नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर।
Full Novel
मोक्षधाम - 1
मोक्षधाम 1 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक- मुमुक्षुऔं के चरण-कमलों में सप्रेम। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्दः- नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त ...और पढ़े
मोक्षधाम - 2
मोक्षधाम 2 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक- मुमुक्षुऔं के चरण-कमलों में सप्रेम। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्दः- नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त ...और पढ़े
मोक्षधाम - 3
मोक्षधाम 3 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक- मुमुक्षुऔं के चरण-कमलों में सप्रेम। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्दः- नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त ...और पढ़े
मोक्षधाम - 4
मोक्षधाम 4 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक- मुमुक्षुऔं के चरण-कमलों में सप्रेम। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्दः- नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त ...और पढ़े
मोक्षधाम - 5 - अंतिम भाग
मोक्षधाम 5 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक- मुमुक्षुऔं के चरण-कमलों में सप्रेम। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्दः- नियति के सिद्धांतों की अटल परंपरा में, जीवन की क्या परिभाषा होगी तथा जीवन का घनत्व कितना क्या होगाॽ इन्हीं संवेगों और संवादों को, इस काव्य संकलन-मोक्षधाम (मिटा सके श्मशान क्याॽ)में दर्शाने का प्रयास किया गया है, जो अपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा में आपके कर कमलों मे-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त ...और पढ़े