बहादुर बेटी

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जिसने पुस्तक अौर पैन को घर-घर पहुँचाकर, घाटी के विकास की नई गाथा लिख दी...

Full Novel

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Bahadur Beti-1 : Chamatkari Sikka

जिसने पुस्तक अौर पैन को घर-घर पहुँचाकर, घाटी के विकास की नई गाथा लिख दी... ...और पढ़े

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Bahadur Beti Chapter-2

शाम को आरती ने अपनी मम्मी को चमत्कारी सिक्के, रॉनली और अपने अदृश्य होने के विषय में सब कुछ यूँ तो आरती की मम्मी को इन सभी बातों में बहुत कम विश्वास था। फिर भी उन्हें अपनी बेटी आरती की योग्यता और समझदारी पर कोई शंका भी तो नहीं थी। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 3

स्कूल की पढ़ाई और होम-वर्क पूरा करने के बाद आरती यूँ तो अक्सर अपने मित्रों के साथ सोसायटी के में ही थोड़ा बहुत साइकिल चला लिया करती थी या फिर अपने साथियों के साथ कोई छोटे-मोटे खेल, खेल लिया करती थी। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 4

प्रधानमंत्री के ड्रीमलाइनर विमान के हाईजैकिंग और उसको मुक्त कराने की घटना के दूसरे दिन ही आरती ने अपने के भ्रमण के अनुभव को रॉनली के साथ शेयर करने का मन बनाया। उसने अपने पास में रखे हुये चमत्कारी सिक्के को ऐक्टीवेट किया और फिर उसके लाल बटन को दबाकर रॉनली से सम्पर्क किया। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 5

निश्चित समय से पहले ही अनेक लोकों के बाल-प्रतिनिधि और बाल-मित्र आरती के घर पर पहुँच चुके थे। बड़ा सुन्दर और मनुहारी वातावरण था आरती के घर का। भिन्न-भिन्न लोकों के तरह-तरह के रंग-बिरंगे परिधानों में सुसज्ज दिव्य-बालकों की सुन्दर छटा देखते ही बनती थी। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 6

और दूसरे दिन से ही सभी बच्चे अपने-अपने निर्धारित कार्यों में बड़ी ही मुस्तैदी के साथ जुट गए। बालकों उत्साह तो देखते ही बनता था। उत्साहित बच्चों से भी अधिक उत्साहित तो अपने घोष बाबू दिखाई दे रहे थे। बचपन और पचपन का अनौखा संगम था, बुद्धि और शक्ति का अनौखा मनुहारी संगम। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 7

चैरिटी-शो को लेकर बच्चों का उत्साह तो देखते ही बनता था। सभी बाल-मित्र अपने-अपने डान्स, फोक-डान्स, नाटक, कब्बाली, कवि-सम्मेलन, और नृत्य-नाटिका, आदि के रिहर्सल को डायरेक्टर विक्रम शिकारी और कोरिओग्राफर जफ़र भाई के मार्ग-दर्शन में बड़ी ही गम्भीरता के साथ कर रहे थे। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 8

यूँ तो जब से प्रधानमंत्री के ड्रीमलाइनर विमान के हाईजैकिंग और उसके मुक्त कराने की घटना घटी, तभी से आकाओं की हिट-लिस्ट पर आ गई थी आरती। और आतंकवादियों का मेन टारगेट ही बन गई थी। अतः वे आरती को या तो उड़ा ही देना चाहते थे या फिर हाइजैक करके सरकार और व्यवस्था के सामने अपनी मनमानी शर्तों के साथ, अपने पकड़े हुए आतंकी साथियों को सरकार के चंगुल से रिहा करा लेना चाहते थे। पर आरती के विषय में अभी तक उन्हें कुछ भी पता न चल सका था। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 9

सुबह होते ही आरती ने अपने पास में अदृश्य रूप में स्थित ऐनी ऐंजल को एक्टीवेट करके, अपनी समस्या उसके साथ शेयर किया और फिर उसके निराकरण करने का सुझाव माँगा। साथ ही आरती ने बाहर निकलकर वहाँ के आस-पास के स्थानों का निरिक्षण करने के विषय में भी जानना चाहा। ...और पढ़े

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Bahadur beti Chapter - 10

आज बड़े सबेरे ही कैदखाने के एक सिक्योरिटी इन्चार्ज ने, जो कि देखने में तो बिलकुल ब्लैक-कमाण्डो जैसा ही रहा था, आरती को आकर बताया कि कुछ ही समय के बाद तुम्हें हमारे सरगना आतंकी आका हिज़बुल रब्बानी के पास में जाना होगा। आज वहाँ पर तुम्हारी पेशी होने वाली है। ...और पढ़े

11

Bahadur beti Chapter - 11

दड़ियल खलीफा अब्दुल जब्बारी के मौत की खबर को आरती अम्मीज़ान तक पहुँचाने के लिए बेहद बेताव थी। वह के पास पहुँचकर जल्दी से जल्दी इस बात को बता देना चाहती थी कि उसकी बेटी आलिया का हत्यारा, दढ़ियल खलीफा अब्दुल जब्बारी, अब इस दुनियाँ में नहीं रहा। ...और पढ़े

12

Bahadur beti Chapter - 12

आज आरती के सामने दो ज्वलन्त समस्याऐं मुँहबाँऐं खड़ीं थीं और उनका हल खोजने के लिए उसके अन्तःमन में धर्म-युद्ध चल रहा था। इस धर्म-संकट में एक ओर तो था, उसका आका हिज़बुल रब्बानी को दिया हुआ वचन और दूसरी ओर था विशाल गणतंत्र का न्यायतंत्र और न्यायपालिका। ...और पढ़े

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