अंजामे मुहाब्बत

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ठंडी हवा के झोंके पेड़ो को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।शाम का धुंदलका छा रहा था। हर चीज सुर्खी लिए हुए महसूस हो रही थी।सूरज नीले आसमान पर अपनी मंजिल तय करता हुआ चारों तरफ सुर्खी बिखेर कर गायब होने के लिए तैयार था।परिंदे आशियानो की तरफ लौट रहे थे।चारों तरफ लगे बेशुमार ऊंचे ऊंचे पेड़ो लाखो परिंदो को पनाह दिए हुए थे।चिडियो कीचूं अब जोर पकड़ती जा रही थी। वो सहन में खड़ी इस मंजर को बहुत दिलचस्पी से देख रही थी। अंधेरा

नए एपिसोड्स : : Every Friday

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अंजामे मुहाब्बत

ठंडी हवा के झोंके पेड़ो को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।शाम का धुंदलका छा रहा था। हर चीज लिए हुए महसूस हो रही थी।सूरज नीले आसमान पर अपनी मंजिल तय करता हुआ चारों तरफ सुर्खी बिखेर कर गायब होने के लिए तैयार था।परिंदे आशियानो की तरफ लौट रहे थे।चारों तरफ लगे बेशुमार ऊंचे ऊंचे पेड़ो लाखो परिंदो को पनाह दिए हुए थे।चिडियो कीचूं अब जोर पकड़ती जा रही थी। वो सहन में खड़ी इस मंजर को बहुत दिलचस्पी से देख रही थी। अंधेरा ...और पढ़े

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अंजामे मुहब्बत - 2

PART 2 हस्बे मामूल चिड़यो के बेतहाशा चहचहाने पर उसकी आंख खुल गई।अभी सूरज नहीं निकला था।वो फ्रैश हवा को महसूस करते हुए उठ गई ।नमाज़ और तिलावत से फ़ारिग होकर वो वॉक करने बाहर निकल आई । ...और पढ़े

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अंजामे मुहब्बत - 3

दूसरे दिन अस्र के वक़्त शमा उसे लेने आ गई थी।मम्मा ने भी उसे नही रोका था।वो उसके साथ हुए पहली बार पुल पर से गुजर रही थी।तेज़ी से पुल के नीचे से गुजरता पानी झाग छोड़ते हुए उसे खौफजदा कर रहा था। गांव पहुंचकर उसने चैन का सांस लिया।लोग ऐसी नज़रो से उसे देख रहे थे जैसे पहली बार किसी शहर की लड़की को देख रहे हों।वो अपनी नागवारी छुपाते हुए शमा के पीछे उसके घर में दाखिल हो गई । ...और पढ़े

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अंजामे मुहब्बत - 4

अगली सुबह काफ़ी हलचल थी। शाहमीर के अक्सर रिश्तेदार आ चुके थे।मर्दान खाना अलग होने के बावजूद रिश्तेदार ज़नान खाने के चक्कर लगा रहे थे। शाहमीर से बड़ा अली मीर अरमान को अजीब सा महसूस हुआ थाल हर लड़की को यूं घूरता जैसे इससे पहले कोई लडकी देखी न हो।उसकी बेबाकी किसी की नज़रों से छुपी न रही थी। शाहमीर ने उसे बताया था कि वो शुरू से ही अजीब तरह का मिज़ाज रखता था। ज़्यादा वक़्त डेरे पर ...और पढ़े

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