सुभ प्रभात आज एक नई कहानी की और चलते है जहा पे एहसास थोड़ा पुराना होगा और थोड़ा अलग सा होगा तो चलो फिर शुरू करते हैसावधान महराज पधार रहे है...तशरीफ रखिए सब लोगमहराज आज एक बड़ी समस्या आय हुए है तो आप जरा हल बताए है ताकि हम इस मुसीबत से बच सकेसमस्या बताएजी महाराज हम है बलवंत। वो ना ये कालू बोल रहे है की इन्होंने मेरी मछली पकड़ने कि जाल नहीं ली बट मेरी मछली पकड़ने कि जाल इन्होंने ही ली है हमे पता है और हमारे पास सबूत भी हैआपका कहना है की आपकी मछली पकड़ने

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युद्ध का रण - 1

सुभ प्रभात आज एक नई कहानी की और चलते है जहा पे एहसास थोड़ा पुराना होगा और थोड़ा अलग होगा तो चलो फिर शुरू करते हैसावधान महराज पधार रहे है...तशरीफ रखिए सब लोगमहराज आज एक बड़ी समस्या आय हुए है तो आप जरा हल बताए है ताकि हम इस मुसीबत से बच सकेसमस्या बताएजी महाराज हम है बलवंत। वो ना ये कालू बोल रहे है की इन्होंने मेरी मछली पकड़ने कि जाल नहीं ली बट मेरी मछली पकड़ने कि जाल इन्होंने ही ली है हमे पता है और हमारे पास सबूत भी हैआपका कहना है की आपकी मछली पकड़ने ...और पढ़े

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युद्ध का रण - 02

महाराज : आज की सभा मे ये पेहली शिकायत यही पे पुर्ण होती है. कृपया दुसरी लोगो को भेजो सम्श्याए हो.दास : दूसरे शिकायत वाले को बुलाया जा रहा है. कृपया हाजर हो.मिठू : महाराज मेरा नाम मिठू है. और मेरी समश्या ये है की मेरी गाय नही मिल रही है.महाराज : अरे काफी विचलित शिकायते आ रही है. किसी की जाल गुम हो जाती है. किसी की गाय चोरी हो जाती है. ये हो क्या रहा है. शिपाईयो जाओ और इनकी गाय ढूंड के दो इस मिठू भाई को.मिठू : धन्यवाद महराज.《 दूसरे कक्ष मे... 》महाराणी वन्दना : ...और पढ़े

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युद्ध का रण - 3

सेना के सेवक मणिक : सावधान रहे महल से कैलाश जी पधार रहे है. संदेश ले कर कृपया ध्यान : महल से महाराज भुजंग ने संदेश भेजा है की हमे देव गढ सालू के राजा से युद्ध लड़ कर हमे वो सिंहासन हासिल कर ना है. और फतेह करनी है.सेना के सेवक मणिक : तो सुना आप लोगो ने महाराज का आदेश है की हमे देव गढ सालू मे जाकर उस राज्य को हड़प ना है.सेना : हा हा हम तैयार है हा हा हम तैयार हैसेना के सेवक मणिक : कैलाश जी आप अब निचिन्त हो कर जाईये ...और पढ़े

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युद्ध का रण - 4

अब तक आपने जाना की कैलाश भुजंग की सेना को युद्ध लड़ने के लिए तैयार करने के लिए संदेश अब आगेमहाराज भुजंग : आज तो उस साम राज्य को खतम कर के ही वापस लौटेंगेकैलाश : हा महाराज जी क्यू नही अवश्य जीत हमारी होगी देखना आपसेना का सेवक : जी महाराज आप निचिन्त रहिये जीत हमारी ही होगीश्री नारद मुनी जी : नारायण नारायणमहाराज भुजंग : प्रणाम मुनिवर जी आप यहा कैसे सब ठीक तो हैश्री नारद मुनी जी : प्रणाम महराज भुजंग और बाकी महल वासियो को. तो मे हम ये कह रहे थे की मे तो ...और पढ़े

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