आई तो आई कहाँ से

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आरुषि ........ आरुषि ........ हाँ मम्मा, मैं यहाँ हूँ l अपनी गुड़िया के साथ खेल रही हूँ l अच्छा, अच्छा अब जल्दी से तैयार हो जा, शाम हो गई है, चल मैं तेरी चोटी गूँथ दूँ l हाँ, पहले मेरी कविता तो सुन लो - बड़े मजे की गुड़िया मेरी, आँखें गोल - गोल मटकाती l धीरे - धीरे गाना गाती, चलने में करती है देरी l नाक है इसकी टेढ़ी - मेढ़ी, बड़े मजे की गुड़िया मेरी l अरे, वाह ! आरुषि तुम्हारी गुड़िया ने तो तुम्हें कविता लिखना सिखा दिया l

Full Novel

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आई तो आई कहाँ से - 1

आरुषि ........ आरुषि ........ हाँ मम्मा, मैं यहाँ हूँ l अपनी गुड़िया के साथ खेल रही हूँ l अच्छा, अब जल्दी से तैयार हो जा, शाम हो गई है, चल मैं तेरी चोटी गूँथ दूँ l हाँ, पहले मेरी कविता तो सुन लो - बड़े मजे की गुड़िया मेरी, आँखें गोल - गोल मटकाती l धीरे - धीरे गाना गाती, चलने में करती है देरी l नाक है इसकी टेढ़ी - मेढ़ी, बड़े मजे की गुड़िया मेरी l अरे, वाह ! आरुषि तुम्हारी गुड़िया ने तो तुम्हें कविता लिखना सिखा दिया l ...और पढ़े

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आई तो आई कहाँ से - 2

गर्मी की छुट्टियों में माँ ने पिकनिक पर चलने का कार्यक्रम बनाया l आरुषि बोली - क्यों ना माँ, बार मेरे सारे दोस्तों को भी साथ ले चलते हैं, अकेले - अकेले तो मजा नहीं आएगा l सब मिलकर मस्ती कर लेंगे और कुछ प्रोग्राम भी करेंगे जैसे गीत, कहानी, चुटकुले l किसको ले चलोगी आरुषि ? प्रिंस, टीना, मीना, मनीष, आयुष, नीरज, पंकज, ऋतु, नीतू बस l अरे, और मीनाक्षी को ? नहीं मीनाक्षी को नहीं, वो तुतलाती है और मुझे उसका नाम भी अच्छा नहीं लगता l ...और पढ़े

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आई तो आई कहाँ से - 3

सुबह सारे बच्चे देर से जागे l पंकज नहा - धोकर प्रिंस के घर आ गया l प्रिंस, क्या अभी तक तैयार नहीं हुआ ? होता हूँ यार, अब आलस छोड़ना पड़ेगा l छुट्टियां ख़त्म होने को दो - चार दिन ही शेष बचे हैं, तूने सारा होमवर्क कर लिया क्या ? हाँ, कर तो लिया लेकिन, वो साइंस टीचर का प्रोजेक्ट अधूरा है l मेरा भी l वो साइंस टीचर भी पूरे ........ लेंडगे ( जमीं पर गए ) ....... ...और पढ़े

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आई तो आई कहाँ से - 4

छुट्टियां समाप्त हो गईं और स्कूल प्रारम्भ हो गए l सुबह जल्दी उठकर आरुषि तैयार हो गई l फटाफट चैक किया l माँ ने टिफिन लगाया, आरुषि की सुन्दर चोटी गूँथ दी l कक्षा चौथी का आज पहला दिन था l स्कूल में प्रवेश उत्सव हो रहा था l पूरा विद्यालय साफ़ - सुथरा दिख रहा था l सभी शिक्षक और छात्र - छात्राएं उत्साह से भरे हुए थे l शिक्षक कक्षा एक के नन्हें - मुन्ने विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत कर रहे थे l टीना मीना मीनाक्षी एक दूसरे से खिलखिलाकर मिल रही थीं l अभी विद्यालय में प्रार्थना के लिए दस मिनिट शेष थे तब तक सब दोस्त आपस में मिल रहे थे l प्रिंस ने आरुषि से कहा - ...और पढ़े

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आई तो आई कहाँ से - 5

आरुषि ने कहा - माँ, कहानी l ओफ्फो, आज ऐसे ही सो जाओ l न न, न्यू कहानी l से लाऊँ न्यू कहानी ? अरे, दादी से ले लिया करो ना l अच्छा, छोटी सी कहानी सुनाती हूँ जो दादी से ही ली है, फिर सो जाना l ठीक है l एक बार एक उल्लू ने चमगादड़ से कहा - सबेरा कैसा होता है ? ...और पढ़े

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आई तो आई कहाँ से - 6

आज सोमवार था, सप्ताह का प्रथम दिवस l विद्यालय में प्रिंसपाल सर ने प्रार्थना के उपरांत सबको सूचित किया अगले हफ्ते कक्षा 5 से 8 तक के विद्यार्थी जो राष्ट्रीय वन उद्यान बांधवगढ़ जाना चाहते हैं, वे अपने माता - पिता से लिखित परमिशन लेकर आवें l जोरदार तालियों से प्रांगण गूंज उठा l सभी बच्चों में वन उद्यान घूमने की उमंग थी l सभी कक्षा शिक्षकों ने अपनी - अपनी कक्षाओं से सूची बनाना प्रारम्भ की l करीब 50 बच्चों की सूची बनी l उसी हिसाब से बस तय की गई l ...और पढ़े

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