के लिए उत्तर में हा कहा था अब की कहानी देखते है। सब लोग राजकुमारी का उत्तर सुन कर बहुत खुश हो गए थे , रानी सुमेधा ने कहा ये तो बहुत अच्छी बात हो गई राजकुमारी की सहमति मिल गई अब तो विवाह धूमधाम से संपन्न करेंगे,इनके जेसी बहु तो सौभाग्य से मिलती है , रानी निलंबा ने कहा तो राजकुमार वीरेन भी तो हीरे से कम नहीं , हां पहले इनके रिश्ते की शुरुआत लड़ाई से हुई थी परंतु विवाह के बाद इनका रिश्ता खूब जमेगा, ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 24

भाग २४ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने शादी के लिए हामी भर दी थी विवाह का नजदीक आता है और उनका विवाह उनके ही महल में रखा गया था अब आगे की कहानी देखते है। इस विवाह के कारण सबके चहरो पर अलग ही खुशी जलक रही थी , विवाह की धूमधाम से तैयारीयां चल रही थी एक दम खुशी का माहोल चल रहा था, पूरे महल को अच्छे से सजाया जा रहा था अलग अलग तरह की मिठाईयां ,छप्पन भोग बनाये जा रहे थे , उस दौर में भी धाम धूम से विवाह मनाया जाता ...और पढ़े

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 25

अंतिम भाग २५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या को राजकुमार वीरेन का खत मिला था उन्हों ने पढ़ा दूसरे दिन शादी थी इसलिए वह खत पढ़ कर सो गई अब आगे की कहानी देखते है। उन्हों ने अपने तकिए के नीचे खत रख दिया सवेरा होने ही वाला था प्रहर के ५ बज रहे थे , उनकी निंद्रा अपने आप खुल गई , ओर अचानक से मन में आया अरे..... आज तो मेरी शादी है ये बात दिमाग में आते ही वह जट से उठ गई उन्हों ने अपने कक्ष को पूरे ध्यान से देखा क्युकी आज ...और पढ़े

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