बिगड़ैल लड़की

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ह कहानी,, पूर्ण रुप से काल्पनिक है ।किसी भी जाति धर्म स्थान व्यक्ति से कोई संबंध नहीं रखती है ।इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से लिखा गया है ।तो इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पड़े ।और फिर भी यह किसी से मैच करती है तो ,वह सिर्फ एक संयोग होगा। यह कहानी का भाग 1 एक आलीशान कोठी के अंदर ,ऊपर के माले से नीचे आती हुई, सीढ़ियों से 20 साल की खूबसूरत लड़की नीचे उतर कर आ रही थी ।देखने से ही पता लग रहा था कि इसमें हर वह बात है ,जो एक मॉडर्न लड़की में आजकल देखने को मिल जाती है। बलवंत ,जो वही हॉल में बैठे हुए मोबाइल से,, किसी से बात कर रहे थे अपनी बेटी को बाहर जाता देख कर,, बलवंत ,,"रवीना कहां जा रही हो इस वक्त रात के 11:00 ?

Full Novel

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बिगड़ैल लड़की - 1

यह कहानी,, पूर्ण रुप से काल्पनिक है ।किसी भी जाति धर्म स्थान व्यक्ति से कोई संबंध नहीं रखती ।इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से लिखा गया है ।तो इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पड़े ।और फिर भी यह किसी से मैच करती है तो ,वह सिर्फ एक संयोग होगा। यह कहानी का भाग 1 एक आलीशान कोठी के अंदर ,ऊपर के माले से नीचे आती हुई, सीढ़ियों से 20 साल की खूबसूरत लड़की नीचे उतर कर आ रही थी ।देखने से ही पता लग रहा था कि इसमें हर वह बात है ,जो एक मॉडर्न लड़की में ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 2

कहानी को समझने के लिए ,,पिछला भाग अवश्य पढ़े,, यह कहानी का,, भाग 2 अब आगे:- रात 11:00 बजे अपनी बेटी से परेशान अपना सिर पकड़ कर सोफे पर बैठा हुआ है ,""उसे समझ नहीं आ रहा कि वह अपनी बेटी को सही रास्ते पर कैसे लाएं, पैदा होने के बाद उसे कितने लाड और प्यार से पाला था ,,और आज वही बेटी बड़ी हो कर ,,उसे खून के आंसू रोने पर विवश कर रही थी,,, बलवंत ,,टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाते हैं ,और अपने एक दोस्त को फोन मिलाने लगते हैं,,,, बलवंत,,"" हेलो प्रकाश "" प्रकाश,," हेलो ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 3

कहानी को समझने के लिए ,पिछले बार अवश्य पढ़े ,यह कहानी का भाग 3 अब आगे:- रवीना, सुबह 5:00 के करीब उस कोठी से बाहर अपनी कार लेकर निकल गई थी ,,उसका सिर भारी हो रहा था,,, और आंखों में हल्की जलन हो रही थी, आंखों की पुतलियां मोटी और लाल दिख रही थी,,, रवीना ने ,,म्यूजिक ऑन कर दिया था ,,और बड़े आराम से अपने घर की बढ़ रही थी,,,, रात को मारा गया कुत्ता भी, उसे वही मरा हुआ नजर आ गया था,,, और उसे अब मरा देखकर,, रवीना को थोड़ा अजीब सा फील हुआ था,, रवीना,,,"" ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 4

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग ,4 अब आगे,,, रवीना और जो ,सुबह के वक्त ही सोने के लिए लेटे थे,, उन्हें लेटते ही अब गहरी नींद आ गई थी,,, रवीना ,,,तो वैसे ही रात भर नशे में थी, और सुबह उसने अपना उल्टी करके नशे को उतारा था ,,,वह भी अब बेसुध होकर सो रही थी,,,,, बलवंत सिंह, इन दोनों का दरवाजा खटखटा रहे थे, और फिर इन दोनों को गहरी नींद में सोता देख कर, दरवाजा बंद करके चले गए थे,,, बलवंत ,नाश्ते की टेबल पर बैठे थे ,,और तभी ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 5

कहानी को समझने के लिए ,पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग 5 रवीना ,,,इस वक्त बिल्कुल तैयार चुकी थी, घर से बाहर निकलने के लिए,, दिन का 1:00 बज रहा था,,, रेणुका ,,"कहां के लिए तैयार हो रही हो रवीना ,इस भरी दोपहरी में,,,"" रवीना ,,"हां यार बस अपने बॉयफ्रेंड आशीष से मिलने जा रही हूं ,,,तू भी चल ,लंच बाहर ही करेंगे,,,"" रेणुका ,,"पर यार मैं तुम दोनों के बीच में क्या करूंगी, तुम दोनों भी बेवजह परेशान हो जाओगे मुझसे, और तुम दोनों की ढेरों पर्सनल बातें,,, रहने दो ,,तुम अकेली ही चली जाओ,,"" और ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 6

कहानी को समझने के लिए, पिछले भाग, अवश्य पढ़ें, यह कहानी का भाग 6 अब आगे:- आशीष ,,जो वक्त अपने सामने दो, खूबसूरत लड़कियों को बैठा देखकर बेहद खुश था, एक तो उसकी गर्लफ्रेंड रवीना और दूसरी रेणुका ,जिसका नदी की तरह उफान भरता जिस्म, उसके दिल और दिमाग में बसता चला गया था,,,,, रेणुका,, खामोशी से अपना लंच कर रही थी, उसकी निगाहें बिल्कुल शांत नजर आ रही थी, सामने बैठे आशीष पर वह उड़ती हुई नजर भी नहीं डाल रही थी ,और यही बात आशीष को खल रही थी,,,,, आशीष,,"" रवीना लंच करने के बाद ,क्यों ना ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 7

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग 7 अब आगे रेणुका और रवीना वक्त अपनी सीट पर बैठे हुए थे, रवीना की बाजू में आशीष बैठा हुआ था और रेणुका की तरफ अनिल और राजू,,, दोनों लड़कियों को इन तीनों लड़कों ने बीच में बैठा लिया था,,, कुछ ही मिनट बाद हॉल के अंदर स्क्रीन का उजाला फैल गया था और उसमें हॉलीवुड की मूवी शुरू हो गई थी ,वहां अब फिल्म का ही शोर गूंजने लगा था,,,, आशीष ,रवीना की हथेली को अपनी हथेली से पकड़ लेता है और थोड़ा मजबूती से ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 8

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग 8 अब आगे:- रेणुका को लेकर वक्त अनिल और राजू गाड़ी में तेजी से आगे को बढ़ रहे थे, अनिल जो गाड़ी में पीछे बैठा हुआ था उसने रेणुका के कमर में हाथ डाल कर उसे अपने से चिपका लिया था, रेणुका की समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने आप पर काबू क्यों नहीं रख पा रही हैं, उसकी आंखें इस तरह भारी क्यों हो रही है ,, अनिल के होंठ अब रेणुका के कानों के पास घूमने लगे थे रेणुका को भी ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 9

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग 9 अब आगे रवीना और आशीष बनाया सारा प्लान फेल हो गया था आशीष के दोनों साथी अनिल और राजू रेणुका के साथ जिस्मानी संबंध बनाने में असफल हो गए थे ,,, रवीना दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ते हुवे,,"" अच्छा मैं चलती हूं अब घर जाकर पहले रेणुका को भी संभालना होगा वरना वह बेवजह इस सब का आरोप मेरे सिर पर लगा देगी"", आशीष रवीना के जाने की बात सुनकर," यह क्या कह रही हो यार हम इतने दिनों के बाद मिले हैं चलो ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 10

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग 10 अब आगे:- रवीना जो एक बिगड़ैल लड़की थी नशा उसके लिए जीवन की बेहद बड़ी जरूरत बन चुका था और ऊपर से अय्याश दोस्त जो उसकी जिंदगी को बर्बाद कर रहे थे उसकी जिंदगी में जहर घोल रहे थे पर वह नादान बनी हुई थी रवीना अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लाते हुवे ,,"चलो रेणुका मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलती हूं वरना कहीं ऐसा ही तुम्हें दोबारा हो गया तो मुश्किल हो जाएगी, अभी तो मेरे बॉयफ्रेंड आशीष के दोस्तों ने तुम्हारी ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 11

कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग- 11 अब आगे:- रेणुका जिस की सुनकर इस वक्त रवीना का दिमाग घूम गया था और वह अपने आप को रेणुका के दिमाग में आए शक से बचाने के लिए ,अपनी धूर्तता दिखाने लगी थी ,उसने गाड़ी को वापस मुड़ गया था,, रेणुका अब एकदम से ,,""गाड़ी रोको रवीना, मैं चाहती हूं गाड़ी सड़क के किनारे लगाकर खड़ी कर दो ,अगर तुम्हें मेरे साथ घूमने जाने में भी तकलीफ है तो मुझे यही उतार दो ,,यही ज्यादा अच्छा रहेगा,,"' रवीना, अब उसकी बात सुनकर गाड़ी को ...और पढ़े

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बिगड़ैल लड़की - 12 (अंतिम भाग)

यह कहानी का अंतिम भाग, कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें रवीना को इस वक्त शहर की आलीशान कोठी में उसके प्रेमी आशीष ने धोखे से ड्रग लेने के लिए बुला लिया था, जबकि उसके आशिक ने उसके मानव शरीर के अंगो का सौदा कर दिया था, रवीना इस वक्त चार गुंडों के बीच में फंसी हुई थी,,, रवीना,,,""यह क्या है आशीष कौन है यह लोग और यह मुझे ऐसे क्यों पकड़ रहे हैं,,""" आशीष ,,"अरे जानेमन दरअसल हमारे बॉस जग्गू को मानव अंग की जरूरत है जो अब तुम्हारे शरीर से पूरी हो जाएगी,," रवीना, ...और पढ़े

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