"अरे बेटा...दही चीनी तो खा ले, फिर जा क्लिनिक पर" माँ ने सुभाष को रोकते हुए कहा | सुभाष - "क्या माँ..तुम भी ना, दही चीनी से किसी का दिन शुभ नहीं होता, मुझे देर हो रही है, मैं जा रहा हूं" | यह कहकर सुभाष दरवाजे से निकलने लगा तो मां किचन से दौड़ कर आई और सुभाष को दही चीनी खिलाकर मन ही मन कहने लगी," आजकल के बच्चे भी ना जरा सा पढ़ लिख क्या लेते हैं, किसी की बात ही नहीं सुनते" | सुभाष अपने आई क्लीनिक पर आ जाता है, सुभाष अपनी मां के साथ मढ़पुर में आराम से रहता है, दो साल पहले ही सुभाष ने अपनी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करके अपना नया आई क्लीनिक खोला था और ईश्वर की कृपा से सब खूब अच्छा चल रहा था |

Full Novel

1

मैं फिर आऊंगी - 1 - आई क्लीनिक

"अरे बेटा...दही चीनी तो खा ले, फिर जा क्लिनिक पर" माँ ने सुभाष को रोकते हुए कहा |सुभाष - माँ..तुम भी ना, दही चीनी से किसी का दिन शुभ नहीं होता, मुझे देर हो रही है, मैं जा रहा हूं" | यह कहकर सुभाष दरवाजे से निकलने लगा तो मां किचन से दौड़ कर आई और सुभाष को दही चीनी खिलाकर मन ही मन कहने लगी," आजकल के बच्चे भी ना जरा सा पढ़ लिख क्या लेते हैं, किसी की बात ही नहीं सुनते" | सुभाष अपने आई क्लीनिक पर आ जाता है, सुभाष अपनी मां के साथ मढ़पुर में आराम ...और पढ़े

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मैं फिर आऊंगी - 2 - अतीत की आहट

रात के करीब दो बजे सुभाष को कुछ आहट सी सुनाई दी जो मां के कमरे में हो रही | सुभाष दौड़कर मां के कमरे में आया तो देखा वो बिस्तर की बजाय जमीन पर पेट के बल लेटी थी और उनके हाथ में चाकू था, जिसे वह जमीन पर बार-बार मार रही थी, उस चाकू के जमीन पर टकराने से ऐसी तेज आवाज निकल रही थी जैसे कोई लोहे पर हथौड़े मार रहा हो, इस आवाज से सुभाष का सर फटने सा लगा, वह घबरा गया और बोला, "क्या हुआ माँ"? उसने डरते डरते मां को उठाया तो ...और पढ़े

3

मैं फिर आऊंगी - 3 - वो... आए हैं

दो साल पहले…. "अरे जल्दी करो माँ, सब वहां आ गए हैं, हम ही लोग सबसे लेट पहुंचेंगे", सुभाष कार निकालते हुए कहा | मां - "बेटा बस आई.. हनुमान अष्टक मंदिर का प्रसाद और फूल रख लूँ" |। यह कहकर मां सुभाष के साथ जल्दी से गाड़ी में आकर बैठ गई और दोनों आई क्लीनिक पर पहुंच गये आज सुभाष के आई क्लीनिक का उद्घाटन है, काफी सारे लोग आए हैं, पूजा होने के बाद सबको प्रसाद और मिठाई बांटी गई | वो आज बहुत खुश था क्योंकि आखिरकार उसका सपना पूरा हो गया, धीरे धीरे काफी लोग ...और पढ़े

4

मैं फिर आऊंगी - 4 - इलाज या साजिश

तीन महीने बाद… आई क्लिनिक में ... "डॉक्टर साहब… मेरी दीदी को बचा लो, आज सुबह से इन्हें कुछ नहीं दिख रहा, कल सोई थी तब तो ठीक थी लेकिन न जाने रात भर में क्या हो गया, कह रहीं हैं कि मुझे कुछ दिख ही नहीं रहा है", एक किन्नर ने गिड़गिड़ाते हुए कहा | सुभाष ने उठकर देखा और बोला, "ओ हो.. तो तुम हो... क्या बोला था तुमने उस दिन कि मैं भी तुम्हारी तरह हूं, हां.."| किन्नर -" अरे डॉक्टर साहब वह तो हम सब को मजबूरी में कहना पड़ता है, हमारी आदत है वरना ...और पढ़े

5

मैं फिर आऊंगी - 5 - याद है ना...

" बेटा सुभाष...उठो कब से जगा रही हूं, तुम ठीक तो हो" माँ ने घबराते हुए पूछा |सुभाष एकदम हड़बड़ा कर उठा और मां को देखकर उसकी जान में जान आई, उसके अतीत में हुई सारी घटनाएं आज उसे सपना बनकर दिख गईं, उसने एक ठंडी सांस ली और बोला "हां मां मैं ठीक हूं, तुम नाश्ता तैयार करो, मैं नहा धोकर आता हूं, आज कुछ अर्जेंट केस है" |माँ ने नाराज होते हुए कहा, "तू आज कहीं नहीं जाएगा, आज मैं तुझे महाकाल बाबा के पास ले चलूंगी, तू घर में ही रहेगा " |सुभाष ने मां को ...और पढ़े

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मैं फिर आऊंगी - 6 - बदला

सुबह होते ही सुभाष उठा और नहा धोकर नाश्ते के लिए बैठ गया, माँ नाश्ता लेकर आई, आज सुभाष काफी अच्छा महसूस हो रहा था नींद भी अच्छी आई थी लेकिन जब उसने मां को चेहरा देखा तो बोला, "क्या हुआ तुम बहुत परेशान लग रही हो, रात को ठीक से नींद नहीं आई क्या"? माँ - "नहीं बेटा.. मैं ठीक हूं, बस तू आज कैसे भी करके महाकाल बाबा के पास चल, तुझे कुछ हो जाएगा तो मैं…" | ये कह कर माँ रोने लगी, सुभाष ने मां को पास बिठाया और बोला, "ठीक है, जैसा तुम कहो.., ...और पढ़े

7

मैं फिर आऊंगी - 7 - छोटी सी भूल

बाबा महाकाल अंदर आए तो देखा कि सुभाष सामने की दीवार पर किसी तस्वीर की तरह लटका हुआ था, शरीर पर घाव थे, महाकाल बाबा ने अपनी आंखें बंद कर ली और मंत्र पढ़ना शुरू किए, मंत्र पढ़ते ही कमरे में तूफ़ान सा आने लगा, सुभाष जोर-जोर से ताली बजाने लगा, माँजी उसका ये भयानक रूप देखकर डर कर बेहोश हों गईं | बाबा ने अपने हाथ में कुछ भभूत निकाली और सुभाष के शरीर पर लगा दी, भभूत के लगते सुभाष फर्श पर गिर पड़ा और तड़पने सा लगा कुछ देर बाद कमरे में शांति छा गई | ...और पढ़े

8

मैं फिर आऊंगी - 8 - रज्जो का सच

रज्जो एक दम से शांत होकर बोली, "उस दिन तूने मेरा इलाज करने से मना कर दिया, मैं मन मन अपने आप को कोसने लगी कि मैंने एक डॉक्टर को ऐसे भला बुरा क्यों कहा था, पर तूने जब ऑपरेशन के लिए हां कर दी तो मैंने ना जाने तुझे कितनी दुआएं दी, अरे हमारा होता ही कौन है, मां-बाप पैदा होते ही कूड़े में डाल देते है, समाज गाली देता है और मजाक उड़ाता है, तुम ही लोगों की खुशियों में शामिल होकर हम कमाते खाते हैं, लोग हमें समाज का कचरा बताते हैं, अरे समाज का कचरा ...और पढ़े

9

मैं फिर आऊंगी - 9 - आखिरी राज

निहाल ने फाइल में लिखें मोबाइल नंबर पर कॉल की और करीम यानी अब्दुल से कहा " करीम जी ऑपरेशन फीस का कुछ प्रतिशत जो हमने ऐस ए सिक्योरिटी जमा किया था उसे रिफंड करना था, आप ऐसे अचानक चले गए इसलिए हम उसे रिफंड नही कर पाए वरना मरीज को डिस्चार्ज करते समय हम वो पैसे रिफंड कर देते हैं, आप कल आकार अपने पैसे ले जाइए और अपना चेक अप भी करा लीजिएगा"| सुभाष को पता था कि अब्दुल बहुत लालची है वह चेक अप कराने आए न आए लेकिन पैसे लेने जरूर आएगा | अगले दिन ...और पढ़े

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मैं फिर आऊंगी - 10 - अंतिम भाग

बाबा ने कुछ मंत्र पढ़े तभी रज्जो सुभाष को दर्द भरी आंखों से देखती रही और गायब हो गई, सुभाष समझ चुका था कि रज्जो के साथ कितना बुरा हुआ है और इस अब्दुल की वजह से रज्जो ने उसका पीछा किया | महाकाल बाबा ने बताया कि जल्द ही हमें रज्जो की अस्थियां ढूंढ कर उसका अंतिम संस्कार करना पड़ेगा | सुभाष ने कहा "पर हमें कैसे पता चलेगा कि रज्जो की डेड बॉडी कहां है, और वैसे भी उसको मारे लगभग दो साल हो चुके हैं" | बाबा मुस्कुराए और बोले, "तुम्हें क्या लगता है बेटा कि ...और पढ़े

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