"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में बैठा वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्जो के मोल यू ही चुकाता रहता है,बिन मौसम बारिश से आंसू बहाता रहता है।वक्त और कायनात सबको साथ नहीं देती,दर्द में खुद को हरघड़ी वो जलाता रहता है।।??? ?? ??? ?? ???मुक्कमल ख्वाब के पीछे यूं तो भागा नहीं करते।मंजिले मिलती रहेगी, नशा ज्यादा तो नहीं करते।।??? ?? ??? ?? ???अनगिनत गलतियां और हजारों जख्म है उधार

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बेनाम शायरी - 1

"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्जो के मोल यू ही चुकाता रहता है,बिन मौसम बारिश से आंसू बहाता रहता है।वक्त और कायनात सबको साथ नहीं देती,दर्द में खुद को हरघड़ी वो जलाता रहता है।।??? ?? ??? ?? ???मुक्कमल ख्वाब के पीछे यूं तो भागा नहीं करते।मंजिले मिलती रहेगी, नशा ज्यादा तो नहीं करते।।??? ?? ??? ?? ???अनगिनत गलतियां और हजारों जख्म है उधार ...और पढ़े

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बेनाम शायरी - 2

"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???एक जमाना था कि लोग अपनों पे जान छिड़कते थे।एक ज़माना है कि लोग की जान छिड़कते है।।??? ?? ??? ?? ???ये तेरे अल्फाजों की पेहलिया हमें समझ नहीं आती।ये दिल की सारी बाते है दिल में बस क्यों नहीं जाती।।??? ?? ??? ?? ???"बेनाम" नजरो से उतरना हमें मुनासिब नहीं है।हम दिलो में उतरने का हुनर लाजवाब रखते है।।??? ?? ??? ?? ???खामोशियों में भी खुशियों के फसाने ढूँढ लेती ...और पढ़े

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बेनाम शायरी - 3

बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??ये शराब तो बस नाम से बदनामी झेल रही है।असल में नशा तो तेरी आंखे ही दे रही है ।।?? ?? ?? ?? ?? ??इश्क की कुर्बानी को जायज किसने माना है!?"बेनाम"दर्द की इस दुश्वारी को किस किसने पहचाना है !??? ?? ?? ?? ?? ??आंसुओ के कहां कोई किनारे है।मयखानों में छुपे दर्द हजारों है।।?? ?? ?? ?? ?? ??ये नजरो की नजाकत जो तुम हथियार बनाए बैठे हो। यकीन मानो तुम इश्क की एक जंग सजाए बैठे हो।।?? ?? ?? ?? ?? ...और पढ़े

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बेनाम शायरी - 4

बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ?? ??अपने वजूद को यूं बचाए रखकर समर नहीं छेड़ा जाता। "बेनाम" कुरबानी सबसे पहले सर कटाना पड़ता है।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??कुछ अनजाने अनसुने ख्वाब चुने है हमने।कैसे कहे क्यों उसे दिन रात बुने है हमने।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??बे घड़ी बेवक्त बेवजह यूं रूठ ना जाया करो।जुबां की बातों को यूं दिल में ना दबाया करो।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??फिर जख्म दे गई ये सावन की बारिश मुझे।फिर से याद आ रहे ...और पढ़े

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बेनाम शायरी - 5

बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??हम चांद को पाने की हिमाकत लिए बैठे है।हम धरती पर रहकर आसमान बैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??डूबने का डर लिए समन्दर किनारे बैठे है।टूटने का डर लेकर वो इश्क किए बैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??तुम क्या जानो चाहत की गर्दिश।दिन में भी सितारे नज़र आते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??उम्मीदों के पंख आज आसमानों पर छाए है।"बेनाम" डर से आज मेरे होंसले टकराए है।।?? ?? ?? ?? ?? ??बेनाम, मै मोत का मुंह कब तलक मोडू।ये बक्षिस ...और पढ़े

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बेनाम शायरी - 6

"बेनाम शायरी"?? ?? ?? ?? ?? ??सुबह को शाम और शाम को रात लिख देता है।वो खुदा जिंदगी को नाम लिख देता है।।?? ?? ?? ?? ?? ??खुशनुमा चहेरे अक्सर खामोश रहते है।दर्द के कारनामें को गुमशुदा ही सहते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??नजाकत कुछ इस कदर रखते है वो अपनी आंखो पे।झुकाकर अपनी पलके हमारी सांसे छीन ले जाते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??उनकी नशीली आंखो से शाही रूआब झलकता है।फिर सामने खड़ा हर शख्स पानी पानी सा लगता है।।?? ?? ?? ?? ?? ??कुछ इस कदर आपके ...और पढ़े

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