मुझसे दोस्ती करोगे

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"अरे मुन्नी… ऐसे मत दौड़ रोड पर, मुन्नी…... मुन्नी रुक जा, अरे कोई गाड़ी आ जाएगी मुन्नी…, मुन्नी रुक जा…" |दस साल की मुन्नी रात के आठ बजे अपनी मां के साथ शहर के भीड़भाड़ वाली सड़कों से होकर अपनी छोटी सी चोल में जा रही थी, पर मुन्नी बार-बार उसका हाथ छुड़ाकर सड़क पर दौड़ती जाती और मुन्नी जिस तरह की हंसी हंस रही थी उससे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसे सड़कों पर गिरने का कोई डर ही नहीं, माला ने फिर मुन्नी को पुकारा, "अरे मुन्नी रुक जा, घर चल तुझे बताती हूं… अरे रुक ना…"

Full Novel

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 1

अरे मुन्नी… ऐसे मत दौड़ रोड पर, मुन्नी…... मुन्नी रुक जा, अरे कोई गाड़ी आ जाएगी मुन्नी…, मुन्नी रुक दस साल की मुन्नी रात के आठ बजे अपनी मां के साथ शहर के भीड़भाड़ वाली सड़कों से होकर अपनी छोटी सी चोल में जा रही थी, पर मुन्नी बार-बार उसका हाथ छुड़ाकर सड़क पर दौड़ती जाती और मुन्नी जिस तरह की हंसी हंस रही थी उससे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसे सड़कों पर गिरने का कोई डर ही नहीं, माला ने फिर मुन्नी को पुकारा, अरे मुन्नी रुक जा, घर चल तुझे बताती हूं… अरे रुक ना… ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 2

मिसेज मल्होत्रा की एक बेटी भी है लगभग मुन्नी की ही उम्र की है जिसका नाम सोनिया है, मुन्नी सोनिया काफी अच्छी दोस्त हैं, जब सोनिया स्कूल से आ जाती है तो दोनों खूब खेलती हैं, सोनिया मुन्नी को अपने सारे खिलौने दिखाती है और कई बार खिलौने दे भी देती है |मुन्नी जाकर गार्डन मे खेलने लगी | कुछ घंटों बाद वो खेलते खेलते सोनिया के कमरे में पहुंच जाती है और सारे खिलौने देख कर उदास हो जाती है, वह सोचती है कि उसके पास भी इतने ढेर सारे खिलौने होते तो कितना अच्छा होता | वो फर्श ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 3

उधर मिस्टर मल्होत्रा ने घर आकर सोनिया के कमरे में गए लेकिन कमरे में घुसने से पहले ही उनके में आवाज बड़ी ऐसा लग रहा था जैसे सोनिया किसी से बात कर रही हो लेकिन उसकी बातों में एक अजीब सा रहस्य महसूस हो रहा था और अजीब बात तो यह थी कि सोनिया की हंसी किसी और बच्चे की भी हंसी शामिल लेकिन निशा मल्होत्रा ने नजरअंदाज करते हुए कमरे के बाहर सही कहा," सोनिया बेटी… एक्यूरियम में मछलियों को दाना डाल देना और खाना खालो आकर" | ना का जवाब आया है जी पापा जी मैं बस अभी ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 4

मिस्टर मल्होत्रा ने सोनिया को उठाया और उसे मारने लगे वह बहुत गुस्से में थे, सोनिया चिल्लाती रही कि कुछ नहीं पता लेकिन पापा ने उसकी एक न सुनी | सोनिया फूट-फूट कर रोने लगी पति के तेज गुस्से के आगे मिसेज मल्होत्रा भी कुछ नहीं बोल पाई पर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि ऐसा काम उनकी यह छोटी सी बच्ची कैसे कर सकती है, बेड के नीचे पड़ी वह गुड़िया मुस्कुरा रही थी जिसके मुंह पर खून लगा था और चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी | कुछ देर बाद माला और मुन्नी काम पर आ ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 5

गुड़िया को देखकर मिस्टर मल्होत्रा को बार-बार पांच साल पहले अपना किया हुआ पाप याद आने लगा वह मन मन में बड़बडाने लगे ऐसा नहीं हो सकता ऐसा नहीं हो सकता, और ये कहते हुए वो अतीत के सागर में कहीं खो गए ।पांच साल पहले …..माला का पति अनिल भी बहुत सालों से मिस्टर मल्होत्रा की कंपनी में काम करता था मिस्टर मल्होत्रा का काम था बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाना,वो बहुत बड़े कांट्रेक्टर थे, पैसों की बारिश होती थी उनके यहां लेकिन उन्हें अपने पैसों का बहुत घमंड था उन्हें लगता था वह पैसों से हर चीज खरीद ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 6

अगले दिन से ही वहां कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो गया ।मिस्टर मल्होत्रा अभी भी उस बच्ची के बारे सोच रहे थे और मन ही मन कह रहे थे वह मनहूस दुबारा ना दिख जाए लेकिन दो-तीन दिन बाद वह फिर वही लड़की दिख गई वो भी अपनी गुड़िया के साथ । मल्होत्रा के कहने पर अनिल ने उसे बहुत समझाया लेकिन वह वापस नहीं गई, वह हमेशा उसी जगह पर आकर खड़ी हो जाती और फिर वापस न जाने की जिद करती । रोज-रोज यही घटना होने से मल्होत्रा परेशान हो गया था उन्होंने सोच लिया था इस मनहूस ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 7

रात को मल्होत्रा और अनिल उसी जगह पहुंचे तो मल्होत्रा ने झुग्गी की ओर इशारा करके कहा "चलो आज बला का काम ही खत्म कर देता हूं" l अनिल भी कहीं ना कहीं समझ गया था कि साहब क्या करने वाले हैं l दोनों झाड़ियों में बनी इस झुग्गी की ओर चले गए, चारों ओर अंधेरा और सन्नाटा था जो मल्होत्रा के इरादों को और मजबूत कर रहा था lदोनों उस झुग्गी में पहुंचे तो मारे बदबू के उनसे खड़ा ना हुआ गया, दोनों ने अपना रुमाल निकालकर अपनी नाक पे लगा लिया l मल्होत्रा ने अपना मोबाइल निकाल ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 8

उस बूढ़े ने रोते हुए फिर कहा "मैने उसे बहुत समझाया लेकिन मेरी बेटी नहीं मानी आखिरकार मुझे उससे पड़ा कि तुम रोज रात में इस गड्ढे के ऊपर सो जाया करना, जब भी तुम्हें मां की याद आए, तुम इस गड्ढे के पास आ जाना तुम्हारी मां तुम्हारे पास आ जाएगी, यह सुनकर वह खुश हो गई और यही कारण है वह ज्यादातर अपना समय वहीं गुजारती है, आपने जब उसे पहली बार देखा था तो वो कहां दिखी थी"? ये सुनकर वो दोनो सोचने लगे और तभी अनिल बोला "साहब ये तो सच कह रहा है वो लड़की ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 9

मिस्टर मल्होत्रा अपने अतीत से जागे और बोले "मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई, प्लीज मुझे माफ दो", तो गुड़िया ने हंसते हुए कहा "तुझे माफी देने तो आई हूं मैं"l इस पर सोनिया ने कहा "पापा आप परेशान मत हो, मैं हूं ना... आपकी बेटी... लेकिन आपको एक समझौता करना पड़ेगा या तो आप मुझे चुन लीजिए या खुद को"l इस पर मल्होत्रा ने डरते हुए कहा " म्म्म्म….म्म्म्म्म... मतलब"l सोनिया ने कहा "हम दोनों में से कोई एक ही बच सकता है या तो मैं या तो आप…." ये सुनते ही मल्होत्रा घबरा गया और सोनिया ने ...और पढ़े

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मुझसे दोस्ती करोगे - (अंतिम भाग)

यह कहकर उसने बाबा पर जोर से वार किया बाबा उसकी शक्ति पहचान गए, पर फिर भी बाबा अड़े उसने बाबा को उठाकर जमीन पर कई बार पटक दिया और जोर जोर से उनकी बेटी की आवाज में रोने लगी, तभी वहां साधु के वेश में एक आदमी दौड़ा दौड़ा आया और मल्होत्रा के घर में घुस कर बाबा को जोर जोर से पुकारने लगा, वो सीधा उसी कमरे की तरफ दौड़ा चला जा रहा था जिसमे बाबा ये पूजन क्रिया कर रहे थे, मिसेज मल्होत्रा और माला ने जब ये देखा तो उसे रोकने के लिए आगे आ ...और पढ़े

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