सबसे पहले तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने मेरी इस किताब का चयन किया। इस किताब में एक प्रेम कहानी है, जो श्याम और कोयल के बीच के प्रेम को दर्शाता है। प्रेम के अलावा इस किताब में कई पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया है। समाज में हम किसी का भी मजाक किस हद तक बना देते हैं, किताब की शुरुआत के कुछ चैप्टर्स में आपको यह देखने को मिलेगा। किस तरह एक अननॉन कॉल आने के बाद श्याम और कोयल एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं, यह देखने को मिलेगा और जब वो शादी करना चाहते हैं तो किस तरह धर्म उनकी शादी के आड़े आता है। समाज के कई रूप दिखाती यह किताब आपको जरुर पसंद आएगी।

Full Novel

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द मिस्ड कॉल - 1

विनायक शर्मा लेखक की बात सबसे पहले तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने मेरी इस किताब का चयन इस किताब में एक प्रेम कहानी है, जो श्याम और कोयल के बीच के प्रेम को दर्शाता है। प्रेम के अलावा इस किताब में कई पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया है। समाज में हम किसी का भी मजाक किस हद तक बना देते हैं, किताब की शुरुआत के कुछ चैप्टर्स में आपको यह देखने को मिलेगा। किस तरह एक अननॉन कॉल आने के बाद श्याम और कोयल एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं, यह देखने को ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 2

सर्च ऑपरेशन अब आप सोच रहे होंगे कि वो शरारत क्या थी? दरअसल हुआ यूँ कि अमोल ने स्नातक बाद अगले साल एसएससी की नौकरी हासिल कर ली। लेकिन मेरिट लिस्ट आने से लेकर नौकरी ज्वाइन करने के बीच का जो खाली समय होता है, अमोल के लिए वही समय अकेलेपन को लेकर आया। अमोल जिस चीज की चाहत में था, वो उसे मिल गयी थी। उसके पास आजकल करने के लिए कुछ था नहीं।इसी बीच आदित्य ने एक शरारत की और अमोल उसमें फँस गया। तब अमोल के पास भी अपना मोबाइल था और उस समय वो हमेशा ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 3

मिलन की घड़ी “लो हमारा आशिक तो यह देखकर सदमे में होगा। अब तुम उसे क्या ब्लैकमेल कर लोगे?” आदित्य से पूछा। “ये तो सच में घनी समस्या हो गयी। मगर एक बात मत भूलो कि अमोल भी है मैन और कहा गया है, ‘ऑल मेन आर डॉग्स’। तो रोटी का एक टुकड़ा फेंकने में मुझे कोई दिक्कत नहीं लग रही है और उसका असली इम्तिहान भी अभी ही हो जाएगा कि वो कितना पेसेंस रख सकता है। रुक, अब देख मैं उसे क्या जवाब देता हूँ।” “हाँ यार पता तो चल ही जाता है मगर उसके लिए कुछ ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 4

दोस्त की दुश्मनी आदित्य ने अपना मोबाइल साइलेंट कर रखा था। हालाँकि, अमोल अपने ही मोबाइल और मैसेज में व्यस्त था कि उसे बाकी किसी से कोई मतलब नहीं था, मगर फिर भी आदित्य ने अहतियात बरत रखी थी। अमोल का ध्यान बार-बार मोबाइल पर जा रहा था कि भावना कोई मैसेज करे। मैंने उस छेड़ा भी, “क्या बार-बार मोबाइल देख रहे हो, मोबाइल देखने आये हो कि रावण-वध? इतने लोग आये हुए, इतनी लड़कियाँ आई हुई हैं, और तुम मोबाइल में व्यस्त हो।” “अरे इतने लोग तो आ गये मगर वो आये जिसको आना था, तब बात बने ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 5

जादू है, नशा है अमोल अपनी नौकरी करने के लिए पुणे चला गया। मेरी उससे बीच-बीच में बातचीत रहती थी। मेरी राज्य सरकार में ही नौकरी थी, जबकि अमोल ने केंद्र सरकार की नौकरी ज्वाइन कर ली थी। एक दिन अमोल ने मुझे फोन किया था तो कुछ औपचारिक बातें करने के बाद मैंने उससे पूछ ही दिया, “और वहाँ कोई गर्लफ्रेंड बनी या फिर ऐसे ही घूम रहे हो?” “नहीं यार तुम्हें तो पता है मैं इन सारी चीजों से कितना दूर रहता हूँ।” “अरे यार अब क्या दूरी, अब कौन सी तुम्हें पढ़ाई-लिखाई की चिंता है? ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 6

बेग़म कोयल आबिदा “यार अमोल देख अभी तो मेरी बात आदित्य से हुई, वो बोल रहा है कि उसने कुछ नहीं किया है। मगर मैं तुम्हें यकीन दिलाता हूँ कि मैं पता करके जरुर बताऊंगा कि आखिर वो है कौन। ऐसे...” थोड़ी देर तक अपने मन के ख़्वाबों में घूमता हुआ मैंने अमोल को फोन लगाया और फिर इतना कहकर चुप हो गया। मैं उसे कहना चाहता था कि ऐसे एकाध बार इस लड़की से बात करके देखने में कोई बुराई नहीं है। मगर फिर मैं चुप हो गया क्योंकि अब मैं उस लड़की से बात करना चाहता था। ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 7

तुम पास आये... इतने प्रश्नों के बाद एक-एक प्रश्न का दीर्घ और लघु उत्तर मेरे दिमाग में स्वयं ही जा रहा था। नहीं, अगर उस लड़के से ज्यादा बात हुई होती तो कोयल यह जान जाती कि मैं वो लड़का नहीं हूँ। अगर वो लड़का उससे मिल पाता तो वो इतने दिनों से अमोल को फोन नहीं करती। फिर भी एक उम्मीद तो यह जरुर थी कि वो इस लड़के से फिर मिले। फिर मेरे मन को जो सबसे सटीक लगा, मैंने वो उत्तर अपने लिए रख कर लॉक कर लिया। भले ही बात कुछ और क्यों न हो। ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 8

बेचैन मन “क्या हुआ आप चुप क्यों हो गए? आपको मेरी पढाई पसंद नहीं आई क्या?” कोयल की आवाज मेरा ध्यान टूटा। “नहीं बिलकुल पसंद नहीं आया।” मैंने जवाब दिया। मेरा जवाब सुनकर कोयल थोड़ा ठिठक सी गयी। “क्यूँ क्या हुआ, आप अभी तक मुझसे नाराज हैं क्या? उसने बहुत ही सहमे गले से पूछा। “हाँ, बिलकुल नाराज होने वाली बात ही है। एक बात बताओ, तुमने मुझे कहा कि मैं तुम्हे तुम कहूँ और तुम खुद मुझे आप कह रही हो, ये क्या है? नाराज होने वाली बात नहीं है? और रही बात पढ़ाई की, तो उससे मैं ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 9

सच का सामना इस बात को बताकर कोयल तो बहुत खुश थी मगर मेरा गला सूख गया। मैं क्या ये समझ नहीं आ रहा था। जितनी खुश कोयल थी कायदे से उतना खुश मुझे भी होना चाहिए था मगर डर ने मुझे अपने वश में कर लिया था। मैंने अपने आप को तैयार किया और फिर बोलना शुरू किया। “अरे वाह यह तो बहुत ही ख़ुशी की बात है, इतने दिनों बाद तुम मोरादाबाद आ रही हो। मगर तुम तो कह रही थी कि एडमिशन हो जाने के बाद भी कुछ दिनों तक तुम नहीं आओगी, कुछ दिन पढाई ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 10

पहली मुलाक़ात जैसे ही मैंने फोन रखा था मुझमें एक अलग ही उत्साह था। मेरा चेहरा एक अलग ही कहने को बेताब था। मेरी चाल में हर तरह का रंग देखने को मिल रहा था। कोई भी मुझे देखकर यह कह देता कि मैं नोर्मल से कुछ अलग ही व्यवहार कर रहा हूँ। एक-एक दिन मेरे लिए बिताना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। मैं जब कोयल को फोन करता था तो वो ये कहके फोन रख देती थी कि सारी बातें अभी ही खत्म कर दोगे तो मिलने पर क्या बात करोगे? मैं चाहता था कि उससे बात ही ...और पढ़े

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द मिस्ड कॉल - 11 (अंतिम भाग)

मुजरिम मैं जब अपने घर की तरफ बढ़ने लगा तो बाइक पर पूरे रास्ते मैं यही सोचते हुए जा था कि मेरे घर वालों का रवैया क्या होगा इस बात पर? ऐसे तो मैं अपने पिताजी को जानता था कि वो धर्म वगैरह को इतना ज्यादा नहीं मानते थे, मगर फिर भी अगर बात अपने घर में मुस्लिम बहू लाने की हो जाए तो इसे स्वीकार करना बहुत ही मुश्किल काम हो जाता है। कुछ दिनों से मेरी शादी के लिए रिश्ते भी आ रहे थे, मगर मैं ही कोयल के कारण उन रिश्तों को टाल दे रहा था। ...और पढ़े

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