आज इतने सालो बाद बारिश की एक बहतरीन शाम को देखकर मुजे वो शाम याद आ गई, वही शाम जहा से ये कहानी शुरू हुई थी। कैसे भूल शकता हु उन दिनों को। वो पहेली बारिश जिसका मुजे बेसबरी से इंतज़ार था। बारिश आई ओर बारिश के साथ वो भी आई मेरी जिंदगी में। मानो वो उस बारिश का बेहद खूबसूरत तोहफा था मेरे लिए। आज वो नही होती तो माही नही होती ओर माही नही होती तो शायद में भी नही होता। आज से आठ साल पहले अचानक आसमान में काले बादल गरजे, बिजली चमकी
Full Novel
ए मौसम की बारिश - १
आज इतने सालो बाद बारिश की एक बहतरीन शाम को देखकर मुजे वो शाम याद आ गई, वही शाम से ये कहानी शुरू हुई थी। कैसे भूल शकता हु उन दिनों को। वो पहेली बारिश जिसका मुजे बेसबरी से इंतज़ार था। बारिश आई ओर बारिश के साथ वो भी आई मेरी जिंदगी में। मानो वो उस बारिश का बेहद खूबसूरत तोहफा था मेरे लिए। आज वो नही होती तो माही नही होती ओर माही नही होती तो शायद में भी नही होता। आज से आठ साल पहले अचानक आसमान में काले बादल गरजे, बिजली चमकी ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - २
उसने कागज खोलकर पढा 'मुजे माफ् कर दो जैसा सोच रही हो वैसा कुछ नही है मेने ऐसा वैसा कुछ नही देखा ओर एक बात मुजे तुम्हारा डांस बहुत अच्छा लगा।' कागज को पढ़ कर वो हसने लगी ओर वही से जोर से बोली 'ओये नाम क्या है तुम्हारा..?' 'ज..ज..जी जयदेव.. ओर आपका ?' 'मीरा.. , तुम यही रहते हो..?' 'हा.., लेकिन आप..' 'में दिल्ही से हु छुटिया चल रही है मामाजी के यह कुछ दिन आयी हु..' 'हम मिल सकते है..?' 'हा लेकिन सिर्फ छत पर..' उसके ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ३
'सच.., तुम मुजे छोड़कर चली जावोगी' 'हा.. लेकिन कहा जा रही हु अभी तो में तुम्हारे साथ हु ना' उसके बाद उसके हाथो में हाथ लेके हमने तब तक सालसा (डांस) किया जब तक बारिश ना थमी। बारिश के वो कुछ पल मानो मेरे लिए अनमोल थे उस वक़्त बस में, मीरा ओर बारिश हमारे अलावा मानो सारा जहाँ थम सा गया। उस दिन के बाद ऐसे ही बारिश हमे हररोज मिलाती रही ओर हम मिलते रहे। लेकिन एक दिन अचानक ही बारिश का आना बंध हो गया ओर जैसे बारिश ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ४
मेरी बात सुनकर वो वहाँ से रोते हुवे चली गई। उसके गए आज एक साल हो गया। आज तक में उसे भुला नही पाया। रात को बहार हल्की हल्की बारिश हो रही थी। में बालकनी में बैठकर लेपटॉप पर अपनी नई नावेल लिख रहा था की तभी मम्मी आई। 'अरे जय बेटा..' मेने उसकी ओर देखा उसके हाथ में एक फोटो थी। लेपटॉप बंध कर के मेने उससे सामने वाली ख़ुर्शी पर बैठने को कहा। मम्मी मेरे सामने बैठी ओर मुस्कुराते हुवे मुझसे कहा। 'आज शाम को मंदिर गई थी। वही वो ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ५
मम्मी ने मुझसे पूछा 'अरे वाह.. तु पहले से जानता है तो में रिस्ते के लिए बात करू ना..?' मेने शरमाते हुवे कहा 'अरे मम्मी जल्दी क्या है..अभी तो मीले है..' मम्मी ने हँसते हुवे कहा 'तुजे जल्दी नही है भले न हो पर मुझे तो है.. घर में बहु आ जाएगी तो मेरा थोड़ा काम तो कम होगा' ओर वो उठकर वहाँ से चली गई.. इधर में वापस लेपटॉप में घुस गया.. * * * में नावेल लिखने में व्यस्त था की तभी नीचे फेसबुक की एक नोटिफिकेशन ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ६
दादी को होश आते ही उसने सबसे पहले मुझे फोन किया ओर वहां जो कुछ भी हुवा सारी बात उसी पल अपनी बाइक लेकर में माही को बचाने के लिए निकल पड़ा। पर मुझे तो ये भी नही मालूम था। की वो आदमी कोन था। वो मेरी माही को कहा ले गया। पूरे शहर में... में ओर मेरे दोस्त माही को ढूंढ रहे थे। पर माही का कोई पता नही चल रहा था। अगले दिन सुबह एक बंध फेक्टरी के पास से में गुजरा की मेने एक लड़की की रोने की आवाज सुनी। वही अपनी बाइक ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ७
पीछे आ रही माही को किसीने वही से धका देकर नीचे की ओर फेंका.. 'ज...जय..' उसकी दर्दनाक चींख मेरे कानो पर पड़ी ओर में कुछ समझ पावु उससे पहले ही वो सीढियो से फिसलते हुवे नीचे पहोच गई। में फ़ौरन उसकी ओर भागा। नीचे जाकर देखा तो उसके सर से काफी खून निकल चुका था। उसकी बंध हो रही आंखे मुझे देख रही थी। 'माही माही तुम्हे कुछ नही होगा.. माही.. माही आंखे खोलो माही..' उसने ऊपर की सीढियो की ओर हाथ से इशारा किया.. मेने उस ओर देखा तो वहां कोई नही था। ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ९
एकदिन कॉलेज में मेने तुम्हे मुख्याजी की बेटी नंदनी के साथ देखा। उस पल मुजे लगा की आख़िर नंदनी अपनी कातिल अदाओ से तुम्हे अपना बना ही लिया। उसीकी वजह से तुमने मेरे प्यार को ठुकराया। लेकिन में इस बात से बिल्कुल अनजान थी की तुम ओर नंदनी एकदूसरे से बहुत प्यार करते हो। मुजे नंदनी पर इतना गुस्सा आया की उसी पल मे नंदनी के घर जा पहोंची। उसे धमकाते हुवे मेने कहा 'नंदनी आज के बाद मेरे देव से दूर रहना वरना..' नंदनी ने मुस्कुराते हुवे कहा 'मेरा देव.. देव तुम्हारा ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - ८
एक दिन एक कुछ खूबसूरत मोर अपनी पंख फैलाकर बारिश में नाच रहे थे। ओर तुम एक पेड़ के छुपकर कब से इस मनमोहक दृश्य को देखे ही रहे थे। अचानक ही में वह आ गई ओर दौड़ पड़ी उन खूबसूरत मोर को पकड़ने के लिए बिचारे मोर डर के मारे उड़कर भाग गए..। पेड़ के पीछे से तुम दौड़ते हुवे आये ओर मेरी चोटी पकड़कर खीचते हुए कहा। 'ये क्या शरारत की तुने.. तुने मेरे मोर को भगा दिया' ताली बजाकर में जोर से हँसने लगी। 'है..है.. बड़ा मजा आया मुजे मोर को ...और पढ़े
ए मौसम की बारिश - १० - अंतिम भाग
उन्हों ने बताया की रघु को में लेकर आई। उसी दिन से तुम मुझसे नफरत करने लगे। धीरे धीरे मेरे प्रति बढ़ती नफरत ने मेरी आंखे खोल दी। लगा की शायद में ही गलत थी। इसीलिए तुम्हे पाने से पहले ही खो दिया। * * * छ महीने बाद तुम्हारी ओर नंदनी की शादी तैय हुई शादी के कार्ड पर तुम्हारे साथ नंदनी का नाम देखकर मुजे लगने लगा की मेने तुम्हे खो दिया। तुम्हे पाने की चाहत में मेने नंदनी से तुम्हारे प्यार की भीख भी मांगी। शादीवाले दिन ही में जाकर उसके ...और पढ़े