नमस्कार...! में फिर आ गया हूं, एक नवलकथा लेकर। आप सबने मेरी पिछली सभी कहानीओ को जितना प्यार दिया है, वैसा ही प्यार आप इस कहानी को भी देंगे ऐसी आशा है। ये कहानी है रवि और स्नेहा की। रवि और स्नेहा एकदूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन कोई ऐसी शैतानी शक्ति है जो उनको एक नहीं होने देना चाहती। क्या रवि और स्नेहा एक हो पायेंगे? और वो कोन सी शैतानी शक्ति है जो उनको एक नहीं होने देना चाहती? जानने के लिए पढ़िए... रात

Full Novel

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रात - 1

रात (भाग - 1) ( हिंदी अनुवाद ) ...और पढ़े

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रात - 2

भाग 1 में आपने देखा की स्नेहने एक सपना देखा, जिसमे वो रवि को वेलेंटाइन डे पर मिल रही वहा किसी शेतानी शक्तिने उनको जुदा करने की कोशिश की। स्नेहा कॉलेज गईं। वहा प्रोफेसर शिवने बताया कि एक प्रॉजेक्ट बनाने के लिए सबको तीन महीने के लिए स्वर्णापुर नाम के एक गांव में जाना होगा। ...और पढ़े

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रात - 3

स्नेहा अपनी सहेलियों से बातें कर रही थी तब उसे ऐसा लगा कि अचानक ही बस की बहार कुछ तेजी से गुजर रहा था। स्नेहा बस की खिड़की से बाहर देखती है। बहार कुछ भी नहीं था। थोड़ी देर बाद बहार से कुछ डरावनी आवाज आई, स्नेहाने जब खिड़की से बाहर देखा तो उसकी आंखें खुली की खुली रह गई।............. स्नेहाने बस की बहार क्या देखा होगा ? जानने के लिए पढ़िए... रात-3 ...और पढ़े

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रात - 4

होली के दुसरे दिन सब स्वर्णापुर गांव में स्थित 200 साल पुराने चामुंडा माता के मंदिर जा रहे थे। में बस अचानक बंध हो गई। एक दादाजी मंदिर का रस्ता दिखाने के लिए उनके साथ गए थे, उन्होंने बस से नीचे उतर के जो देखा; वो देखकर दादाजी आश्चर्य में पड गए। ...और पढ़े

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रात - 5

बस आगे बढ़ रही थी। ड्राइवर ने अचानक बस रोक दी। प्रोफेसर शिव ने कहा, "ड्राइवर! आपने को क्यों रोका? फिर से क्या हुआ?" ड्राइवर ने कहा, "साहब! बस यहाँ से आगे नहीं जाएगी। आगे का रास्ता कच्चा और छोटा है।" दादाजी ने कहा, "हाँ, बस आगे नहीं जा सकती। आगे का रास्ता कच्चा और छोटा है और दोनों तरफ खेत हैं।" प्रोफेसर ने कहा, "Ok. चलो सब बस से उतर जाओ। हमें यहाँ से आगे चल के जाना होगा।" रोहन ने कहा, "अरे! ये क्या नई मुसीबत है? एक तो ये थर्ड क्लास रिसर्च ट्रिप और ऊपर ...और पढ़े

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रात - 6

सब लोग मंदिर पहुंच गए थे। मंदिर दोसो साल पुराना था, लेकिन एकदम नया ही दिख रहा था। मंदिर शिल्पकला अद्भुत थी। मंदिर के प्रवेशद्वार पर दोनो तरफ एक एक शेर की मूर्ति रखी गई थी। मंदिर की तीन मंजिलें थीं। मंदिर के ऊपर 'जय चामुंडा मां' लिखी ध्वजा हवा में लहरा रही थी। निजमंदिर में मां चामुंडा की दो मुखी प्रतिमा स्थापित की गई थी। माँ के चेहरे पर अपार चमक थी। माँ को आज हरे रंग की चुनरी चढ़ाई गई थी। माँ को श्रृंगार भी शानदार किया गया था। ...और पढ़े

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रात - 7

शाम हो गई थी। सूरज ढल गया था। चामुंडा माता के मंदिर से सभी हवेली लौट आए थे।प्रोफेसर शिव सभी को हवेली के हॉल में बैठने को कहा था। प्रोफेसर शिव ने हॉल में आकर कहा, "Hello Everyone! आज हम अपने रिसर्च के पहले स्थान पर गए थे। आपको याद होगा, मैंने आपको कॉलेज में कहा था कि हम एक दिन प्रैक्टिकल और एक दिन थीयरी करेंगे। मेरा मतलब है कि आज हम मंदिर गए थे, तो कल आपको उसका रिसर्च पेपर बनाना होगा। ...और पढ़े

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रात - 8

रात के तीन बजे थे। पूरी हवेली में अंधेरे का साम्राज्य छाया हुआ था। जमीन पर एक छोटी सी भी गिरे तो आवाज आए, इतनी शांति थी। सभी अपने-अपने कमरों में सो रहे थे। अचानक हवेली में किसी के चलने की आवाज आई। किसी ने धीमी आवाज में कहा, "श.........! चलने की आवाज नहीं आनी चाहिए। कोई उठेगा तो हम मुसीबत में पड़ जाएंगे।" मोंटू ने कहा, "रोहन! लेकिन हम इतनी रात को कहाँ जा रहे हैं? ये अंधेरा तो देखो! मुझे बहुत डर लग रहा है।" रोहन ने कहा, "तुम मुंह बंध कर के मेरे साथ चलो।" ...और पढ़े

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रात - 9

रात के साढ़े बारह बज रहे थे। सभी अपने-अपने कमरों में सो गए थे। हवेली में सन्नाटा छाया हुआ स्नेहा, भक्ति, अवनि और रिया अपने कमरे में सो रही थे। अचानक भक्ति अपने बिस्तर से उठी और चलने लगी। वो जैसे चल रही थी, उससे ऐसा लग रहा था की जैसे वो किसी के वश में हो। वो चलते चलते रोहन के कमरे के पास पहुंची। ...और पढ़े

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रात - 10

प्रोफ़ेसर शिव और आयशा मैडम हवेली के हॉल में रोहन की मौत के बारे में बात कर रहे थे। शिव को कॉलेज के प्रिन्सिपाल का फोन आया। प्रोफेसर शिव ने कहा, "Hello sir!" प्रिन्सिपाल ने गुस्से में कहा, "ये सब छोड़ो, तुम मेरी बात ध्यान से सुनो।" प्रोफेसर शिव ने कहा, "जी सर! आप बोलिए, मैं ध्यान से सुन रहा हूं।" प्रिन्सिपाल ने कहा, "मुझे आज सुबह से स्टुडेंट्स के माता-पिता के फोन आ रहे हैं। वो मुझे सभी स्टुडेंट्स को वापस बुलाने के लिए कह रहे हैं। आप सभी स्टुडेंट्स को लेकर वहा से निकल जाइए।" ...और पढ़े

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रात - 11

सभी थाने के बाहर खड़े थे। रवि ने कहा, ''विशाल को ऐसे समय में अपने गुस्से पर काबू रखने जरूरत थी।" ध्रुव ने कहा, ''अभी जो हुआ वो तो नहीं बदलेगा। अब उनको जेल से बाहर निकालने के बारे में सोचते हैं। उनको बाहर निकालने के लिए हवेली की जानकारी लेनी होगी।'' भाविन बोला, "दादाजीने कहा था कि इस गांव में एक घर है, जहां पर ऐसी भूतिया घटनाएं होती हैं।" ध्रुव ने कहा,"चलो वहां जाकर ही जांच करते हैं।" सब एक साथ बोले, "Ok." ...और पढ़े

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रात - 12 - अंतिम भाग

हवेली सुनसान थी। बहुत अंधेरा था। तीनों ने अपने फोन की टॉर्च चालू कर ली। वो तीनों हवेली अंदर जाने लगे। अचानक भाविन के पैर में कुछ टकराया और वो गिर पड़ा। रवि ने उसे उठाया। रवि ने नीचे देखा तो देखा कि एक आदमी जमीन पर पड़ा था, लेकिन उसका चेहरा अंधेरे में दिखाई नहीं दे रहा था। रवि उसके पास गया और उसके मुँह पर टॉर्च लगा कर देखा, वो कोई और नहीं बल्कि ध्रुव था। ...और पढ़े

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