लव एंड ट्रेजडी

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ये उपन्यास सिर्फ कल्पना पर आधारित है, इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही। इसका उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन करना है। इस धारावाहिक की कहानी एक अमीर घर के लड़के हंक्षित जिसके परिवार में उसकी माँ ( रुपाली ) उसके पिता हंसराज उसका भाई और भाभी ( रजत / रजनी ) उसकी दादी ( हेमलता )और बहन ( काव्या ) रहते है. उसका सपना दुनिया घूमने का और तस्वीरे खींच कर एक बड़ा फोटोग्राफर बन कर नाम कमाना है। उसकी ईश्वर में आस्था कही खो गयी है, एक हादसा जो उसके जीवन में पेश आया था उसके बाद उसका ईश्वर पर से भरोसा उठ सा गया है। ये सब लोग दिल्ली में रहते है।

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लव एंड ट्रेजडी - 1

एक झलक ये उपन्यास सिर्फ कल्पना पर आधारित है, इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही। इसका उद्देश्य पाठकों का मनोरंजन करना है। इस धारावाहिक की कहानी एक अमीर घर के लड़के हंक्षित जिसके परिवार में उसकी माँ ( रुपाली ) उसके पिता हंसराज उसका भाई और भाभी ( रजत / रजनी ) उसकी दादी ( हेमलता )और बहन ( काव्या ) रहते है. उसका सपना दुनिया घूमने का और तस्वीरे खींच कर एक बड़ा फोटोग्राफर बन कर नाम कमाना है। उसकी ईश्वर में आस्था कही खो गयी है, एक हादसा जो उसके जीवन में पेश आया ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 2

अपने बेटे हंसराज के मूंह से अपने पोते के लिए इस तरह की बात सुन हेमलता जी बोल पड़ी वो जानती थी कि अगर उन्होंने बात को यही नही रोका तो बाप बेटे के बीच और तकरार हो जाएगी इस लिए वो बात को सँभालते हुए बोली "क्या हंसु ( हेमलता जी अपने बेटे को प्यार से हंसु बुलाती है )तू फिर मेरे पोते के पीछे पड़ गया हाथ धो कर चल अब अपना नाश्ता ख़त्म कर जा हंक्षित तू भी नहा धो फिर नाश्ता करना ""अब क्या ही नाश्ता होगा चलो रजत दफ्तर चले?" हंसराज जी ने कहा ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 3

"रुपाली बेटा जा जाकर देख हंक्षित को कही कुछ कर न बैठे। मैं तो सीड़िया नही चढ़ सकती जल्दी जा उसे समझा कही वो हंसु की बातों को दिल पर लेकर ये घर छोड़ कर ही न चला जाए " हेमलता जी ने कहा पास ख़डी अपनी बहु से घबराते हुए।"नही माँ, आप घबराओं नही मैं जाकर देखती हूँ, इन दोनों बाप बेटे का झगड़ा आज से थोड़ी है, न जाने क्यू इन बाप बेटे की कुण्डली नही मिलती है एक दुसरे से "रुपाली जी ने कहा भावुक होते हुए।"माँ तुम ही भैया को समझा सकती हो, उनसे कहो ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 4

हंशित का फ़ोन बज रहा था। उस पर लिखा नाम उसके एक दोस्त का था उसने तुरंत फ़ोन उठाया कहा " हाँ यार क्या हुआ सब ठीक तो है ना लव?"उधर से जवाब आता है " हाँ, भाई सब ठीक है तुझे बताना था की हम सब को एक ऐसी जगह मिल गयी है पहाड़ो में जहाँ तुझे तस्वीरे खींचने के लिए बहुत सारी जगह मिल जाएंगी, बर्फ से ढकी पहाड़िया लम्बे लम्बे दरख़्त और बहुत सारे जंगली जानवर और पंछी"सच यार ये तो बहुत ही अच्छा हो गया, अब बता भी दे क्या जगह है ताकि मैं इंटरनेट ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 5

अपने दोस्तों को इस तरह भीगा हुआ देख हंक्षित ने कहा ये क्या हाल बनाया है तुम लोगो ने बाहर बारिश तो नही हो रही है। हंशित ने खिड़की का पर्दा हटा कर देखा तो बाहर धूप खिली हुयी थी।'कुछ नही यार बस ऐसे ही गाड़ी कीचड़ में गिर गयी थी और हम गंदे हो गए थे। तेरे पास एक्स्ट्रा कपडे तो है ना जाते जाते वापस कर जाएंगे लव ने कहा "" जाओ जाकर नहा लो पहले मैं जब तक कपडे निकाल कर लाता हूँ अलमारी से और हाँ श्रुति नही आयी।" हंशित ने पूछा"ऐसा भला हो सकता ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 6

दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती है। घर का नौकर दरवाज़ा खोलता है और कहता है " सलाम साहब आप आज इतनी जल्दी " रुपाली जी ने कहा क्यूंकि दरवाज़े पर मौजूद शख्स हंसराज जी थे।हंशित और उसके दोस्त हंसराज जी को नमस्ते करते है ।हंसराज उनकी तरफ देखे बिना ही सर हिला देता है उन्हें उसके दोस्त पसंद नही है।"आपने बताया नही आज इतनी जल्दी कैसे आना हुआ और रजत कहा है " रुपाली जी ने दोबारा पूछा"आज हमें बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिला है रजत अभी दफ़्तर में है मुझे थोड़ी फ़ाइल लेना थी घर से और उन्हें ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 7

आइये अब आपको ले चलते है इस धारावाहिक की नायिका की ज़िन्दगी की और पहाड़ो के बीच आइये जानते उसका ज़िन्दगी को लेकर क्या नज़रया है।शाम का समय था। हरी किशन जी का घर लोगो से भरा था दरअसल उनके दोस्त दीनानाथ का परिवार वहा आया हुआ था ।"हिमानी बेटा चाय ले आओ देखो सब लोग तुम्हारे हाथ की बनी चाय का इंतज़ार कर रहे है, अब इस इंतज़ार को ख़त्म भी करदो " हिमानी की माँ वैशाली जी ने कहा जो बाहर मेहमानों के साथ बैठी हुयी थी हिमानी घबराते हुए रसोई से बोली" जी माँ अभी ला ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 8

हिमानी हाथ में चाय की ट्रे पकडे भव्या के साथ बाहर आयी और नमस्ते करा सब को"लो आ गयी बहु अपने हाथो की बनी चाय लेकर" वहा बैठी सुरेन्द्र की माँ कविता ने कहा"खुश देखो कितना हो रही है जैसे खुद का बेटा कोई शहजादा हो" भव्या ने मुँह बिसकाते हुए कहाहिमानी ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और मुँह पर ऊँगली रखने को कहा।भव्या ने भी उसकी तरफ देखा और गर्दन मोड़ ली गुस्से से।हिमानी सब को चाय देती है और अपनी होने वाली सास के पास आकर बैठ जाती है।बहुत ही संस्कारी बच्ची है आपकी मेरा घर ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 9

बाहर बरामदे में वैशाली जी हरी किशन जी बैठे बातें कर रहे थे तब ही भव्या वहा आती और है ' माँ पिताजी दीदी ने खाना बना लिया है आ जाइये खाना खाते है"चलो चले खाना खाते है " हरी किशन जी ने कहा और दोनों वहा से उठ कर भव्या के साथ चल दिए ।हिमानी ने सारा खाना नीचे ज़मीन पर थालियो में परोस दिया था और सब खाना खाने बैठ गए।"दीदी सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनी है आप के जाने के बाद आपसे ज्यादा आपके खाने की याद आएगी मुझे भव्या ने कहा" तो तू भी सीख ले ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 10

रसोई में हिमानी और उसकी माँ एक दूसरे के गले लगी हुयी थी की तभी वहा भव्या आ पहुंची बोली" वाह भई यहाँ तो भरत मिलाप चल रहा है हमें भी कोई शामिल करले इस मिलाप में हम भी थोड़ा भावुक हो जाए या हमें कही अस्पताल से गौद लिया है "कैसी बाते कर रही है आजा तू भी माँ के गले लग जा तुम दोनों तो मेरी आँखों की ठंडक हो तुम्हारे हस्ते मुस्कुराते चेहरे देख कर ही मेरे दिन का आगाज़ अच्छे से होता " वैशाली जी ने भव्या को भी अपने सीने से लगाते हुए कहा ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 11

दिन गुज़रते गए हंसराज जी और रजत ने मलिक ब्रदर्स के दिए गए कॉन्ट्रेक्ट पर काम करना शुरू कर था सारा पेपर वर्क मुकम्मल हो चुका था। अब बारी थी झुक्की झोपडीयों वालो को लिखित नोटिस या फिर एलान करा कर उनसे जगह खाली करने का कहने की।और दो दिन बाद ये काम अंजाम दे दिया गया। सुबह सवेरे जब उन लोगो ने वो नोटिस अपनी अपनी झोपडीयों पर लगा देखा तो घबरा गए और जब एक आदमी द्वारा उसे पढ़ कर सुनाया गया कि एक महीने के अंदर अपनी इन झोपडीयों को यहाँ से उठा लो वरना बुलडोज़र ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 12

बहुत तेज बारिश हो रही थी तब ही एक शख्स ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था कोई है मुझे कोई है मुझे बचाओ। सब लोग दूर खड़े उसे अपना हाथ दे रहे थे लेकिन कोई भी उस तक नही पहुंच पा रहा था।बारिश थी की थमने का नाम नही ले रही थी। आसमान काले स्याह बादलों से घिरा हुआ था बिजली कड़क रही थी। चारो ओर पानी ही पानी था मानो सैलाब आ गया होओर वो शक्स अभी भी जोर ज़ोर से चीख रहा था और कही दूर खड़ा एक दूसरा शख्स जो धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 13

इसी तरह दिन गुज़रते गए हिमानी सेलनियों को घुमाती, हरि किशन जी भी मंदिर जाते और कुछ थोड़ी बहुत मिलती उसे घर ले आते । मई का महीना आ चुका था। मंदिर के कपाट खुल चुके थे इस बार अनुमान लगाया जा रहा था की अधिक से अधिक श्रद्धालु इस बार दर्शन करने आएंगे। घाटी में बहार आ चुकी थी श्रद्धालुओं के जथथे आ शुरू हो गए थे। धर्मशाले भरने लगी थी चारो और भीड़ ही भीड़ नज़र आने लगी थी। वहा रहने वालो के चेहरों पर चमक आ गयी थी क्यूंकि जितने अधिक श्रद्धालु वहा आएंगे उतना अधिक ...और पढ़े

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लव एंड ट्रेजडी - 14

सुबह हो गयी थी। त्रिपाठी भवन में चहल पहल हो रही थी। रुपाली और रजनी रसोई में थे सफऱ लिए परांठे बना कर दे रहे थे।सब लोग भागम भाग पर थे ट्रैन का समय हो रहा था | माँ जल्दी करो ट्रैन निकल जाएगी हम पहले ही बहुत लेट हो चुके है, हम नही चाहते की हमारी ट्रैन मिस हो जाए अंधेरा होने से पहले हमें वहा पहुंचना है ताकि कल से ही काम शुरू करदे। हंशित ने कहा"बेटा बस पांच मिनट और रुक जाओ, अभी लाकर देती हूँ" रुपाली जी ने कहासब लोग बाहर बरामदे में अपना समान ...और पढ़े

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