मेरी शादी हुए पाँच साल हो गए हैं लेकिन मैं आजतक न तो अपने पति को और न ससुराल वालों को समझ पाई हूँ | सब कहते हैं कि दुनिया बदल रही है साथ ही हमारे देश की सोच भी बदल रही है | मगर मुझे पता नहीं क्यों लगता है कि कहीं कुछ नहीं बदल रहा है | शायद मुझे अपने ससुराल के हालात देख कर ऐसा लगता हो | लेकिन फिर सोचती हूँ कि ऑफिस की दूसरी औरतों के भी तो कमो-बेश यही हाल हैं | ऑफिस की सहेलियाँ चाहे कुछ भी बोलें, कितना भी मॉडर्न बने लेकिन

नए एपिसोड्स : : Every Monday, Thursday & Saturday

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बेटी - भाग -१

मेरी शादी हुए पाँच साल हो गए हैं लेकिन मैं आजतक न तो अपने पति को और न ससुराल को समझ पाई हूँ | सब कहते हैं कि दुनिया बदल रही है साथ ही हमारे देश की सोच भी बदल रही है | मगर मुझे पता नहीं क्यों लगता है कि कहीं कुछ नहीं बदल रहा है | शायद मुझे अपने ससुराल के हालात देख कर ऐसा लगता हो | लेकिन फिर सोचती हूँ कि ऑफिस की दूसरी औरतों के भी तो कमो-बेश यही हाल हैं | ऑफिस की सहेलियाँ चाहे कुछ भी बोलें, कितना भी मॉडर्न बने लेकिन ...और पढ़े

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बेटी - भाग-२

कॉलेज से आने के बाद मेरा नौकरी ढूंढने का सिलसिला शुरू हो गया | जितनी जल्दी नौकरी मिलती उतनी जल्दी छूट जाती थी | यह सिलसिला बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा था | एक दिन जब मैं अपनी छठी नौकरी छोड़ कर घर आई तो उस समय पिता जी ऑफिस से आकर चाय पी रहे थे | उन्होंने मेरा झुका और परेशान चेहरा देख कर ही अंदाजा लगा लिया था कि मैं आज फिर से नौकरी छोड़ कर आई हूँ | मैं पानी पी कर अपने कमरे की ओर जाने ही लगी थी कि वह बोले ...और पढ़े

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बेटी - भाग-३

मेरी नौकरी लगे अभी डेढ़ साल ही हुआ था कि मेरी माँ को मेरी शादी का भूत सवार हो | मैं जब भी रात के खाने के लिए टेबल पर बैठती तो माँ खाना परोसते ही शादी का भूत अपनी झोली में से निकालती और शुरू हो जाती कि बेटा पहले तो तुम कहती थीं कि जब मेरी नौकरी लग जाएगी फिर ही शादी करुँगी | अब तो तुम्हारी नौकरी लगे हुए भी दो साल होने को हैं | अब क्या कहना है तुम्हारा | मैं हर बार एक ही सवाल सुन-सुन कर परेशान हो बोलती कि माँ कभी ...और पढ़े

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बेटी - भाग-४

यह सब उस जमाने तक ठीक था जब औरत घर से बाहर नहीं निकलती थीं | तब वह केवल और बच्चों तक ही सीमित थीं | आज वक्त बदल चुका है | आज औरत पढने-लिखने से लेकर पैसा कमाने तक पुरुष के बराबर खड़ी है | कम से कम अब तो उसे ऐसे मजबूर नहीं करना चाहिए | उसे समाज को अधिकार देना चाहिए कि वह स्वयम अपने लिए अपने मनमुताबिक पुरुष को चुन सके | ऐसे व्यक्ति के साथ जिन्दगी भर रहने की कोशिश करे जिससे वह प्यार करती हो | प्यार को अहमियत दी जाय और शरीरिक ...और पढ़े

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