ये कहानी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो गांव, शहर, कस्बा, समाज, देश को सत्य का शीशा साफतौर दिखाती है, बिना शंक गुजाइश किये बगैर... क्योंकि गुजरात और राजस्थान जैसे कई राज्यों में दारूबंदी की आड़ में हकीकत की कुछ और ही तसवीर नज़र आती है । जिसकी वजह से आम इंसान की जिंदगी नशे के लत में डूबकर दिन-प्रतिदिन तबाह होने लगीं है ।।' देशी दारू की भठ्ठी ' एक सामाजिक स्टोरी है जो गुजरात और राजस्थान की सरहदी इलाकों में हजारों तादाद में जहर उगलती देशी दारू की भठ्ठीयों के विषय में अक्सर किस्से बयाँ करतीं है, जहाँ

नए एपिसोड्स : : Every Sunday

1

देशी दारू की भठ्ठी

ये कहानी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो गांव, शहर, कस्बा, समाज, देश को सत्य का शीशा साफतौर दिखाती बिना शंक गुजाइश किये बगैर... क्योंकि गुजरात और राजस्थान जैसे कई राज्यों में दारूबंदी की आड़ में हकीकत की कुछ और ही तसवीर नज़र आती है । जिसकी वजह से आम इंसान की जिंदगी नशे के लत में डूबकर दिन-प्रतिदिन तबाह होने लगीं है ।।' देशी दारू की भठ्ठी ' एक सामाजिक स्टोरी है जो गुजरात और राजस्थान की सरहदी इलाकों में हजारों तादाद में जहर उगलती देशी दारू की भठ्ठीयों के विषय में अक्सर किस्से बयाँ करतीं है, जह ...और पढ़े

2

देशी दारू की भठ्ठी - 2

अब बाबू की पत्नी चूपचाप दबे पांव घर की ओर हड़बड़ी में वापस लौट गई, क्योंकि बाबू खाट में पड़ा था । जो अब जोर जोर से खांस रहा था, तभी उसकी जोरू मटकी पास जाकर कहती है " एक लोटा पानी भर लाउं क्या.. ये सूखी खांस तुरन्त बंध हो जाएगी । "" सीमा... रहने दो..! अब इस शरीर से तंग आ गया हूँ... बस ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है की मुझे इस अत्यंत कष्टदायक पीडा़ से संपूर्ण मुक्ति शीघ्र दिला दे । "ऐसी अशुभ बात सूनकर सीमा के मन को अधिक ठेस पहुंची तो उसने सांत्वना ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प