एक  गाव  था  जिसका  नाम  था  ।  कैलास पुर  ।  उस  गाव  मे  एक  जंगल  पड़ता  था  ।  शाम  के  ७  बजे  के  बाद  वहा  कोई  भी  आदमी  नहीं  जाता  था  ।    कहते  है  शाम  के  बाद  जो  वहा  गया  ।  वो  फिर  पलट  के  कभी  नहीं  लौटा  ।  जो  गया  सो  गया  ।    कहते  उस  जंगल  मे  एक  सड़क  है  ।  सायद  एक  किलोमीटर  जितनी  ।  बस  उस  सड़क  का  ही  सब  खेल  है  ।    दिवाली  की  छूटी  हो  चुकी  वो  घर  के  लिए  रवाना  हो  गया  था ।  वो  जब  उस  जंगल  वाली  सड़क  तक 

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डोली अरमानों की - भाग 1

एक गाव था जिसका नाम था । कैलास पुर । उस गाव मे एक जंगल पड़ता था । शाम ७ बजे के बाद वहा कोई भी आदमी नहीं जाता था । कहते है शाम के बाद जो वहा गया । वो फिर पलट के कभी नहीं लौटा । जो गया सो गया । कहते उस जंगल मे एक सड़क है । सायद एक किलोमीटर जितनी । बस उस सड़क का ही सब खेल है । दिवाली की छूटी हो चुकी वो घर के लिए रवाना हो गया था । वो जब उस जंगल वाली सड़क तक ...और पढ़े

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डोली अरमानों की - भाग 2

कहते है अगर रास्ते मे कोई प्रेत हो । तो वहा से निकलते वक्त भूल से भी ये नहीं चाहिए की चलो या फिर मेरे साथ चलो । चाहे आपके सामने आपका कोई चाहीता व्यक्ति ही क्यू ना हो । और दुशरी बात उस रास्ते पे पड़ी या फिर मिली किसी वस्तु को घर नहीं ला ना चाहिए । क्युकी ऐशा करने से उस प्रेत को ऐशा लगता है की आप उसे अपने साथ आनेका नियोंता दे रहे हो । जाने से या अनजाने से कोई फर्क नहीं पड़ता । आगे आपने देखा की कैसे सब बाराती ...और पढ़े

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डोली अरमानों की - भाग 3

आगे आपने देखा की कैसे कैलाशपुर मे एक के बाद एक मौते होती रहती है । लेकिन किसी को पता नहीं चलता । फिर एक दिन भोलाराम सब -कुछ देख जाता है । ओर अपने भाई राजाराम की मौत का बदला लेने की प्रतिज्ञा करता है । ओर वो तांत्रिक ओर तांत्रिका ए कोन थी । चलीए जानिए मेरे साथ मे हु अभिषेक जोशी ओर ये रही हमारी आज की कहानी दरअसल ये तांत्रिक रुद्ररेश था । जो की रंभा का प्रेमी था । ओर तांत्रिका रंभा खुद थी । जो प्यार के झांसे देकर नौजवान लड़कों ...और पढ़े

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