अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से

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मैं परमश्रद्धेय गुरूदेव स्वामी हरिओम तीर्थ जी के पास एक दो दिन में गुरूनिकेतन जाता रहता हूँ। यह गुरूनिकेतन स्वामी नारायण देव तीर्थजी महाराज की परम्परा का है। उस दिन जब मैं गुरूनिकेतन पहुँचा , नगर के प्रसिद्ध होमोपैथी चिकित्सक डा0 के0 के0 शार्मा वहाँ पहले से ही मौजूद थे। जैसे ही मैं उनके पास बैठा महाराज जी बोले-‘‘‘और तिवाड़ी जी क्या कर रहे हैं?’’ मैंने कहा-‘‘इन दिनों मैं अवधूत बाबा गौरी शंकर का जीवनचरित्र पुनः लिखने की सोच रहा हूँ। हमारे परमहंस मस्तराम गैारीशंकर सत्संग समिति के सदस्य इस बात पर जोर दे रहे हैं। महाराज जी ने पूछा-‘‘ समिति में कौन-कौन हैं?’’ मैंने नाम गिनाये-‘‘अनन्तराम गुप्त,रामवली सिंह चन्देल,भवानीशंकर सैन,इ0जगदीश तिवारी एवं प्रेम नारायण विलैया आदि आते हैं। वे बोले-‘‘बस चार पाँच लोग !’’ मैंने कहा-‘‘जी, बाबा की जिस पर कृपा है वही सत्संग में टिक पाता हैं। मैंने देखा है सत्संग में कुछ लोग बड़े उत्साह से आ तो जाते हैं किन्तु उनका आना एक दो वार से अधिक नहीं हो पाता। फिर उनका इधर आने का मन ही नहीं होता।’’

Full Novel

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अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से - 1

अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से 1 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com मेरे परम आराध्य परमहंस मस्तराम गैारीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर समर्पित रामगोपाल भावुक 2.6.20 भूमिका मैं परमश्रद्धेय गुरूदेव स्वामी हरिओम तीर्थ जी के पास एक दो दिन में गुरूनिकेतन जाता रहता हूँ। यह गुरूनिकेतन स्वामी नारायण देव तीर्थजी महाराज की परम्परा का है। उस दिन जब मैं ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 2

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 2 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com बाबा घर में ठहरे थे। उस रात पुत्र राजेन्द्र को उल्टियाँ होने लगीं। रात्री में बाबा को कष्ट देना उचित नहीं लगा। कैसे भी रात काटी। सुवह ही मन ही मन इकलोते पुत्र की जिन्दगी का सन्देह लिये बाबा के पास मैं अर्ज लेकर पहुँच गया-‘‘बाबा,राजेन्द्र को रातभर उल्टियाँ होती रही हैं।’’ बाबा मेरे अन्दर ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 3

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 3 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com कुछ दिन ठीक रहने के बाद बाबा वहाँ से भी चल दिये। ग्वालियर जिले के पंचमहल क्षेत्र का कोई गाँव ऐसा नहीं हैं जहाँ बाबा नहीं गये हों। वे चाहते तो अपने लिये कहीं भी आश्रम बना सकते थे। इनका देशभर में कहीं कोई आश्रम नहीं मिलेगा। रमता जोगी बहता पानी वाली कहावत को चरितार्थ करने में लगे रहे। इस क्षेत्र के हर गाँव ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 4

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 4 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com राजेन्द्र की शिक्षा पूरी हो गई। उपयन्त्री के पद पर उसकी नौकरी लग गई। उसके विवाह के लिये सम्बन्ध आने लगे। एक दिन की बात है, मिलान हेतु एक कुन्डली आ गर्इ्र। मैंने उसे देखने के बाद पाया कि कुन्डली नहीं मिली। यह सोचकर मैंने उसे मन्दिर के ऊपर वाली अल्मारी में रखने के लिये हाथ बढाया। कुन्डली हाथ से ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 5

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 5 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com मैंने ‘‘संत गौरीशंकर चरित माल‘‘में बाबाका जन्म परिचय अति संक्षेप में निम्न शब्दों में दिया है- पावन डबरा क्षेत्र भू धन्य बिलौआ ग्राम । पग पग परम पवित्र रज डगडग तीरथ धाम ।। शुभदिन शुभऋतु शुभ अयन अतिशुभ बहीसमीर । उन्नीस सौ चौबास सन बाबा धरौ शरीर ।। जगन्नाथ के पुत्र प्रिय मौजी राम सुपौत्र । गौरी शंकर नाम ...और पढ़े

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अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से - 6

अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से 6 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com बाबा की सौम्य मुद्राः बाबा की मुद्रा प्रायः सौम्य ही रहती थी। उनके मुखमण्डल पर एक दिव्यतेज की आभासी प्रतीत होती थी। अंग्रेजी भाषा में एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि ‘‘चेहरा मनुष्य के विचारों का सूचक होताहै’’। सहज ही में समझा जा सकता है कि जिसका मन शान्त और स्थिर होगा उसका मुखमण्डल भी सौम्य और तेजोमय होगा। चित्त की शान्ति को ...और पढ़े

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अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से - 7

अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से 7 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com संत तो सदा-सदा के लिये ही होते हैं । उनका शरीर भले ही नश्वर हो,उनकी आत्मा,आत्मिक शक्ति,और कृपादृष्टि अक्षुण्य होती है। और, शरीर त्यागने के बाद भी क्या उन्हें कोई दिविगंत मानता है!! क्या आज तक किसी ने तुलसीदास को स्वर्गीय तुलसीदास या कवीर को स्वर्गीय कवीर दास के नाम से सम्वोधित किया है। बाबा के भक्त तो यही मानते हैं कि बाबा ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 8

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 8 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com शून्य जी द्वारा लिखित बाबा के इस चरित्र को पढकर द्रश्य जगत एवं अदृश्य जगत के बारे में बात मेरे मन में आने लगी। यही बात मैंने गुरुदेव हरिओम तीर्थ जी के समक्ष रखी। महाराज श्री बोले-‘‘दृश्य जगत वो जो दिखाई देता है। किन्तु अदृश्य जगत दो तरह का होता है। एक जो वासना से युक्त जैसे भूत-प्रेत, दूसरा निर्लिप्त। ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 9

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 9 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com बाबा, जब भी मेरे सामने आते अवोध शिशु की भाँति आते। एकवार मेरे से कहने लगे-‘‘आज मेरी ट्टटी धुला।’’ मैंने संकोच किये बिना उनकी ट्टटी धुला दी। उस दिन से बाबा मुझे अवोध शिशु की तरह लगते हैं। बाबा की भाभी की बातें गुनते हुये मैं घर लौट आया था। इसके कुछ दिनों बाद इसी क्रम में मेरी मुलाकात बाबा के ...और पढ़े

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अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से - 10

अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से 10 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com एकबार एकान्त में बाबा ने मुझसे कहा-‘‘ एकबार जन्म और लेना पड़ेगा।’’इसी तरह एकबार एकान्त में बाबा कहने लगे-‘‘किसी कारण से नित्य पूजा पाठ न कर पाओ तो गीता का केवल छटवा अध्याय ही पढ़ लिया करो। इससे नित्य पूजा पाठ की पूर्ति होजाती है।’’ आज बाबा के अदृश्य होने के बाद, ये बातें सोचने में आती हैं कि बाबा जीवन ...और पढ़े

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से - 11 - अंतिम भाग'

अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से 11 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com हम सन्1962 ई0 में डबरा आकर रहने लगे थे। बाबा की जाने क्या कृपा हुई कि वे मेरे पास आकर रहने लगे। एक माह में मुझे बाबा की तीन अवस्थायें देखने को मिलीं हैं। पहली अवस्था-शौच जाने के बाद दोनें समय स्नान करते, विधिवत पूजा पाठ करते एवं सफेद चन्दन लगाते थे। बाबा योगी थे। वे कृष्ण भक्त थे। इन दिनों सूर्य नारायण को जल ...और पढ़े

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