शहर से दूर महाराष्ट्र के मिडिल मराठवाड़ा के पहाड़ों के बीच चट्टानों से घिरे इस जंगल के पहाड़ों की गुफाओं में हलचल होती है जिनमें से भूकंप की तरह जैसे ज्वालामुखी बाहर निकलता है उसी प्रकार जमीन के अंदर से दो व्यक्ति रॉकेट की तरह ऊपर उच्छल कर आते हैं और जैसे ही दोनों व्यक्ति उछलकर जमीन पर आकर गिरते हैं वह आस-पास देख कर खाँसने लगते हैं उनके के मुंह से धूल भरी मिट्टी के साथ हवा निकलती है तथा दोनों पलट कर सो जाते हैं और आसमान को एकटक देखते रहते हैं जैसी दोनों आसमान को देखने

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शापित खज़ाना

शहर से दूर महाराष्ट्र के मिडिल मराठवाड़ा के पहाड़ों के बीच चट्टानों से घिरे इस जंगल के पहाड़ों की में हलचल होती है जिनमें से भूकंप की तरह जैसे ज्वालामुखी बाहर निकलता है उसी प्रकार जमीन के अंदर से दो व्यक्ति रॉकेट की तरह ऊपर उच्छल कर आते हैं और जैसे ही दोनों व्यक्ति उछलकर जमीन पर आकर गिरते हैं वह आस-पास देख कर खाँसने लगते हैं उनके के मुंह से धूल भरी मिट्टी के साथ हवा निकलती है तथा दोनों पलट कर सो जाते हैं और आसमान को एकटक देखते रहते हैं जैसी दोनों आसमान को देखने ...और पढ़े

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शापित खज़ाना 2

::- जगदीश अब भी सिगार का धुआं निकालते हुए खिड़की के शीशो पर टकटकी लगाए मुम्बई शहर को देखे रहा था ,उसके पीछे प्रोफेसर प्राण भी जगदीश के कुछ कहने का ईन्तजार करने लगा तभी जगदीश तेजी से घूमते हुए कमरे के बाहर निकते समय प्रोफेसर को हाथ से इशारा करते हुए जगदीश अपने हाथ से सिगार को टेबल पर रखे पॉट में बुझाते हुए कहता है ।जगदीश ::- प्रोफेसर आप जानते है जो मुझे अच्छा मुनाफा दे वही काम मे करता नही करवाकर ही रहता हूं.... ,।.. बस आप सब तैयारी करो ...और मुझे 15 दिनों का ...और पढ़े

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श्रापित खज़ाना - 3

लकड़े के इस पल की हालत अब जैसे शुरुआत में थी वैसे नही रही धीरे धीरे कोहरा बढ़ने लगा करण और रवि अब एक दूसरे को देख कर धीरे धीरे इसपर गुजर रहे थे करीब 10 मिनट तक इस पुराने लकड़े के बने पुल से चलने पर अब तेज हवाएं चलने लगी थी मानो की अब दोनों को यह अहसास होने लगा था कि यह कोई मजाक नही है और जहदीश ने उन्हें यहां भेजा है वह कोई साधरण काम नही था ।हवाओं के तेज झोंके दोनों को पुल से नीचे गिरने के लिए मानो जंग कर रहे थे ...और पढ़े

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श्रापित खज़ाना - 4

उनके इशारे से दोनों अब चुप चाप आगे आगे और वह औरतें उनके गर्दन पर तलवार लगाकर उनके पीछे बिना बात किये पहाड़ो के मैदान से पहाड़ो की दिशा में चलने लगे थे ।अब सकुन यह था कि दोनों कम से कम मुर्दो के जंगल से बाहर थे और दुःख यह था कि अब ना जाने कैसे इन अजीबो गरीब इन सुंदर औरत सैनिक के बीच फसकर उनके पीछे चले जा रहे थे के जैसे मानो अब वह उनके इशारों पर चलने को मजबूर थे । रवी ओर करण को अब तक समझ आ गया था कि जगदीश ने उन्हें ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 5

थोड़ी देर बाद ही नागा पहाड़ो के एक जगह पर राका ,वाली,और रवि ,करण पहुँच जाते है जहां एक का कुण्ड है चाँद की रोशनी में कुण्ड के अंदर खिले कमल के फूल साफ दिखाई दे रहे है जिनमे कई कमल के फूलों की पत्तियां सोने के जैसे चमक रही थी तो कई चांदी की तरह तो कुछ पत्तियां पूरी तरह हरी थी और कुछ पत्तियां मुरझा गई थी । पर खासियत यह थी कि हर फूल पर रोशनी की कोई कमी नही थी मानो इस कुंड में रौशनी का बारीकी से ध्यान दे कर इस्तेमाल कर दिया गया हो । जिसको देखकर कुछ समय के लिए रवि और करण जैसे इस कुंड के फूलों की ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 6

बुजुर्ग की बात सुनकर सिपाही अपने सीने पर दाहिना हाथ लगाकर झुक जाता है और तेज कदमों से वहां निकल कर अपने घोड़े के पास जाकर उसपर जल्दी से बैठ घोड़े को दौड़ते हुए पहाड़ो की दर्रों में निकल जाता है ।दूसरी तरफ अब जगदीश तूफान से बाहर उसी मुर्दो के जंगल मे पहुच गया था अब भी उसके कुछ लोग सही सलामत थे और मशीन गन तथा 2000 के मोर्डन ज़माने के लेट्स हथियारों का माल समान भी वह ले कर आने में कामयाब हो गए थे ।जगदीश के साथ अब प्रोफेसर प्राण का लेट्स टेक्नॉलजी कैमेरा उसके ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 7

राका और करण, रवि नाता और नेती के साथ नागा पहाड़ो के 20 सर्प जो सैनिक थे वह निकल थे देवताओ के नगर में पवित्र कुँए के जल के लिए । सफर इतना आसान नही था अभी नागा पहाड़ो को पार करते ही बड़े बड़े पर्वतों का एक लंबा और संघर्ष वाला खतरे से भरा सामने था । चलते हुए सर्प सैनिक अचानक ही रुक गए और जो सबसे आगे था उसने शांत रहने का ईशारा अपने हाथ से किया । कुछ देर सब अपनी जगह पर सभी के कदम किसी पत्थर की मूर्ति के समान एक जगह पर .. ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 8

यह गुफ़ा नही बल्कि पर्वत के अंदर कोई छोटा पर समृद्ध शहर के समान बनाया गया गाँव था । अंदर कई पर्वतों से सफर करने वाले मुसाफ़िर रुके हुए थे । अब राका एक विशालकाय हॉल जैसे पुराने हवेली के अंदर चला गया था । रवि करण के साथ सभी लोगो को अन्य दूसरे कमरों में ले जाया गया था जहां महिलाओं के लिए अलग विशेष कमरा भी था । काफी देर बाद राका वापस आया उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी । उसने आते ही सबको बताया कि इस गुफ़ा में जो यहां के मुख्य रक्षक है ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 9

सूर्यनगर की सरहद पर अब रात के अंधेरे में यहां फैले मैदानों की अंधेरी चादर को रोशनी से सराबोर सेनिको के हाथों की वह मशाले यह साफ संकेत दे रही थी कि यहां सूर्यनगर के महा योद्धा हाजिर थे जो अपनी ताकतवार सेना के साथ अंधेरे रात में अपने अपने तंबुओं में चर्चा में मग्शुल थे ।इसी मैदान में लगे कई सौ तंबुओं के बीच एक के अंदर सूर्यनगर का दूसरा प्रमुख सेनापति भी अपने अन्य योद्धाओं के साथ बैठकर अन्न ग्रहण करते हुए (खाना खाते हुए)उनसे चर्चा में मग्शुल था । कि तभी अचानक ही एक जंगली हिरण ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 10

10किसी को पता नही था आगे क्या होने वाला है पर इतना यकीन जरूर हो गया कि मौत आसमान नाचने लगी है ।सभी जल्द अपने कदम उठा रहे थे पर तेज हवाओं से मजबूर थे । आगे चलने वाला सर्प सैनिक चलते हुए अचानक ही एक पत्थर की चटान के टूटने से बने गड्ढे में फिसल गया जिसे उसके पीछे चल रही नाता और नैनी ने पकड़ने की कोशिश की पर पहले नैनी और नैनी को पकड़ने गई नाता भी इस विशाल चटान के टूटे हुए गड्ढे में फिसलने लगे जिसे करण ने देखा और उछल कर नाता का ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 11

धीरे धीरे तीनों सर्प सैनिक और रवि के साथ करण, राका नैनी,नाता उन सात पारियों के साथ अंदर बढ़ने और यह महल अब विशाल और विशाल स्वरूप लेने लगा ।चंद मिनटों बाद अब सभी महल के अंदर मुख्य बैठक तक पहुंच गए थे । यह बैठक आलीशान थी महल के अंदर विशालकाय हॉल जैसी जिसके बीचोबीच एक सुंदर सफेद हीरों से सजाए हुए बेहद खूबसूरत आसन पर एक महिला बैठी हुई इन्हे अंदर आते देख रही थी । जिसकी दाई तरफ एक दूसरे आसन पर एक बेहद ही मोहक और बलिष्ठ शरीर का स्वामी युवक भी चमचमाते वस्त्र और ...और पढ़े

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शापित खज़ाना - 12

ज्वालामुखी पर्वत के मैदानों में रानी अपना आपा खो रही है एक सैनिक जिसे उसने अपने बुजुर्ग जादूगर के भेजा था उसने रानी के लिए अच्छी खबर नहीं लाई थी । रात के अंधेरे में महारानी के लिए बनाए गए विशाल टेंट के अंदर रोशनी जल रही थी और जगदीश के साथ ही कई रानी के गुलाम बने योद्धा भी रानी के गुस्से भरी आवाज़ सुनकर टेंट के बाहर से अंदर के नज़ारे को देख कांप गए ।अंदर की जलती रोशनी में हलकी रानी और सैनिक की सिर्फ परछाई दिखाई दे रही थी पर जिस तरह रानी ने गुस्से ...और पढ़े

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