नाजायज रिश्ते का अंजाम

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समय बीतने पर राजेन्द्र माया के साथ छेड़छाड़ भी करने लगा कभी वह माया के नितम्बो को सहला देता।कभी उसके गुलाबी होठो को चूम लेता।कभी माया को बांहों में लेकर गोद मे उठा लेता।माया ने राजेन्द्र की हरकतों का विरोध नही कियाएक दिन माया के दोनों बच्चे स्कूल की तरफ से पिकनिक पर गए थे।पति सुबह का गया रात को ही लौटता था।उस दिन राजेन्द्र की कम्पनी की भी छुट्टी थी।वह माया से बोला,"पिक्चर देखने चलते है।"क्या करेंगे?"माया बोली,"घर मे ही बातें करेंगे।'"बहुत दिन हो गए कोई मूवी नही देखी।"राजेन्द्र के जोर देने पर वह उसके साथ जाने के लिए

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--पार्ट 4

समय बीतने पर राजेन्द्र माया के साथ छेड़छाड़ भी करने लगा कभी वह माया के नितम्बो को सहला देता।कभी गुलाबी होठो को चूम लेता।कभी माया को बांहों में लेकर गोद मे उठा लेता।माया ने राजेन्द्र की हरकतों का विरोध नही कियाएक दिन माया के दोनों बच्चे स्कूल की तरफ से पिकनिक पर गए थे।पति सुबह का गया रात को ही लौटता था।उस दिन राजेन्द्र की कम्पनी की भी छुट्टी थी।वह माया से बोला,"पिक्चर देखने चलते है।""क्या करेंगे?"माया बोली,"घर मे ही बातें करेंगे।'"बहुत दिन हो गए कोई मूवी नही देखी।"राजेन्द्र के जोर देने पर वह उसके साथ जाने के लिए ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--पार्ट 1

चार बच्चों की माँ प्रेमी के साथ भाग गयी।पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की।दौलत के पत्नी ने पति की हत्या की।पेसो के लिए पत्नी ने दूसरे का दामन पकड़ा।इस तरह के या इससे मिलते जुलते समाचार आये दिन अखबारों में छपते रहते है।हमारे देश मे औरत को बचपन से ही पतिव्रता धर्म की शिक्षा दी जाती है।उसे सिखाया जाता है कि पति चाहे जैसा हो पत्नी को उसे परमेश्वर मानकर उसकी तन मन से सेवा करनी चाहिए।शादी होने के बाद औरत पतिव्रता धर्म का पालन करते हुए तन मन से पति के प्रति समर्पित रहती ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--पार्ट 2

सुधीर ने घर की चाबी माया को सौंपते हुए कहा था,"आज से इस घर की मालकिन तुम हो।"आजकल हर शिक्षित लडकी का सपना होता है।डॉक्टर,इंजीनियर, अफसर या बिजिनेश मेन उसे पति रूप में मिले।जो उसे घुमाय फिराए।उसकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखे।उसके सुख दुख का साथी हो।उसकी हर बात माने।दूसरे शब्दों में हर लड़की ऐसा पति चाहती है जो अमीर हो और उसका गुलाम बनकर रहे।माया का भी दूसरी लड़कियों की तरह ख्याल था कि उसका पति उसकी हर बात मानेगा।वह जैसा कहेगी वैसा ही करेगा। लेकिन जैसा उसने सोचा था, वैसा नही हुआ।शादी के बाद मुम्बई आने ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--पार्ट 3

सुधीर रेस्तरां जाने के लिए तैयार हो रहा था।उसने भी उस पत्र को पढ़ा था।इटारसी में उसके दूर के के मौसा रहते थे।मौसाजी के जिगरी दोस्त मोहन का लड़का था राजेन्द्र।वह मुम्बई में एक कम्पनी में एक साल के लिए अप्रेंटिसिप करने के लिए आया था।मौसाजी ने राजेन्द्र के रहने की व्यस्था करने के लिए पत्र लिखा था।"अभी तुम खाना पीना खाकर आराम करो।मैं शाम को लौटूंगा तब हम बात करेंगे।सुधीर रोज की तरह अपने काम पर चला गया।राजेन्द्र तैयार होकर जॉइन करने के लिए कम्पनी चला गया।रात को सुधीर लौटा तब राजेन्द्र बोला,"भाई साहब मेरे लिए कमरा।"सुधीर कुछ ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--5

माया राजेन्द्र से अलग होकर दरवाजा खोलने के लिए आ तो गयी।लेकिन उसे अस्त व्यस्त अवस्था मे देखकर सुधीर मन मे सन्देह का बीज फूट गया।सुधीर ने पत्नी से साफ साफ तो कुछ नही कहा पर घुमा फिराकर सब कुछ कह दिया।पति की बात का माया पर कोई असर नही पड़ा।राजेन्द्र के प्यार में वह ऐसी पागल हो चुकी थी कि जो माया पति की हर बात आंख मूंद कर स्वीकार कर लेती थी।वह माया पति की बात पर ध्यान देने के लिए तैयार नही थी।घर से बेखबर हर समय अपने धंधे की सोचने वाला सुधीर शक होने पर ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--6

लेकिन अचानक दो साल बाद वे मुम्बई में प्रकट हो गए। राजेन्द्र को मुम्बई की एक कम्पनी में नौकरी गयी थी।कम्पनी की तरफ से राजेन्द्र को एक फ्लैट मिल गया थायह घर सुधीर के घर से तो दूर था लेकिन राजू और मोना के स्कूल के रास्ते मे पड़ता था।राजेन्द्र सुबह काम पर चला जाता तब माया फ्री हो जाती।क्या करे?वह अपने घर की बालकनी में आकर खड़ी हो जाती।एक दिन वह बालकोनी में खड़ी होकर सड़क से आने जाने वाले लोगो को देख रही थी।तभी उसकी नजर मोना और राजू पर पड़ी।माया जोर से चिल्लाई,"राजूपर बच्चों ने नही ...और पढ़े

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नाजायज रिश्ते का अंजाम (अंतिम भाग)

पहले राजेन्द्र माया का पूरा ख्याल रखता था।उसकी सुख सुविधा और जरूरत का ध्यान रखता था।और शाम को समय घर लौट आता था।पर प्रतिभा के सम्पर्क में आने के बाद उसका ज्यादा समय उसके साथ गुजरने लगा।कम्पनी से निकलने के बाद वह प्रतिभा के साथ कही न कही चला जाता।इसलिए वह घर देर से लौटने लगा।"देर से क्यो आये?"माया,राजेन्द्र से देर से आने का कारण पूछती तो वह कोई न कोई बहाना बना देता।राजेन्द्र के रोज देर से घर लौटने पर माया को सन्देह हुआ।और एक दिन माया,राजेन्द्र के ऑफिस जा पहुंची।"राजेन्द्र अंदर ऑफिस में है?"माया ने गेट पर ...और पढ़े

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