झुकी हुई फूलों भरी डाल

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ये नार्थ ईस्ट की लड़की की कहानी है जो होटल मैनेजमेंट करके कर्नाटक के एक रिज़ॉर्ट में काम करने आती है। उसकेअच्छे बुरे अनुभव से परिचित कराती है। ये उस बात का परिचय देती है कि किस तरह नार्थ ईस्ट के लोग कुछ बनने का सपना लेकर अपने प्रदेश से बाहर निकलते हैं। अपने प्रदेश विशेष रूप से दार्जिलिंग में चलती गोलियों ,कर्फ़्यू के कारण अपने घर वालो की चिंता में कैसे इनकी नींद उड़ जाती है। इस व्यवसाय से जुडी लड़कियों को किस तरह से हरफ़नमौला होकर काम करना पड़ता है।

Full Novel

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 1

ये नार्थ ईस्ट की लड़की की कहानी है जो होटल मैनेजमेंट करके कर्नाटक के एक रिज़ॉर्ट में काम करने है। उसकेअच्छे बुरे अनुभव से परिचित कराती है। ये उस बात का परिचय देती है कि किस तरह नार्थ ईस्ट के लोग कुछ बनने का सपना लेकर अपने प्रदेश से बाहर निकलते हैं। अपने प्रदेश विशेष रूप से दार्जिलिंग में चलती गोलियों ,कर्फ़्यू के कारण अपने घर वालो की चिंता में कैसे इनकी नींद उड़ जाती है। इस व्यवसाय से जुडी लड़कियों को किस तरह से हरफ़नमौला होकर काम करना पड़ता है। ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 2

बहुत उमस भरी जून की रात है गाँव के इस खुले मैदान भी रह रहकर गर्दन चिपचिपा रही है। पोंछते हुए उसका अंगौछा गीला हो चुका है। नौटंकी शुरू होने में बहुत देर है। एक आदमी हॉर्मोनियम पर घिसी पिटी फ़िल्मी धुनें बजा रहा है-`तन डोले मेरा मन डोले `या `एक परदेसी मेरा दिल ले गया `। उसने रघुवीर व गुलामी की तरफ़ कनखियों से देखा, दोनों उसे ऐसे जकड़कर घेरे बैठे हैं कि वह अपनी जगह से हिल भी नहीं सकता। घर में घड़ा फूटने पर उसे अपने घर से बाहर कुंए पर आना पड़ गया था। दोनों ने उसे घेर लिया था, अपने गांव में बहुत मशहूर नौटँकी की पार्टी आई है। वह इन सबसे बहुत दूर भागता रहता है लेकिन आज तो वह फंस ही गया। मजबूरन उसे नौटंकी देखने आना पड़ गया। ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 3

अक्सर हर उम्र की महिलायें अपने बच्चों को पुकारतीं हैं तो उनके मुंह से और बच्चों के नाम निकल हैं ,जो सामने है उसका नहीं। ब्रजभाषा के शीर्षक की कहानी में आज के ज़माने की दादी जिम में अपनी दादी को याद करके सोचती है ज़माना कितना बदल गया है। इसमें मॉडर्न जिम का माहौल है , जहाँ कॉल गर्ल्स अपने ग्राहक खोजने आतीं हैं या इशारे से ड्रग्स का व्यापार चलता है। अंत में महिलाओं के अनेक नाम पुकारने का करण बहुत ख़ूबसूरती से खोजा गया है. ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 4

गावों में अक्सर महिला को निर्वस्त्र कर गधे पर बिठाकर घुमा दिया जाता है। ऐसी घटना सुनकर जयपुर की पत्रकार छानबीन करने आती है। उस अंदर की कहानी को जानकर वह सकते की हालत में आ जाती है। इस षणयंत्र के पीछे कुछ अनैतिक संबंधों वाले स्त्री पुरुष का हाथ था ,जिसमें महिला सरपंच भी शामिल थी। ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 5

इसमें अहमदाबाद की क्वीन ट्रेन डिब्बे के माध्यम से किसी भी प्रदेश ,किसी भी भाषा की महिलाओं के जीवन एक सी हालत होने का चित्रण है ,कुछ व्यंग है। नायिका जब बीस वर्ष बाद फिर इसमें सफर करती है तो महसूस करती है , कुछ तो महिलाओं की स्थिति बदली है। सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें सहदेई के महत्च को बताया गया है। ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 6

इसमें बेटियों के दो रूप हैं। दो बेटियां पिता की सब जायदाद हड़प उसे दिल्ली में अस्पताल में अकेला देतीं हैं। तीसरी बेटी अपने शहर से आकर नौकरी से छुट्टी लेकर सेवा कर रही है। पिता बिलकुल कोमा में हैं ,मुम्बई की नर्स के माध्यम से यूथनेशिया [मर्सी किलिंग ]पर इसमें बहस दिखाई है। वॉर्ड ब्याज़ उसे प्रस्ताव देतें है कि हम मुक्ति दे देंगे। महीनों दूर होने के कारण उसका पति नाराज़ है ,उस लड़की के निर्णय को सांकेतिक रूप से दिखाया गया है। ...और पढ़े

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 7

एक समाजसेविका अविवाहित रहने का व स्त्रियों के लिए काम करने का व्रत लेती है। शोध करने वडोदरा आती क्योंकि गुजरात आत्महत्या करने वाली स्त्रियों के आंकड़ों में अग्रणी है। यहाँ उसे पता लगता है इसका बड़ा कारण है विवाहेतर सम्बन्ध फिर भी वह एक विवाहित प्रोफ़ेसर के प्रेम में जकड़ जाती है। इसमें प्यार हो जाने के बाद की बेबसी को दिखाया गया है। ...और पढ़े

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