एक कहानी ऐसी भी - फिर से

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ये एक कहानी ऐसी भी की दुशरी नॉवेल है । अगली कहानी मे बहुत सारी खामिया रहे गई थी । इस लिए कहानी को नया मोड देने के लिए । कहानी को नए जरिए से सरू कर रहा हु । जहा पात्र वही रहेंगे पर कहानी को आगे ले जाऊंगा । आगे आपने देखा की परी का जन्मदिन होता है । ओर एक अनजान शख्स उसका गिफ्ट रख के चला जाता है । जब उसे खोलते है तो उसमे से गुड़िया निकलती है । जैसे ही सब सो जाते है वो गुड़िया की नीली नीली आंखे खुलती है ।

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एक कहानी ऐसी भी - फिर से - भाग -१

ये एक कहानी ऐसी भी की दुशरी नॉवेल है । अगली कहानी मे बहुत सारी खामिया रहे गई थी इस लिए कहानी को नया मोड देने के लिए । कहानी को नए जरिए से सरू कर रहा हु । जहा पात्र वही रहेंगे पर कहानी को आगे ले जाऊंगा । आगे आपने देखा की परी का जन्मदिन होता है । ओर एक अनजान शख्स उसका गिफ्ट रख के चला जाता है । जब उसे खोलते है तो उसमे से गुड़िया निकलती है । जैसे ही सब सो जाते है वो गुड़िया की नीली नीली आंखे खुलती है । ...और पढ़े

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एक कहानी ऐसी भी - फिर से - भाग -२

आगे आपने देखा की कैसे गुड़िया परी पर काला जादू करती है । ओर जैसे सुनैना गुड़िया को कील है । परी चिल्ला देती है । जिससे वो गुड़िया खिड़की से उड़कर बाहर भाग जाती है । हम सबको लगता है की प्रिया ने उसे उड़ते हुए देख लिया है । पर हकीकत कुछ ओर थी प्रिया ने सिर्फ खुली खिड़की ही देखि थी । ओर वो लोग परी को अपने साथ ले गए ओर उसे सुला दिया । अब आगे । सुबह होते ही अनुज ओर प्रिया जागे ओर फिर नहा - धोकर परी को ...और पढ़े

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