नारीयोत्तम नैना

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"क्या मैं जान सकता हूं आपको पोलिटीशियन से क्या परेशानी है? आपको उनसे दिक्कत क्या है?" एमएलए जितेंद्र ठाकुर ने नैना से पुछा। "पोलिटीशियन झुठ बहुत बोलते है?" नैना ने सहज होकर उत्तर दिया। अपने नगर की सीवरेज लाइन की शिकायत म्यूनिसिपल कार्पोरेशन से हल नहीं होने पर नैना क्षेत्र के विधायक जितेन्द्र ठाकुर से मिलने विधायक निवास पर आई थी। उसकी सहेली नूतन भी उसके साथ थी। "इसमें कौनसी बड़ी बात है नैना जी! आप मुझे ऐसे लोगो के नाम बता सकती है जो झुठ नहीं बोलता हो?" नैना सोच में पढ़ गई। "ये किराना दुकान

Full Novel

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नारीयोत्तम नैना - 1

नारीयोत्तम नैना भाग-1 "क्या मैं जान सकता हूं आपको पोलिटीशियन से क्या परेशानी है? आपको उनसे दिक्कत क्या है?" जितेंद्र ठाकुर ने नैना से पुछा। "पोलिटीशियन झुठ बहुत बोलते है?" नैना ने सहज होकर उत्तर दिया। अपने नगर की सीवरेज लाइन की शिकायत म्यूनिसिपल कार्पोरेशन से हल नहीं होने पर नैना क्षेत्र के विधायक जितेन्द्र ठाकुर से मिलने विधायक निवास पर आई थी। उसकी सहेली नूतन भी उसके साथ थी। "इसमें कौनसी बड़ी बात है नैना जी! आप मुझे ऐसे लोगो के नाम बता सकती है जो झुठ नहीं बोलता हो?" नैना सोच में पढ़ गई। "ये किराना दुकान ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 2

नारीयोत्तम नैना भाग-2 निश्चित ही यह अति संवेदनशील और दो धारी तलवार के समान परिणाम देने के जैसा कार्य 'नैना की ट्यूशन में बच्चें अधिक बिगड़ैल हो गये है' इस कलंक को धोना भी नैना के लिए परम आवश्यक था। अतः अपनी कार्ययोजना में उसने अवनी को सम्मिलित कर योजना पर क्रियान्वयन आरंभ कर दिया। शाम का समय था। विशेष आज तीस मिनीट पहले ही नैना के घर आ पहूंचा था। नैना अभी-अभी काॅलेज से लौटी थी। थकान से चूर उसने लापरवाही में अपने बेडरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। नैना कोचिंग क्लास लेने के पुर्व स्नान करना ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 3

नारीयोत्तम नैना भाग-3 "अरे ऐसा नहीं है रे! मेरे जैसी बहुत सी लड़की उनके आगे पीछे घूमती है।" नैना बताया। "तुझे कैसे पता?" नूतन ने आश्चर्य से पुछा। "मैंने उनकी प्रोफाइल चेक की थी। ये देख तू भी।" नैना ने अपना मोबाइल फोन नूतन के आगे कर दिया। "अरे बाप रे! बीस लाख फाॅलोअर्स!" नूतन सोशल मीडिया पर विधायक जितेन्द्र ठाकुर की प्रोफाइल देखकर बोली। "फिर, कोई मामूली आदमी थोड़े ही जितेंद्र जी!" पैदल-पैदल काॅलेज के गेट से अन्दर प्रवेश करते हुये नैना बोली। "ये लड़की भी कितनी बेशर्म है। देख! कैसे आई लव यू लिखा है जितेंद्र के ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 4

नारीयोत्तम नैना भाग-4 "लेकिन तुम्हारी सफलता में रक्षंदा का हाथ है इससे तुम इंकर नहीं कर सकते।" नूतन बोली। ही मैं आज जो कुछ भी हूं वह रक्षंदा की बदौलत हूं। और इससे मुझे इंकार भी नहीं है।" अजीत बोला। "फिर तुम रक्षंदा से शादी क्यों नहीं करना चाहते? क्या तुम इससे अब प्रेम नहीं करते? " नैना ने पुछा। "नहीं दी! मैं रक्षंदा से अब भी उतना ही प्रेमत करता हूं जितना कल करता था। मगर अब परिस्थितियां बदल गई है।" अजीत बोला। "तुम बहुत धनवान बन गये हो क्या इसलिए या कोई दुसरी लड़की मिल गयी है ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 5

नारीयोत्तम नैना भाग-5 राकेश के बेडरूम में कोलाहल होता हुआ देखकर धनीराम ने द्वार खोला--" तुम दोनों भाई-बहन फिर लगे।" राकेश को भय था कि नूतन कहीं पापा को सबकुछ बता न दे। नूतन ने सामान्य होकर कहा- "देखो न पापा! राकेश ने एक हजार रूपये दो दिन का बोलकर मुझसे उधार लिए थे। आज पुरा एक वीक हो गया है। लेकिन राकेश रूपये देने का नाम ही नहीं ले रहा है।" नूतन ने बात को बदलते हुये कहा। "हां हां दे दूंगा, दे दूंगा। मैं कहीं भागे थोड़े ही जा रहा हूं।" राकेश भी नाटकीय रंग में रंगते ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 6

नारीयोत्तम नैना भाग-6 डोर बैल बज रही थी। सुप्रिया ने उठकर द्वार खोला। पिज्जा ब्वॉय द्वार पर पिज्जा लिये खड़ा था। सुप्रिया ने पिज्जा का पेमेंट किया। पिज्जा ब्वॉय उमेश ने पिज्जा सुप्रिया के हाथों में सौंप दिया। वह शेष रूपये लौटाने लगा। "किप दी चेन्ज।" सुप्रिया बोली। "नो मेम! आप ये चेन्ज रखिये।" उमेश बोला। "अरे रख लो भाई। खुशी से दे रहे है। आखिर तीन माला चढ़कर आये हो। ये तुम्हारी मेहनत का इनाम है।" पीछे से आई सुप्रिया की सहेली अनन्या ने सुप्रिया के हाथों से पिज्जा लेते हुये कहा। "नो मेम! थैंक्यू! मेरे काम के ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 7

नारीयोत्तम नैना भाग-7 अलग-अलग समुदाय के प्रेमी युगल एक दिन विधायक जितेन्द्र ठाकुर से मिलने आये। उनकी जान को से खतरा था। यह विधायक महोदय को उन्होंने बताया। दोनों घर से भागकर विवाह कर चूके थे। दोनों के बालिग होने के बावजूद पुलिस अशांति व्याप्त होने के भय से उनका सहयोग नहीं कर रही थी। पुलिस दोनों को अलग-थलग कर अपने-अपने घर भिजवाना चाहती थी ताकी शहर में कोई बड़ी साम्प्रदायिक घटना न घटित हो जाये? सलमा के चेहरे में नैना को और विनित में स्वयं की परछाई देख रहे विधायक जितेन्द्र ठाकुर ने दोनों की सहायता करने की ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 8

नारीयोत्तम नैना भाग-8 जितेंद्र ठाकुर से प्रथम पुरस्कार ग्रहण करती हुई नैना के आंखो में विधायक महोदय के प्रति जितेंद्र स्वयं साफ-साफ देख रहे थे । राजेंद्र ठाकुर को ज्ञात हुआ कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी देवास शहर हेतु किसी अन्य बाहरी व्यक्ति को टीकीट दे रही है। और इसका प्रस्ताव स्वयं राधेश्याम भुल्लर ने केन्द्रीय चुनाव समिति को दिया है। "यह क्या भाईसाहब! आप अपने वचन से मुकर रहे है। आपने मुझे लोकसभा चुनाव में पार्टी का टीकीट दिलवाने का वचन दिया था।" राधेश्याम भुल्लर के घर पहूंचते ही राजेंद्र ठाकुर उन पर बरस पड़े। "तुमने भी ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 9

नारीयोत्तम नैना भाग-09 तनुश्री ने नैना को पांच शर्तें कह सुनाई जिसका अक्षरश: पालन करने पर विजयी होने वाली को जितेंद्र से शादी करने का सौभाग्य मिलेगा। तीन या अधिक शर्तें पुरी करने पर जीत मिलेगी। यदि अपवाद स्वरूप अधवा संयोग वश दोनों प्रेमीकाएं समान रूप से पांचों की पांच शर्ते पुरी करती है तब पुनः पांच नवीन शर्तें प्रतियोगिता हेतू रखी जायेगी। और ये तब तक होता रहेगा जब तक की एक प्रियतमा जीत नही जाती और दूसरी हार का मुंह देख नहीं लेती। पराजय स्वीकारने वाली प्रेमीका को दुसरी प्रेमिका के रास्ते से स्वतः ही हट जाना ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 10

नारीयोत्तम नैना भाग-10 नैना से क्रोधित जितेंद्र ठाकुर का पुर्व प्रेम जागृत हो चुका था। सबकुछ दरकिनार कर नशे धुत्त राजेंद्र ठाकुर के पीछे-पीछे उसने भी अपनी कार दौड़ा दी। रात धीरे-धीरे मध्यान्तर की ओर बड़ रही थी। नैना के परिवार में नैना की शादी होने जा रही थी, इन सबके बाद भी वहां नीरस वातावरण देखकर नूतन और कुछ सहेलीयों ने गाना-बजाना शुरू महौल को कुछ हल्का-फुल्का करने में सफलता प्राप्त कर ही ली। राजेंद्र ठाकुर की कार का पीछा करते हुये जितेंद्र ठाकुर नैना के घर पहूंचे। राजेंद्र ठाकुर से बलपूर्वक जितेंद्र रिवाल्वर छीन ही रहे थे ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 11

नारीयोत्तम नैना भाग-11 "शादी सदैव अपने बराबर वालों के संग करना चाहिए", "पानी पीओ छानकर, वर चूनो जानकर" ऐसे बहूत सी कहावते महेश सोलंकी और उनके परिवार को सुनने को मिल रही था। जो निश्चित रूप से उनकी पीड़ा कई गुना बढ़ाने के लिए बहुत थी। स्मिता का ध्येर्य टूट चूका था। अब उसने अपनी जुबान खोल दी थी। सगे-संबंधी और पड़ोसी जो सोलंकी परिवार के प्रति हमदर्दी कम दिखाते, जले पर नमक अधिक छिड़कते थे। आये दिन कोई न कोई उनके घर आ धमकता था। स्मिता ने अपनी वाकपटूता और चातुर्य से सभी को मुंहतोड जवाब देना शुरू ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 12

नारीयोत्तम नैना भाग-12 भारत और श्रीलंका के बीच तनावपूर्ण रिश्तों और उसके बीच दक्षिण भारतीय राजनीति की रस्साकशी और की मूल कारणों पर प्रकाश डालना जरूरी है। श्रीलंका में बंदूकों को खामोश हुए चार साल होने वाले थे। लेकिन गोलियों से पैदा हुई गर्मी अभी बाकी थी। यह गर्मी थी मानवाधिकारों के हनन की, जो रह-रहकर भभक उठती थी। अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने कभी कहा था, 'युद्ध चाहे जितना भी जरूरी हो या उसे कितना भी जायज ठहराया जाए, यह अपराध नहीं है, ऐसा कभी नहीं सोचना चाहिए।' श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ छेडे़ गए युद्ध में भी कई बेगुनाह, ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 13

नारीयोत्तम नैना भाग-13 पड़ती। जिससे की डकाच्या की वासना को संतृप्त किया जा सके। ऐसा न करने पर मद नशे में चूर होकर पागल हाथी के समान व्यवहार करने लग जाता। जो अत्यंत भयानक स्थिति के समान होता। मदमस्त होकर डकाच्या हिंसक हो जाया करता था। वह उन्मादी बहुत तोड़-फोड़ और निर्दोष कबीले वालों पर तब कोई काल बनकर टुट पड़ता। कबीले वालों के लिए मद मस्त डकाच्या प्राण घातक सिद्ध होता। अतएव कबीले वाले ऐसी स्थिति निर्मित ही नहीं होने देने का संपूर्ण प्रयास करते। अपनी पत्नी डकाच्या के उपभोग हेतु भेजने का विरोध उसके एक सहयोगी संथाल ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 14

नारीयोत्तम नैना भाग-14 जिससे पण्डित जी को हारकर यहां से लौट जाना पड़ेगा। कुन्दन अपनी आस्तिन चढ़ाकर कुर्सी पर गया। दोनों में पंजा लड़ाने का खेल आरंभ हुआ। कुन्दन की आंखो में सरलतम खेल की पुर्व विजय देखी जा सकती थी। प. कमल अति सामान्य होकर पंजा लड़ा रहे ...और पढ़े

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नारीयोत्तम नैना - 15 - अंतिम भाग

नारीयोत्तम नैना भाग-15 सभी रस्सी पर लटक गये। उन्होंने रस्सी पकड़कर धीरे-धीरे आगे की ओर खिसकना आरंभ किया। दलदली जैसे-तैसे पार हो गयी। पहाड़ पर चढ़ाई के पुर्व ही रात्रि घिर आई। सैनिकों ने टेन्ट आदी की सहायता से खुले स्थान पर तम्बू तान दिये। तिलकरत्ने अट्टपटू ने आग सुलगा कर उपलब्ध खाद्य सामग्री का सेवन करने का निर्देश सैनिकों को दिया। जितेंद्र ठाकुर अधुरे मन से भोजन कर रहे थे। अट्टपटू ने उनके कंधे पर सहानुभूति का हाथ रखते हुये कहा- "सबकुछ ठीक हो जायेगा ठाकुर साहब। आप धैर्य रखे।" जितेंद्र ठाकुर को श्रीलंकाई सैनिकों की बहादुरी देखकर ...और पढ़े

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