नरेश से आकर एक युवती टकरायी तो उसके हाथ से बेग गिर गया।नरेश बेग उठाने को झुका तो वह युवती भी झुकते हुए बोली,"सॉरी।" "नो मेंशन।आल राइट वह युवती चली गयी लेकिन उसकी मोहिनी छवि नरेश के दिल मे अंकित हो गयी।क्या गजब की सुंदर थी।वह इतनी जल्दी में थी कि नरेश उससे उसका नाम भी नही पूछ पाया। नरेश उस दिन के बाद रोज उस युवती को प्लेटफॉर्म पर खोजता पर वह उसे नही मिली।लेकिन एक दिन वह ट्रेन में चढ़ा और ज्यो ही अंदर गया।वह युवती उसे मिल गयी।उसके पास वाली सीट खाली देखकर नरेश बोला,"क्या मैं यहां बैठ सकता हूँ वह युवती नरेश को देखकर मुस्करायी औऱ आंखों के इशारे से उसे बैठने के लिए कहा था। कुछ देर तक नरेश चुप बैठा रहा।फिर बोला,"मेरा नाम नरेश है।क्या तुम्हारा नाम जान सकता हूँ।" "क्या नाम बताना जरूरी है? "नही।"उस युवती की बात सुनकर नरेश बोला और फिर चुप हो गया।कुछ देर तक उनके बीच खामोशी छाई रही।उस खामोशी को तोड़ते हुए वह बोली,"बुरा मान गए।"

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बंधन प्यार का - 1

नरेश से आकर एक युवती टकरायी तो उसके हाथ से बेग गिर गया।नरेश बेग उठाने को झुका तो वह भी झुकते हुए बोली,"सॉरी।""नो मेंशन।आल राइटवह युवती चली गयी लेकिन उसकी मोहिनी छवि नरेश के दिल मे अंकित हो गयी।क्या गजब की सुंदर थी।वह इतनी जल्दी में थी कि नरेश उससे उसका नाम भी नही पूछ पाया।नरेश उस दिन के बाद रोज उस युवती को प्लेटफॉर्म पर खोजता पर वह उसे नही मिली।लेकिन एक दिन वह ट्रेन में चढ़ा और ज्यो ही अंदर गया।वह युवती उसे मिल गयी।उसके पास वाली सीट खाली देखकर नरेश बोला,"क्या मैं यहां बैठ सकता हूँवह ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 2

ओ केहिना चली गयी थी।।और नरेश सन्डे का बेसब्री से इंतजार करने लगा।हिना की मोहक छवि उसके दिल मे अंकित हो चुकी थी कि रात हो या दिन वह मोहक छवि उसकी आँखों के सामने घूमती रहती।उसने हिना का नम्बर तो ले लिया था लेकिन अभी इतनी आत्मीयता या इतनी नजदीकी नही हुई थी कि उसे फोन कर सके।कही वह बुरा न मान जाए या अन्यथा न ले ले।फोन करने की चाहे हिम्मत न जुटा पाता पर रात को बिस्तर में वह उसे याद करता और उसे याद करते करते ही सो जाता।और शनिवार को वह बिस्तर में लेटा ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 3

"गाइड का क्या करोगे?""गाइड हमें यहां का इतिहास बताने के साथ पूरा म्यूजियम भी दिखा देगा।""कर लो।"हिना ने गर्दन हुए स्वीकृति दी थी।"इस म्यूजियम की नींव मेडम तुषाद ने डाली थी।इसीलिए उनके नाम परनरेश ने एक गाइड कर लिया था।"इस म्यूजियम का नाम मेडम तुषाद क्यो पड़ा?"हिना ने गाइड से प्रश्न किया था।"इस मुजियम की नींव मेडम तुषाद ने रखी थी।इसीलिए उनके नाम पर इस म्यूजियम का नाम पड़ा।""मेडम तुषाद कौन थी?"हिना ने दूसरा प्रश्न किया था।"मेरी का जन्म फ्रांस में हुआ था।बाद में वह फ्रांस से इंग्लैंड आ गयी।इंग्लैंड में डॉक्टर फिलिप मोम के अंग बनाते थे।मेरी ने ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 4

"चेम्बर ऑफ हॉरर में दुष्ट,दुर्जन,हत्यारे निर्मम लोगो के पुतले के साथ उनके जुर्म करने का तरीका भी था,"।गईदे उन्है के बारे मे बताते हुए बोला,"उस चएमबार मे गर्भवती महिलाओं और बच्चों का प्रवेश वरजीत था।""क्यो?"हिना ने पूछा था।"वो बहुत ही डरावना और भयंकर था।"।"अब कहा है।""सन 2016 में उसे बन्द कर दिया गया था।उसकी जगह श्वरलोक होम्स के कृतिम पात्रों और कृतित्व है "गाइड ने उन्हें उस भाग को भी दिखया था।म्यूजियम देखकर नरेश और हिना बहार आये थे।नरेश बोला,"भूख लगी है जोर की।""मुझे भी।""चलो कुछ खाते हैं।"नरेश,हिना के साथ रेस्तरां में आ गया था।इंडियन रेस्तरां था।उसमें काफी भीड़ ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 5

हिना और नरेश खाना खाने के बाद होटल से बाहर आये थे।नरेश बोला,"अगले सन्डे कही चलना है?""फोन पर बात लेंगे।"नरेश और हिना मेट्रो से वापस किंग्स्टन लौट आये थे।फिर नरेश और हिना अपने घर चले गए थे।नरेश और हिना ऑफिस में व्यस्त रहते थे।इसलिए रोज तो बात नही हो पाती थी लेकिन शनिवार को नरेश ने समय निकाल ही लिया था।वह फोन करके हिना से बोला,"कल सन्डे है।""मुझे मालूम है।""मालूम है तो बताओ कल घूमने चलोगी?"क्यो नही चलेंगे।जरूर चलेंगे।तुम्हे शक है क्या?""हा।"नरेश बोला था।"क्यो?""पिछले सन्डे को तुमने मेरे साथ चलने से मना कर दिया था।"अरे हां।सही कह रहे हो।मेरी ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 6

बिग बेनकाफी भीड़ थी।दूर से ही टावर की तरफ देखते हुए हिना बोली,"इतनी बड़ी घड़ी?""क्या तुम्हारे पाकिस्तान में है घड़ी?""मैं पाकिस्तान में लाहौर से बाहर ज्यादा नही गयी हूँ।जहा भी गयी हूँ,ऐसी तो नही देखी।न ही इतनी विशाल होगी,"हिना बोली,"और हिंदुस्तान में?"हमारे देश में क्लॉक टावर बहुत से शहरों में है।मैं कभी कलकत्ता तो नही गया लेकिन मैंने सुना है।कलकत्ता में बिग बेन की प्रतिकृति है।इतनी बड़ी नहीं है।आकार औऱ ऊचाई में इसकी एक तिहाई ही है,, नरेश ने अपने देश के बारे में हिना को बताया था।"इसे देखने के लिए तो काफी लोग आते है,"भीड़ की तरफ देखते ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 7

तभी जहाज आने का संकेत मिला।"निचे चलो।और पुल पर आवागमन रुक गया।वे लोग भी पुल से उतर आए थे।और धीरे पुल के दोनों हिस्से उपर उठने लगे।पुल के दोनों तरफ का ट्रैफिक जहा का तहँ ठहर गया था।और जहाज आने पर वे जहाज को नदी में से गुजरते हुए देखते रहे।"चले"हा चलो।रोजी और हेनरी चले गए थे।हिना और नरेश काफी देर तक घूमते रहे और फिर लौट गए थे।फिर अगले दो सन्डे ऐसे ही निकल गए।हिना व्यस्त रही और उसे अकेले जाने का मन नही करा।उसने छुट्टी का दिन घर पर ही बिताया था।फिर शनिवार को उसने हिना का ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 8

और उस दिन वे जू देखकर लौट आये थे।एक दिन नरेस ने हिना को फोन किया था,"इस सन्डे को स्ट्रीट चले"यह तो बाजार है।""तुम गयी हो क्या?""कई बार अपनी सहेलियों के साथ हो आयी हूं।"हिना ने उसे बताया था"फिर तो सही है।तुम्हें वहा की अच्छी जानकारी होगी।"खरीददारी करनी है क्या"कर लेंगेऔर सन्डे को नरेश हिना के साथ ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट गया था"क्या खरीदना है?"बाजार में पहुचने पर हिना ने परेश से पूछा था।"कपडे की दुकान में चलो।""रेडीमेड।""हा।"हिना पहले भी अपनी सहेलियों के साथ आ चुकी थी इसलिए उसे पूरी जानकारी थी।वह उसे लेकर एक शॉप में गयी थी।"कहिये आपको क्या ...और पढ़े

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बंधन प्यार का - 9

और वे रेस्त्रां से बाहर आ गए थे।बाहर आने पर नरेश बोला,",कभी क्लब गयी हो।"तुमसे दोस्ती हुई है तभी जाने लगी हूँ"पहले क्यो नही"अकेले क्या करो जाकर"दोस्त तो होंगे"है। कई लेकिन सब के अपने अपने बॉय फ्रेंड है।वे उनके साथ जाएगी या मेरे"पजिस्तान का कोई लड़का लड़की दोस्त नही है",रुबिका मेरे साथ ही पजिस्तान से आई थी।लेकिन उसे मैनचेस्टर में जॉब मिली थी।वह वहाँ चली गयी।फोन पर कभी कभी उस से मेरी बात हो जाती है"कोई पाकिस्तानी लड़का दोस्त नही है"तुम पहले हो जिसे दोस्त बनाया है वरना लड़को से मैं दोस्ती नही करती"क ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 10

जब हिना ने डांस नही किया तो वह उसका हाथ पकड़कर नाचने लगा।हिना हंसती रही वह उसे नचाने कि करता रहा।वहा से बाहर निकले तो नरेश बोला,"डिनर करोगी?"तो क्या भूखे पेट सुलाने का इरादा है"नही,"नरेश बोला,"भूखे पेट तो मुझे भी नींद नही आती।चलोऔर वे एक रेस्तरां में आ गए थे।इस रेस्तरां में वेस्टर्न और इंडियन दोनों तरह का खाना मिलता था।नरेश ने मेनू देखकर खाने का आर्डर दिया था।"हाय,"वे खाना खा रहे थे तभी नरेश का सहकर्मी आया था।नरेश ने भी उसके अभिवादन का उत्तर दिया था। वेटर खाने की प्लेटे रख गया था।वे दोनों खाने लगे।खाना खाने के ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 11

और एक सन्डे को नरेश हिना के साथ पार्क गया।हिना बोली कोनसे पार्क चलोगे"हाईड पार्कऔर नरेश हिना को अपने लेकर हाईड पार्क गया था।पार्क विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था।वहां पर एक बोर्ड लगा हुआ था।उस पर उस पार्क के बारे में जानकारी दी गयी थी।उस पार्क को सन1873 में इग्लैंड के राजा ने बनवाया था।नरेश,हिना के साथ उस पार्क में चहल कदमी करने लगा।मस्त ठंडी हवा चल रही थी।वहां लगे फूल के पौधों से पार्क महक रहा था।भीनी भीनी खुश्बू फिजा में घुली थी।हिना के बदन से आ रही इत्र की मोहक महक भी उसे मस्त कर रही ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 12

पार्क के अंदर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी।सन्डे को और दिनों के मुकाबले सार्वजनिक और पर्यटन स्थल पर ही लोग आते है।छुट्टी के दिन का पूरा लुत्फ लेते है।मस्ती और खुशी का इजहार करते है।पार्क में नरम हरी घास पर खिली धूप में बच्चे खेल रहे थे।उछल कूद रहे थे।जगह जगह जोड़े बैठे प्रेमालाप में मशगूल थे।चहल कदमी करते करते नरेश, हिना से बोला,"चलो उधर चलकर बैठते हैऔर हिना, नरेश के साथ एक पेड़ के नीचे आ गई।दोनों नरम हरी घास पर बैठ गये थेनरेश, सामने बैठी हिना को निहारने लगा"ऐसे क्या देख रहे हो"तुम्हे"मुझे क्यो"तुम कितनी सुंदर ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 13

नरेश और हिना लौट आये"आज क्या सूरज अपना रास्ता भूल गया,"हिना, नाजिया को देखकर बोली थी।नाजिया बंगला देश से जो पहले पाकिस्तान का हिस्सा था।वह लेटकमरथी।ऑफिस में सबसे बाद में भागती दौड़ती आती थी।आज उसे सबसे पहले ऑफिस में देखकर हिना ने कहा था।"ताना मार रही है"नाजिया हिना का इशारा समझ गयी थी।"अब पूछना तो पड़ेगा ही"यार बात ऐसी है।मैं शाम को भी लेट गयी थी।फिर भी कुछ काम रह गया था।बॉस को सुबह ही यह फ़ाइल देनी है।उसे पूरा करने के लिए जल्दी आना पड़ा"चायचाय के कप मेज पर रखते हुए जॉन बोला था"आज चाय अभी क्यो"हिना ने ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 14

टी ब्रेक हो गया थासब सुस्ताने के मूड में आ गए थे"तूने अपने दोस्त का नाम क्या बताया था"नरेशनाजिया दोस्त तो हिन्दू है"हा"तो तू एक काफिर से निकाह करेगी"काफिर कौन होता है?"हिना ने पूछा था",जो हमारे धर्म का न हो।मुसलमान न हो।उसे काफिर कहते हैं"तू पढ़ी लिखी होकर कैसी बात करती है"शादी के लिये तेरा बॉय फ्रेंड मुसलमान बनेगा"नही"तो नरेश को अपना बनाने के लिए अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दू बनेगी"न मैं हिन्दू बनूँगी न नरेश मुसलमान बनेगा।"न तू अपना धर्म बदलेगी न तेरा प्रेमी।फिर ये शादी होगी कैसे"क्या अलग अलग धर्म को मानने वाले शादी नही कर सकते"क्यो ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 15

घर से निकलते समय नरेश ने हिना को फोन कर दिया था।"तुम घर से निकल गया"निकल रहा हूँ"बस में नरेश पैदल मेट्रो स्टेशन की तरफ चल पड़ा था।यहाँ पर लोग पैदल चलना भी खूब पसंद करते है।नरेश को चाय की तलब महसूस हुई।वह जल्दी में घर पर चाय नही बना पाया था।वह चाय पीने के लिए रेस्तरां में रुक गया था।चाय पीकर जैसे ही निकला हिना का फोन आ गया"कहा पर हो"तुम पहुंच गई"हाँ"बस में भी आ रहा हूँहिना, नरेश का ही इनजार कर रही थी"गुड मॉर्निंग,"नरेश हिना को देखकर बोला,"सुंदर लग रही हो""थेंक्सऔर नरेश और हिना यू के ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 16

पत्थर लगते ही हिना के सिर से खून बहने लगा और वह जमीन पर गिर गयी"हिना हिना क्या हुआ।उठो।आंखे ने बहुत कोशिश की लेकिन वह बेहोश हो गयी थी।तब नरेश ने उसे गोद मे उठाया और पथरबाजी कि चिंता न करते हुए हिना को लेकर सड़क पर आ गयाहेल्प मीनरेश सड़क से गुजर रही कार वालो से मदद मांगने लगा।लेकिन प्रदर्शन होता देखकर कोई रुक ही नही रहा था।लेकिन एक कार रुकी और नरेश, हिना को लेकर अस्पताल पहुंचा थाडॉक्टर ने खून साफ करके पट्टी बांधी और इंजेक्शन लगया था"डॉक्टरनरेश ने डॉक्टर से पूछा था"घबराने की बात नही है।मामू ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 17

हिना मोबाइल देख रही थी तभी फोन की घण्टी बजी।सबीना का फोन था हिना फोन कान से लगाकर बोली,"हा बंगला देश की थी और हिना के साथ ही काम करती थिंदोनो में अच्छी दोस्ती थी।"कहा है तू"नरेश के घर पर"क्यो"चोट लग गयीं।नरेश ले आया"चोट।केसी चोटहिना ने सबीना को पूरा वाक्या सुनाया था।उसे सुनकर सबीना बोली,"अब केसी है"मामूली चोट हैऔऱ कुछ देर तक दोनों फोन पर बाते करती रही थी।"खाना तैयार हैनरेश ने कहा था।हिना खाने की प्लेटे देखते हुए बोली,"तुमने तो कई चीजें बना ली"कई कहा है।दाल ,चावल,रोटी,सब्जी और हलवा"लो मुह खोलोनरेश ने चमच से हिना को हलवा खिलाया ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 18

"पहनती है शादी के बाद"लडकिया कड़े तो पहनती है"तुम्हे अच्छे लगते है क्या"हा"तो पहन लुंगी"सिर्फ मेरे कहने से नही,"नरेश मन करे तो"तुम्हारा और मेरा मन अलग नही है"हिना बोली,"ले आऊंगी"तुम नही।मैं लाऊंगाऔर हिना ने नहा धोकर नरेश के लाये कपड़े पहन लिए थे।वह कपड़े पहनकर बोली,"कैसी लग रही हूँ"सुंदर हो तो सुंदर ही लगोगी"मैं कपड़ो कि बात कर रही हूं"बहुत cute लग रही हो।कहि नजर न लग जाये,नरेश बोला,"तुम बताओ मेरे लाये कपड़े कैसे लगे"तुम्हारी चॉइस को दाद देनी पड़ेगी"क्या खाओगी"तुम बताओ वो ही बना दूंगी"मंगा लेते है आर्डर करके"उसकी क्या जरूरत है।अगर बाजार का खाना है तो वही ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 19

और हिना की बात उसने मान ली थी"हलो।सो गए क्या"अकेले नींद नही आती"फिर कैसे आएगी"तुम आ जाओ"आऊंगी"कब"रात को"रात ही है"सपने में आऊंगी"खूब मजाक बना लो"मजाक नही हैनरेश और हिना देर रात तक हंसी मजाक करते रहे।।और रोज ही करने लगे।शनिवार की रात को नरेश हिना से बोला,"तैयार रहना कल"क्यो"घूमने चलेंगे"कहा पर"ऑक्सफ़ोर्ड स्ट्र्रेट भी"खरीदारी भी करनी है"हां"क्या"टॉवल है,अंडर गारमेंट्स रुमाल आदि"इसमें में क्या करूँगी"तुम्हारे लिये भी"मेरे पास तो है"कोई बात नही।एडवांस में ले लेना"मैं ले आउन्ही"मैं अपनी पसंद के दिलाऊंगा"शादी हुई नही अभी से शौहर का रुतबा दिखाने लगे"रुतबा नही"तो"प्यार।होने वाली मेरी प्यारी सी बीबी को प्यारऔर सन्डे को नरेश ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 20

हिना मा के साथ मेट्रो में बैठ गयी थी।नरेश जनता था उसकी माँ को पूजा पाठ में बहुत समय है।इसलिए मा से बोला,"जल्दी तैयार हो जाना"क्यो"चलना है"कहा"तुम्हे पार्क ले चलूंगा"क्या मुझे पार्क देखने के लिए इतनी दूर से बुलाया है"।मीरा बोली,"मन्दिर या कोई दूसरी जगह ले चलता"मम्मी।सब जगह तुम्हे ले चलूंगा।अब तो यही रहना है"जैसी तेरी मर्जीऔर मीरा नहा धोकर पूजा करके तैयार हो गयी थी।नरेश अपनी माँ के साथ मेट्रो स्टेशन पहुंचाथा।मीरा बोली,"दिल्ली में भी मेट्रो है लेकिन यह और भी अच्छी लग रही हैनरेश मा को लेकर हाईड ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 21

"हा।मेरे वालिद ने मेरा निकाह अपने मजहब के लड़के से ही किया था"फिर तो तू। अपने अतीत को भूली होगी"नही भूली"सलमा बोली"क्यो"नही भूली तो एक बार अपने अतीत में झांक लेबेटी ने याद दिलाया तो सलमा के अतीत के पन्ने खुलने लगे"अम्मी मैं आगे तालीम लेना चाहती हूँ।"सलमा का जन्म कराची के एक गरीब परिवार में हुआ था।उसके वालिद असलम मेहनत मजदूरी करते थे।पाकिस्तान में भयंकर मंहगाई थी।इसकी वजह जरूरी सामान की भारी किल्लत थी।खाने पीने की चीजों का अभाव था।असलम की कमाई में परिवार का गुजारा नही होता था।असलम की बीबी फातिमा सिलाई और कढ़ाई करके पैसे कमा ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 22

"लड़का तो सुंदर है"फातिमा फोटो देखकर बोली थीलड़के में कोई ऐब तो नही है"जफर हीरा हैअसलम ने खूब तारीफ कसीदे गढ़े थे"मैं सलमा को फोटो दिखाती हूँ"जरूरफातिमा पास के कमरे में चली गयी।सलमा कढ़ाई कर रही थी।वह दूसरे कमरे में चल रही अपने अब्बा और अ। अम्मी की बाते भी सुन रही थी"सलमा यह फोटो देख।तेरे अब्बा तेरे लिए लाहौर के एक लड़का देख कर आये है।"वह लड़के कद बारे में बताते हुए बोली,"तुझ्रे पसन्द है"तुम जानोसलमा ने सरसरी नजर से फ़ोटो देखकर शरमाते हुए कहा थासलमा को लड़का पसन्द आ गया। फातिमा को भी पसन्द था।असलम ने बेटी ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 23

शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में जबर्दस्ती शराब पिला दी होगी।लेकिन ऐसा सोचना उसका भरम था जो जल्दी ही टूट गया था।वह जान गई कि उसका शौहर शराबी था।उसे शराब की लत थी।और धीरे धीरे शौहर के दूसरे एमल भी सलमा के सामने आ गए थे।सिगरेट और सट्टे का भी वह शौकीन था।शौहर की ज्यादातर कमाई उसके खुद के शोक पूरे करने में खर्च हो जाती थी।वह घर खर्च को पैसे देता उसमे खर्च नही चलता था क्योंकि महगाई आसमान छू रही थी।जरूरी चीजों की भारी ...और पढ़े

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बन्धन प्यार का - 24

और उस दिन तो नगमा चली गयी थी।लेकिन जफर और नगमा निकाह का मन बना चुके थे।सलमा ने यह अपने फोन करके अब्बू को बताई थी।अब्बू बोले,"तुम ही समझा सकती हो।अगर मान जाए तो लेकिन जफर कहा मानने वाला था।और सलमा के लाख प्रयास के बावजूद जफर ने नगमा से निकाह कर ही ली थी।नगमा ने निकाह से पहले कहा था,वह उसकी छोटी बहन बनकर रहेगी।लेकिन ऐसा नही हुआ।नगमा ने सलमा की जगह हथिया ली और सलमा नौकर बनकर रह गयी।वे दोनों नौकरी करते थे।इसलिएए सुबह और देर श शाम को लॉटकर आते।स्लमआ सुबह डॉनओ के लिये चय नष्टआ ...और पढ़े

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