एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत सयाना हंस था, बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ' कहकर बुलाते थे। एक दिन उसने एक नन्ही—सी बेल को पेड़ के तने पर बहुत नीचे लिपटते पाया। ताऊ ने दूसरे हंसों को बुलाकर कहा, देखो, इस बेल को नष्ट कर दो। एक दिन यह बेल हम सबको मौत के मुंह में ले जाएगी। एक युवा हंस हंसते हुए बोला, ताऊ, यह छोटी—सी बेल हमें कैसे मौत के मुंह में ले जाएगी? सयाने हंस ने समझाया, आज यह तुम्हें छोटी—सी लग रही है। धीरे—धीरे यह पेड़ के सारे तने को लपेटा मारकर ऊपर तक आएगी। फिर बेल का तना मोटा होने लगेगा और पेड़ से चिपक जाएगा, तब नीचे से ऊपर तक पेड़ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी बन जाएगी। कोई भी शिकारी सीढ़ी के सहारे चढ़कर हम तक पहुंच जाएगा और हम मारे जाएंगे।

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भाग-१० - पंचतंत्र

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भाग-११ - पंचतंत्र

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भाग-१२ - पंचतंत्र

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भाग-१३ - पंचतंत्र

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भाग-१४ - पंचतंत्र

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