न था इंतज़ार कीसुका फ़िर भी उम्र भर इंतज़ार में रहें
नए एपिसोड्स : : Every Friday
ग़ज़ल, शेर - २
अब वोही पुराने ज़ख्म ताजियाना क्यों करें।इश्क़ के दरख़्त पे नया आशियाना क्यों करें।___Rajdeep Kotaजब ये लालिमा कालिमा मैं हो जाएं।ऐसा न हो की फ़िर मिलना मुश्किल हो जाएं।___Rajdeep Kotaसाहब में भूखा हूं मुझे खाना नहींथोड़ा रहम ही मयस्सर करा दो।दिए की लौ डगमगाने लगी हैंमेरी दोस्त से मुलाक़ात पलभर करा दो।वोही आख़िरी जरिया हैं जीने का कोई उनकी बातों से यादों से मेरा जिहन तरबतर करा दो।___Rajdeep Kotaकुछ भी हो जाएंमुंह मत फेरना ईमान सेनिवाला ठुकरा ना मतमिलता हो जो एहसान सेआडंबरों के बादल छाए है चारो औरख़ुद को हर कोई बड़ा बता रहा है भगवान सेतुम मिलो न ...और पढ़े
ग़ज़ल, शेर - 3
मिले तो होगी फ़िर वोही बात जुदाई किइससे अच्छा हैं ये दिन ऐसे ही बसर होने दें।___Rajdeep Kotaदेर तक में करवटें बदलना याद हैंहमें अब तक वो वाकियात याद हैं।___Rajdeep Kotaदेर तक रात में करवटें बदलना याद हैंहमें अब तक वो वाकियात याद हैं।___Rajdeep Kotaअब वोही पुराने ज़ख्म ताजियाना क्यों करें।इश्क़ के दरख़्त पे नया आशियाना क्यों करें।___Rajdeep Kotaजब ये लालिमा कालिमा मैं तब्दील हो जाएं।ऐसा न हो की फ़िर मिलना मुश्किल हो जाएं।___Rajdeep Kotaअब हमने भी गवाई है एक ज़िन्दगी इंतज़ार में किसि केयारों हमारी भी कोई खबर लो।___Rajdeep Kotaकुछ भी हो जाएंमुंह मत फेरना ईमान सेनिवाला ठुकरा ...और पढ़े
ग़ज़ल, शेर - 4
अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख इश्क़ करना किसिसे सीख गए। मेरे दिल ए नाकाम तुम फ़िक्र ने करियोंहम इश्क़ का दूजा हुसुल सीख गए।__Rajdeep Kotaतिरे गांव तिरी गलियों का कोई हिसाब ही नहीं दोस्त।___Rajdeep Kotaवक्त आहिस्ता आहिस्ता हमें कई बातें सीखा जाता हैं।बिछोह नहीं, हमें उसका सबब आजकल सताता है।___Rajdeep Kotaमुहब्बत मैं मंज़िल नहीं मिलती हर किसीको,कुछ बीच में ही दम तोड़ देते हैं।___Rajdeep Kotaतुम्हें याद कर के ख़ुश तो सहीं पर बाद में दिनों परेशान रहते हैं।___Rajdeep Kotaमेरी बस्ती मैं हर रोज़ कोई मरता है।किसिको देह से हाथ ...और पढ़े