पांच माले कि सुंदर सी इमारत के दूसरी मंजिल पर डॉक्टर ऋतुराज ने अपनी नई क्लिनिक शुरू की थी । उन्हें यहा का इलाका बड़ा पसंद आया था और यहां उनकी क्लिनिक भी जोरो शोरो से चल रही थी । उन्हें एक असिस्टेंट की जरूरत थी ।उनके पहचान के मिश्रा अंकल ने उनके लिए एक असिस्टेंट लाने का वादा किया था जब की वो अभी तक अपने वादे पे खरे नहीं उतरे थे।ऋतुराज ने और दो दिन इतंजार करने का फैसला किया यदि इन दो दिनों में भी मिश्रा अंकल नहीं आए तो अखबार में ईश्तिहार देने की उसने सोच ली थी ।
Full Novel
प्यार वाली पठरी ... - भाग १
पांच माले कि सुंदर सी इमारत के दूसरी मंजिल पर डॉक्टर ऋतुराज ने अपनी नई क्लिनिक शुरू की थी उन्हें यहा का इलाका बड़ा पसंद आया था और यहां उनकी क्लिनिक भी जोरो शोरो से चल रही थी । उन्हें एक असिस्टेंट की जरूरत थी ।उनके पहचान के मिश्रा अंकल ने उनके लिए एक असिस्टेंट लाने का वादा किया था जब की वो अभी तक अपने वादे पे खरे नहीं उतरे थे।ऋतुराज ने और दो दिन इतंजार करने का फैसला किया यदि इन दो दिनों में भी मिश्रा अंकल नहीं आए तो अखबार में ईश्तिहार देने की उसने सोच ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 2
डॉक्टर साहब तो पायल को फिर से देखने के लिए बेताब हुए जा रहे थे ।कब सुबह होगी बारह बजेंगे और पायल आएगी इन्हीं खयालों में खोए हुए थे।अगले दिन सुबह डॉक्टर ऋतुराज ने अपनी क्लिनिक में जा कर अपना काम शुरू कर दिया।पर उनकी नजर बार बार घड़ी की तरह ही जा रही थी ।अभी दस ही बजे थे और पायल को आने में अभी तो दो घंटे बाकी थे ।ऋतुराज अपना काम करने लगा तभी उसे क्लिनिक में घुंघरू की छम छम सुनाई दी ।ऋतुराज की नजर दरवाजे पर पड़ी तो वहां पायल आके खड़ी हो चुकी ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 3
आज पूरे छह दिन बाद पायल क्लिनिक अाई थी।वो इमारत के नीचे ही खड़े होंकर सोच में डूबी थी ऊपर जाऊं या ना जाऊं।चार दिन से मै बिना डॉक्टर साहब को बताए छुट्टी लेके बैठी हूं।डॉक्टर साहब गुस्सा करेंगे तो ?आधे घंटे से वो सिर्फ नीचे ही टेहल रही थी कि अचानक उसे उसकी तरफ एक पागल आदमी आता हुआ दिखाई पड़ा पायल उसे देख बड़ी घबरा गई और वो दौड़ती हुई सीढ़ियां चढ़ क्लिनिक के सामने जा पोहची।ऋतुराज दरवाजे पे ही खड़ा था पायल हड़बड़ी में उसे जाकर टकराई।ऋतुराज ने उसे झट से संभाल लिया और उसे गिरने ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 4
शादी के बाद ऋतुराज जब वापस आ जाता है तब वो तो वापस आ गया था पर उसका दिल वहीं पीछे पायल के पास ही छूट गया था।रातभर वो सोनेकी कोशिश करता रहा फिर भी उसे नींद ना आ रही थी।बार बार पायल का मुस्कुराता चेहरा नजरो के सामने आ रहा था।थोड़ी देर वो वैसे ही तकिये से लिपटकर बिस्तर पर पड़ा रहा फिर उसने टिवी ऑन किया और ऐसे ही बटन दबा दबा कर कुछ देखने की कोशिश करने लगा। तभी टीवी पर एक गाना बज रहा था... ना कजरे की धार ना मोतियों के हार ना कोई ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 5
पायल के क्लीनिक आते ही ऋतुराज ने उसके हाथ पर एक लिफाफा रख दिया पायल अचंभित हो गई और ऋतुराज की तरफ देखा। पायल: डॉक्टर यह क्या है? ऋतुराज ने मुस्कुराकर जवाब दिया। ऋतुराज: पायल यह आपकी पहली सैलरी है। पायल उसकी बात सुनकर बहुत खुश हो गई और उसने झट से लिफाफा खोल दिया और उसके अंदर से पैसे बाहर निकाल कर उन्हें देखने लगी और फिर ऋतुराज से बोली पायल: सच्ची डॉक्टर। ऋतुराज ने फिर मुस्कुरा कर बोल दिया.. ऋतुराज: जी हां... अब आप यहां काम करती है तो आप को सैलरी तो मिलेगी ना तो यह ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 6
पायल को आज क्लिनिक आने में थोड़ी देर हो गई थी इस लिए वो जल्दी जल्दी में भागती दौड़ती की सीढ़ियां चढ़ रही थी ।वो क्लिनिक में भागते हुए ही पोहाची और उसी वक्त ऋतुराज क्लिनिक के दरवाजे की तरफ आ रहा था।पायल जाकर उस से जोरसे टकराई दोनों एक साथ नीचे गिर पड़े।ऋतुराज नीचे और पायल उसके ऊपर ।ऋतुराज ने पायल को अपनी बाहों में ज़खड रखा था और पायल भी डर के मारे ऋतुराज के शर्ट को कस कर पकड़े हुए आंखें बंद करके चुपचाप लेटी हुई थी।ऋतुराज उसके प्यारे से चेहरे को टकटकी लगाके देख रहा ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 7
पायल का टूटा ब्रेसलेट देख पायल नाराज थी इसलिए ऋतुराज उसके लिए वैसा ही ब्रेसलेट खरीद कर लाता है।ऋतुराज तो ले आता है पर पायल को देने में हिचकिचा रहा था।पायल को अच्छा ना लगा तो ये सोच सोच ही वो उलझन में पड़ा था तभी पायल क्लिनिक में आ जाती है।ऋतुराज का उलझन में पड़ा हुआ चेहरा देख वो उस से पूछती हैं। पायल : डॉक्टर क्या बात है आप कुछ परेशान लग रहे हो? ऋतुराज उसकी बात सुनकर थोड़ा चौंक जाता है कि उसे कैसे पता चला। ऋतुराज : नहीं तो मै ,मै क्यू परेशान होने लगा? ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 8
ऋतुराज नवीन को थप्पड़ लगा देता है।नवीन झट से पायल का हाथ छोड़ देता है और ऋतुराज को देखकर अपना एक हाथ थप्पड़ पड़े गाल पर रख कर कहता है। नवीन : ऋतुराज , तुमने मुझे मारा वो भी इक मामूली असिस्टंट के लिए ? तुमने अपने दोस्त को मारा? वो क्या तुम्हे मुझसे ज्यादा प्यारी हो गई है? नवीन की बात सुनकर ऋतुराज को और ज्यादा गुस्सा आ जाता है और वो नवीन से कहता है। ऋतुराज : तुम जैसा बत्तमिज ,मेरा दोस्त हो ही नहीं सकता ।जब पायल मना कर रही थी तो भी तुम्हे उनका हाथ ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी... - भाग 9
पायल के एग्जाम शुरू थे वो अपना पेपर देकर कॉलेज के पास वाले गार्डन में बैठी थी ।वो बोहात थी।उसकी सहेली ने उस से पूछा । सहेली : पायल क्या हुआ ? पेपर तो ठीक से लिखा ना ? इतनी उदास क्यू हो ? पायल खुद को संभालते हुए केहती है। पायल: मै ठीक हूं ... हा पेपर तो ठीक गया। तभी पायल का ध्यान कॉलेज के गेट के बाहर जाता है।तो उसे ऋतुराज की गाड़ी बाहर खड़ी दिखाई देती है।वो अपने पर्स में रखा अपना मोबाइल बाहर निकाल कर देखती है तो उस पे ऋतुराज के ढेर सारे ...और पढ़े
प्यार वाली पठरी - भाग 10 ( अंतिम भाग )
पायल और ऋतुराज अपने प्यार का इजहार कर के खुश थे ।पायल भी कुछ दिन तक फिर से क्लिनिक लग जाती है।आज दोनों एक साथ बाहर घूमने आए थे।एक बड़ा सा तालाब था ,उसके किनारे बोहत सारे फूल खिले हुए थे।बोहत शांति और सुकून था उस जगह ।शाम के समय में तो ढलता हुआ सूरज और तालाब पे उसकी हल्की फैली हुई रोशनी बेहद ही सुंदर नजारा था।पायल ऋतुराज की बाहों में लिपटकर बैठी हुई ..उस नजारे को देख रही थी और ऋतुराज उस रोशनी में पायल के चेहरे को प्यार से निहार रहा था।अचानक पायल के मन में ...और पढ़े