श्रापित गुड़िया जिसका भय एक गांव में है जिसकी वजह से बच्चे गायब हो जाते हैं इसलिए वहां एक इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होती है और वो सुलझाता है उस गुड़िया का रहस्य लेकिन इस केस से उसकी खुद की जिंदगी श्रापित हो जाती है।

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शापित गुड़िया - भाग १

श्रापित गुड़िया जिसका भय एक गांव में है जिसकी वजह से बच्चे गायब हो जाते हैं इसलिए वहां एक की पोस्टिंग होती है और वो सुलझाता है उस गुड़िया का रहस्य लेकिन इस केस से उसकी खुद की जिंदगी श्रापित हो जाती है। ...और पढ़े

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शापित गुड़िया - भाग  २

जब शिवा और उमेश को लॉकर में वो गुड़िया नहीं मिली तो वो हैरत में थे कि वह गुड़िया गई कहाँइतने ही पल में पुलिस स्टेशन से बहार बाबा के जोर जोर से चिल्लाकर बोलने की आवाज आती है " तूने अपने जीवन के विनाश का आरम्भ खुद शुरू कर दिया है अगर अभी तूने कुछ नहीं किया तो तू अपने परिवार को खोकर जीवन भर पछताता रहेगा" यह वो बाबा जोर जोर से बोल रहा था।शिवा और उमेश दोनों पुलिस स्टेशन से बहार आते हैं तो उनकी नजर बाबा पर पढती है तो वह देखते हैं कि वह ...और पढ़े

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शापित गुड़िया - भाग ३

तमन्ना अपने चारों ओर अंधेरा पाती है और बहुत डरी हुई सहमी हुई बैठी थी,उसकी लम्बी लम्बी सांसें चल थी,तभी एक गुड़िया उसकी तलफ आती है और शैतानी मुस्कान से अपनी भयानक अवाज में तमन्ना से कहती है,आओ न आओ आओ न.......मै तो इतनी दूर से तुम्हारे साथ खेलने आई हूं औ तुम हो के मुझसे घबरा कर यहां छुपी हुई हो।तमन्ना घबराती हुई अवाज में कहती है,नहीं.. नहीं मुझे नहीं खेलना तुम डोल नहीं हो....फिर वो शैतानी गुड़िया उसके नजदीक आकर पूछती है,तो फिर मै कौन हूँ यह कहकर वो जोर से हसती है....उसकी भयानक हसी तमन्ना के ...और पढ़े

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शापित गुड़िया - भाग ४

शिवा अपने घर का डोर बैल बजाता है और थोड़ी ही देर में दरवाजा खुल जाता है। शिवा जब खोलने वाले को देखता ही रह जाता है, सामने से जब दरवाजा खोलने वाला व्यक्ति शिवा को हवा में हाथ फैराते हुऐ कहता 'हाय जीजू' सामने खड़ा व्यक्ति कोई और नहीं शिवा की साली थी और शिवा उसे देख कर हैरान होकर पूछता है " प्रिया तुम ,तुम कब आई। प्रिया ' जीजू आप तो बुलाओगे नहीं और मै अपनी भांजी का जन्मदिन भूल नहीं सकती। शिवा ' ठीक बहार खड़े रखने का इरादा है या फिर अंदर आने दोगे(शिवा ...और पढ़े

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