कहानी है आद्या की—एक साधारण लड़की, जिसका तिलक वनधरा की नाग रक्षिका के रूप में हुआ। नागों और मानवों से भी अधिक शक्तिशाली, आद्या अपनी शक्तियों को भूलकर प्रवेश करती है नागलोक, नागधरा में। वहाँ नागराज पुत्र से मिलने पर उसकी शक्ति धीरे-धीरे जागने लगती है। लेकिन प्यार, छल और सत्ता की उलझी दुनिया में, क्या आद्या अपनी शक्ति और हृदय दोनों को संभाल पाएगी? पढ़िए ‘विषैला इश्क’—जहाँ इश्क़, शक्ति और छल की जंग हर पन्ने पर जीवंत है।

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विषैला इश्क - 1

"वो नाग कुछ नहीं बोला, बस उसकी कोख को देखकर फन हिलाता रहा..."अमावस्या की रात में घने जंगल में...अमावस्या रात में घने जंगल में तेजी से लाल रंग की कार दोड़ रही थी। उन सन्नाटे को चीरते हुए कार में लाइट म्यूजिक चल रहा था। अचानक ही निशा ने कुछ अनुभव किया, उसने बैचैन होकर इधर-उधर देखा और कार चलाते हुए अपने पति से कहा-" सनी! शायद कोई तेज तेज भाग रहा है। " सनी ने हंसते हुए निशा के ठोढ़ी को छूकर कहा - " जानू! ऐसा कुछ नहीं है। बहुत हाॅरर शो देखती हो तुम। थोड़ा कम ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 2

(अमावस्या की रात, सनी और उसकी गर्भवती पत्नी निशा जंगल से गुजर रहे होते हैं। निशा को कुछ अजीब होता है, लेकिन सनी मजाक में टाल देता है। अचानक एक विशाल नाग कार को हवा में उठा लेता है। निशा बेहोश हो जाती है, सनी डर जाता है। तभी एक रहस्यमयी साधु प्रकट होकर मंत्रों और भस्म से नाग को काबू करता है। नाग इंसान के आधे रूप में बदल जाता है और निशा की कोख को गौर से देखकर गायब हो जाता है।साधु भी कुछ देर बाद लापता हो जाता है। सनी निशा को घर लाकर सुला देता ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 3

(गर्भवती निशा रहस्यमयी रूप से गायब हो जाती है, जिससे सनी व्याकुल होकर जंगल में उसकी खोज शुरू करता उसे याद आता है कि रात को एक साधु और आधा मानव-आधा नाग प्राणी से उसका सामना हुआ था। जंगल में नागों की रहस्यमयी उपस्थिति और पुरानी मान्यताओं की बातें उसे उलझा देती हैं। वह नाग पकड़ने वाले दल और सपेरों की बस्ती तक जाता है, जहां फिर से उस साधु की खोज करता है जिसने पहले उनकी जान बचाई थी। उधर, निशा एक सुरंग में नाग स्त्रियों के बीच सुरक्षित है, जहाँ एक विचित्र नाग देवता की पूजा हो ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 4

(निशा एक रहस्यमय नाग पूजा में शामिल होती है जहाँ उसके अजन्मे बच्चे को शक्ति दी जाती है। नाग और नाग गुरु भविष्य के एक नए युग की भूमिका बाँधते हैं। इधर सनी एक सपेरे से रहस्य पूछता है, जिसे भविष्य का ज्ञान है। वह चेतावनी देता है कि सनी की पत्नी और बेटी खतरे में हैं। सनी घर लौटता है, जहां उसे सांप डस लेता है, लेकिन सुबह सब सामान्य लगता है। रहस्य गहराता है—सच क्या है, भ्रम क्या? अब आगे)सनी को घर लौटते हुए काफी देर हो चुकी थी। घने जंगलों से गुजरते वक्त उसका मोबाइल बजा ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 5

(सनी, जो घर लौटते समय घने और सुनसान जंगल से गुजर रहा था, अचानक एक बच्चे को तेंदुए से हुए खुद घायल हो जाता है। तभी वही बच्चा तेंदुए को गोली मारकर सनी की जान बचा लेता है। पूछताछ करने पर पता चलता है कि बच्चा जंगल में अकेला रहता है और अपना नाम भी नहीं जानता, पर रहस्यमय ढंग से सनी और उसकी रक्षा से जुड़ा हुआ महसूस करता है। बच्चे में अद्भुत शक्तियाँ और नागों से जुड़े रहस्य उजागर होने लगते हैं।निशा मौके पर पहुंचती है और वह भी उस बच्चे की उपस्थिति से विचलित हो जाती ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 6

(सनी जंगल में एक रहस्यमय बच्चे से मिलता है जो तेंदुए से उसकी जान बचाता है। बच्चा नागों से शक्तियों वाला प्रतीत होता है। सनी जब निशा के साथ लौटता है, एक कॉल से पता चलता है कि साथ आई निशा असली नहीं थी। सुबह वही "निशा" घर में मौजूद मिलती है, लेकिन उसमें कुछ बदल चुका है—उसकी आवाज़, स्पर्श और मंत्रों की भाषा अलग है। सनी उसे प्रतापनगर भेज देता है, लेकिन बस में वो रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाती है। उसी समय, घर में वही "निशा" फिर से सोई मिलती है… और एक परछाई उसे घूर ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 7

(निशा नागलोक की रहस्यमयी कैद में है, जहाँ एक अदृश्य शक्ति उसे सीमाओं से बाहर नहीं जाने देती। सपनों, और अजनबी भविष्यवाणियों से घिरी, वह बार-बार "रक्षिका" कहे जाने का विरोध करती है। नागसेविकाएँ उसे सम्मान देती हैं, पर निशा आत्मगौरव से भ्रमित है। एक दिन, वह सीखती है कि नागलोक की सीमाएँ बल से नहीं, भावना से पार होती हैं। जब वह ग़ुस्से और प्रतिरोध को त्यागती है, दरवाज़ा अपने आप खुल जाता है। अब वह केवल कैदी नहीं, बल्कि नागलोक की शक्ति और रहस्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कड़ी बन चुकी है — अनजाने युद्ध की पूर्वसूचना।)नाग ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 8

(निशा नागलोक की कैद में एक बच्ची, आद्या, को जन्म देती है, जिसकी हथेली पर रहस्यमय नाग चिह्न उभरता नाग रानी उसे "रक्षिका" कहती हैं, पर निशा इसका विरोध करती है। वह अपनी बेटी को नागलोक की राजनीति से दूर रखना चाहती है। एक साधु उसे लौटने की अनुमति देता है, बशर्ते उसका मन शुद्ध हो। अग्निकुंड के पास निशा की चेतना जागती है, और नाग परंपरा उसमें प्रवाहित होती है। अब वह केवल माँ नहीं, नागलोक की शक्ति से जुड़ी है। आदेश होता है कि निशा और आद्या को रात में उनके लोक पहुँचा दिया जाए — पर ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 9

निशा और उसकी बेटी आद्या को एक रहस्यमयी नाग सेविका नागलोक से वापस छोड़ आती है। निशा जब जागती तो सब कुछ सामान्य दिखता है, लेकिन आद्या की हथेली पर उभरता नाग चिह्न बताता है कि सब ठीक नहीं। ससुराल लौटकर भी यह रहस्य पीछा नहीं छोड़ता। आद्या को "नाग रक्षिका" चुना गया है, लेकिन दुश्मन कौन है, यह स्पष्ट नहीं। सनी के व्यवहार और आद्या के चिह्नों से निशा को शक होता है — कहीं सनी ही दुश्मन तो नहीं? कहानी यहीं खत्म नहीं होती… यह तो अभी शुरुआत है। अब आगे)सुबह की हल्की नीली रोशनी कमरे में ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 10

(निशा और उसकी बेटी आद्या को नागलोक की रहस्यमयी नाग सेविका ने लौटाया है। आद्या की हथेली पर उभरता बताता है कि वह “नाग रक्षिका” बनी है, लेकिन दुश्मन का पता नहीं चलता। निशा को पति सनी पर शक होता है। निशा अनाथालय जाकर अपने अतीत की फाइल देखती है, जिसमें एक सोने का कड़ा और आद्या के चिह्न का संबंध छुपा है। घर लौटने पर सनी का व्यवहार संदिग्ध लगता है, पर उनकी चिंता भी दिखती है। निशा के मन में रहस्य और सवाल गहराते हैं — नागचिह्न का सच, सनी की असलियत, और नागलोक का बड़ा खतरा। ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 11

(निशा और बेटी आद्या नागलोक से लौटती हैं, जहां आद्या का हथेली पर नागचिह्न उसे “नाग रक्षिका” बनाता है। की माँ हेतल, निशा की कमजोरी को लेकर चिंता में है, जबकि सनी परिवार को सुरक्षित दूर ले जाने की तैयारी कर रहा है। साधु सनी को आधे मानव-आधे नाग के खतरों और गरुण भस्म की चेतावनी देता है। सनी को पता चलता है कि निशा पर एक नाग का संकट मंडरा रहा है, जो गर्भवती स्त्रियों को निशाना बनाता है। अब सनी को समय रहते अपने परिवार की रक्षा करनी है, क्योंकि अंधेरा सिर्फ रात नहीं, खतरे का संकेत ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 12

(निशा और उसकी बेटी आद्या नागलोक से लौट रही हैं, जहां आद्या के हाथों पर नागचिह्न उसे “नाग रक्षिका” है। सनी अपने परिवार को खतरे से बचाने की कोशिश करता है, क्योंकि निशा पर एक नाग का संकट मंडरा रहा है। कार में तेज रफ्तार के बीच आद्या की शक्तियाँ उभरती हैं, और आधे मानव-आधे नाग हमला करते हैं। सनी गरुड़ भस्म से उनका मुकाबला करता है, लेकिन यह लड़ाई केवल बाहरी नहीं, आंतरिक भी है। खतरे और रहस्यों के बीच निशा और आद्या सुरक्षित रहने की जद्दोजहद में हैं।अब आगे)निशा : शक्ति की नींवनिशा ने सनी की मनाही ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 13

(निशा और बेटी आद्या नागलोक से लौटती हैं, जहाँ आद्या का हाथों पर नागचिह्न उसे “नाग रक्षिका” बनाता है। में सनी, निशा और आद्या के बीच आधे मानव-आधे नाग हमला करते हैं। निशा गुफा में अद्भुत शक्तियाँ प्रकट करती है—उसके हाथ पर तेज नीला चिह्न उभरता है और साधु भी चकित रह जाता है। निशा अपनी बेटी आद्या की सुरक्षा के लिए साधु को चुनौती देती है और भस्म को रोकती है। सनी स्तब्ध रह जाते हैं। निशा का बदलता रूप, उसकी शक्ति और रहस्यपूर्ण घटनाएँ सनी को आश्चर्यचकित कर देती हैं। अंततः निशा को कुछ याद नहीं रहता, ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 14

(निशा और उसकी बेटी आद्या नागलोक से लौटती हैं, जहाँ आद्या पर नागचिह्न उभरता है। रास्ते में तांत्रिक का होता हैं, लेकिन गुफा में निशा की अद्भुत शक्तियाँ सामने आती हैं। बाहर वृद्ध नाग बताते हैं कि आद्या “नाग रक्षिका” है—नागलोक की रक्षक शक्ति, जो पीढ़ियों से उसकी मातृवंश में चलती आई है। यह जिम्मेदारी कभी निशा की माँ ने निभाई थी, पर उन्होंने निशा को इससे दूर रखा। निशा इस सच को ठुकरा देती है और आद्या को लेकर चली जाती है, जबकि नाग मानव श्रद्धा से देखते रह जाते हैं। सनी चुपचाप इस रहस्य और खतरे पर ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 15

(सनी, निशा और आद्या जंगल से लौटते हैं, जहाँ आद्या के हाथ पर नाग और निशा के हाथ पर चिह्न उभरता है। घर पहुँचते ही निशा डरते हुए आद्या को सुरक्षित करती है। सनी आद्या की मासूमियत और निशान देखकर आश्चर्यचकित है। आद्या की नीली आँखें और उसके चारों ओर घूमते नाग दिखाते हैं कि वह नागरक्षिका है। नागों को आद्या के आदेश पर मानव रूप में बदलते देख सनी और निशा स्तब्ध रह जाते हैं। निशा कुछ छुपा रही है, लेकिन सनी उसे मजबूर नहीं करता। आद्या की शक्ति ने परिवार के बीच नया विश्वास और गहरा जुड़ाव ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 16

(सबेरे होस्टेल में आद्या, 18 साल की, अपनी बेपरवाह नींद में मस्त है, जबकि उसकी सहेलियां स्नेहा और सुरभि सभा के लिए तैयार होती हैं। आद्या अचानक वहीं खड़ी होती है, उसकी नीली आँखों में अद्भुत शक्ति झलकती है, और उसे नागों की फुसफुसाहट सुनाई देती है। क्लास में मिस सक्सेना की निपुणता के बीच आद्या नींद से जूझती है। शाम को, सड़क पर स्नेहा पर हमला होता है, लेकिन आद्या अपने अद्भुत शक्तियों के साथ उसे बचाती है। कमरे में वापस, आद्या खिड़की से बाहर नागमानवों को देखती है। फुफकार बुलावा बन चुकी है; कुछ बड़ा होने वाला ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 17

(हॉस्टल में छुट्टी का दिन अचानक रहस्यमय घटनाओं से भरा था। आद्या नींद से उठती है तो पता चलता कि उसकी सहपाठी रूचिका गायब है। आद्या की तेज़ नज़र और छिपी शक्तियाँ उसे सच का पता लगाने के लिए प्रेरित करती हैं। वह रूचिका के कमरे में जाती है, अजीब परछाइयाँ और रहस्यमय अनुभव महसूस करती है। अचानक दो नकाबपोश उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन आद्या अपनी अद्भुत ताकत से उन्हें मात देती है। उसकी आँखों में सर्प जैसी चमक और आवाज़ में गर्जन डर और शक्ति का प्रतीक है। कहानी रहस्य, थ्रिल और सुपरनेचुरल तत्वों से ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 18

(हॉस्टल में रहस्यमय घटनाओं के बीच आद्या की सहपाठी रूचिका अचानक गायब हो जाती है। आद्या अपनी छिपी शक्तियों तेज़ नज़र से सच पता लगाने लगती है। दो नकाबपोश उसे पकड़ने आते हैं, लेकिन आद्या अपनी अद्भुत ताकत से उन्हें मात देती है। खतरा सिर्फ बाहर नहीं, उसके चारों ओर भी मंडरा रहा होता है। आद्या अपने माता-पिता से फोन पर जुड़ती है, जहां उसे अपनी बेटी आद्या की सुरक्षा और चिंता का एहसास होता है। नागों और परछाइयों की फुसफुसाहट उसे रूचिका की खोज और आने वाले खतरे के संकेत देती है। कहानी रहस्य और सुपरनेचुरल तत्वों से ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 19

(आद्या की सहपाठी रूचिका अचानक गायब हो जाती है। आद्या अपनी छिपी शक्तियों से सच जानने की कोशिश करती नाग उसे एक कमरे में लेकर जाता है, जहाँ रूचिका का रूप धारण किए नाग दिखता है। सेजल की चीख सुनकर आद्या समझती है कि कुछ गड़बड़ है। अतुल्य भैया मिलकर उसे खुशी देते हैं, लेकिन आद्या घर नहीं जा सकती। लौटते समय एक नाग सड़क पर चेतावनी देता है। आद्या और अतुल्य सुरक्षित रास्ता बदलते हैं। नाग युवक में बदलकर आद्या को प्रणाम करता है, जिससे नागलोक और मनुष्यलोक के बीच रहस्यमयी संवाद का संकेत मिलता है। अब आगे)नाग ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 20

(आद्या अपने कमरे में खुश थी, लेकिन अचानक रूचिका—या उसका रूप धारण किए नाग—उसे घूरता दिखाई दिया। उसकी नागगंध आद्या सतर्क हो गई और हथेली पर नागचिह्न चमक उठा। अचानक रूचिका ने नाग का रूप धारण किया और भाग गई। आद्या के भीतर जिज्ञासा, गुस्सा और डर का तूफान उठ गया। पुराने बरगद के पास आद्या ने नागों की सभा में जाना, जहाँ वृद्ध नाग ने बताया कि रूचिका गलती से नागधरा लोक में चली गई थी और उसे मृत्युदंड का सामना करना पड़ा। आद्या को समझ आया कि रूचिका जीवित है, लेकिन नागधरा लोक रहस्यों और खतरों से ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 21

(आद्या अपने कमरे में खुश थी, लेकिन अचानक रूचिका—या उसका नाग रूप—उसे डराता है। आद्या का हथेली पर नागचिह्न उठता है। पुराने बरगद के पास सभा में वृद्ध नाग बताते हैं कि रूचिका गलती से नागधरा लोक में गई और मृत्युदंड झेल रही है। आद्या समझती है कि रूचिका जीवित है, लेकिन नागधरा खतरों और रहस्यों से भरा है। निशा सपना देखती है जिसमें आद्या नागधरा के द्वार पर खड़ी होती है और एक नागमानव उसे खींच ले जाता है। चेतावनी मिलती है—अगर सावधानी नहीं रखी, तो आद्या खो जाएगी। नागधरा एक ऐसा लोक है जहाँ हर उत्तर नया ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 22

(आद्या रात को रूचिका के कमरे में पहुँचती है, जहाँ उसकी परछाई की जगह आइने में नागरानी प्रकट होती और उसे सम्मोहन में डालकर सब भुला देती है। सुबह आद्या अजीब-सी खाली मुस्कान के साथ उठती है, फिर बाथरूम में टूटे आइने और नागलिपि मिलने पर सब दहशत में आ जाते हैं। अस्पताल में रिपोर्ट सामान्य रहती है, पर आद्या बेहोश होकर सिर्फ “आईना” शब्द बड़बड़ाती है। नागलोक में खुलासा होता है कि नागरानी ने ऐसा मंत्र किया है जिससे आद्या अपनी नाग शक्तियाँ, नागधरा और वनधरा लोक से जुड़ी सारी यादें खो चुकी है। अब आगे)अतुल्य का सचअस्पताल ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 23

(नाग रानी ने गलती से आद्या की सारी नाग शक्ति और यादें मिटा दी और वह अस्पताल पहुंच गयी। आद्या को परिवार से मिलाने सनी के जंगल वाले क्वार्टर ले जाता है, यह भूलकर कि निशा और सनी ने आद्या को वहां लाना मना किया था। वहां पर तांत्रिक हमला कर देता है। अब आगे)सनी का बलिदानआद्या सब कुछ भूल चुकी थी। नाग लोक, शक्तियाँ, नागमणि… सब धुंधला था।लेकिन…एक चीज़ अब भी बाकी थी —"नारी शक्ति" — वो जन्मजात हिम्मत, जो माँ के लिए प्रलय से लड़ सकती है।धड़ाम!आद्या उठी — ज़ोर से। उसकी आँखों में डर नहीं, आग ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 24

(आद्या अपनी माँ को बचाने के लिए तांत्रिक का सामना करती है। गरुड़ राख उस पर असर नहीं करती वह अतुल्य व सनी की मदद करती है। तांत्रिक अतुल्य पर घातक मंत्र चला देता है पर उसे बचाते हुए सनी की मृत्यु हो जाती है। निशा गहरे सदमे से कोमा में चली जाती है। परिवार बिखर जाता है, पर अतुल्य इंसानी रूप में लौटकर जिम्मेदारी उठाता है। श्मशान घाट पर आद्या और अतुल्य मिलकर सनी का अंतिम संस्कार करते हैं। आद्या मन ही मन संकल्प लेती है कि पिता की मौत व्यर्थ नहीं जाएगी और वह तांत्रिक से बदला ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 25

(सनी के बलिदान और निशा के कोमा में जाने के बाद परिवार बिखर जाता है। आद्या अपने पिता की का बदला लेने का संकल्प लेती है। अतुल्य नागस्वरूप में लौटकर जिम्मेदारी उठाता है, लेकिन भीतर अपराधबोध लिए रहता है। अस्पताल और घर की खामोशी में आद्या सवालों से जूझती है—तांत्रिक का उनके परिवार से क्या संबंध है, और भैया को अपनी नागशक्ति की याद क्यों नहीं? नागलोक में गुरु और नागजन आद्या व सनी के बलिदान को श्रद्धांजलि देते हैं, जबकि नागरानी मन ही मन इस महिमा से विचलित होती है।)अतुल्य हुआ गायबतांत्रिक ने मंत्रोच्चारण से गरुड़ को लोहे ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 26

(सनी के बलिदान और निशा के कोमा ने परिवार को तोड़ दिया है। आद्या न्याय की राह चुनती है, अतुल्य बदले की आग में जलकर नागस्वरूप में जाग उठता है। तांत्रिक की काली साजिश—आद्या को वश में करना और नागमानव की बलि—अब और भयावह हो चुकी है। शहर जाते समय अतुल्य आधा नाग बनता है और अचानक काले नागों का झुंड उसे उठा ले जाता है। आद्या की चीखें जंगल में गूंजती रह जाती हैं… पर असली सवाल यह है—क्या अतुल्य बलि बनेगा या एक और बड़ा रहस्य सामने आएगा? अब आगे)तुम कौन हो आद्या?आद्या वहीं कार के पास ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 27

(सनी के बलिदान और निशा के कोमा से टूटे परिवार के बीच आद्या भाई को खोजते हुए रहस्यमयी गुफा प्रवेश करती है। गुफा बंद होते ही वह नागधरा लोक में पहुँच जाती है जहाँ पेड़, हवा और वातावरण सब विषैले हैं। वहीं नागराजपुत्र विराट और उसके सैनिक आद्या को पकड़ लेते हैं। नागवाणी समझने और नागचिह्न जगमगाने से सब चौंक जाते हैं। विराट उसकी पहचान पर शक करता है और मृत्युदंड की धमकी देता है, जबकि आद्या हिम्मत से जवाब देती है। अंततः आद्या को पता चलता है कि उसकी सहेली रूचिका नागधरा में सेविका बनी हुई है, जिससे ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 28

(राजदरबार में आद्या ने मानव होने का सच उजागर किया, और उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है। पर उसका भाई अतुल्य प्रकट होता है और उसे बचा लेता है। विराट को शक होता है कि आद्या वास्तव में नागकन्या नहीं है। अतुल्य, उसकी सुरक्षा के लिए, एक झूठी कथा गढ़ देता है कि आद्या बचपन में एक साधु के शाप से अपनी नागशक्तियाँ खो बैठी थी, इसलिए वह खुद को इंसान मानती है। विराट की संदेह और आकर्षण की जटिल भावनाएँ अब जन्म लेती हैं। आद्या जब नाग वस्त्रों में विराट के सामने आती है, उसकी मासूमियत और ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 29

(पूजा के बहाने से रोककर आद्या की नाग शक्ति को जगाने की विधि शुरु होती है। लेकिन आद्या की में उसके पास कोई शक्ति नहीं। आद्या मानव है, पता चलने पर वह मार दी जाएगी । इस डर से आद्या और अतुल्य नाग धरा से भागने की कोशिश करते हैं। लेकिन पकड़े जाते हैं। आद्या आवाज उठाती है पर विराट उसे सम्मोहित कर देता है। अतुल्य को वनधरा भेज आद्या को वापस नाग धरा ले आता है और अब आगे)विवाह प्रस्तावपूरा नागधरा लोक स्तब्ध था।विराट ने आद्या को अपनी बाँहों में उठाया और महल की ओर चल पड़ा। राह ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 30

(आद्या की नाग शक्ति जगाने के लिए पूजा की योजना बनाई जाती है, लेकिन आद्या डर और असहाय महसूस है। वह और अतुल्य नागधरा से भागने की कोशिश करते हैं, पर विराट उन्हें रोक लेता है। विराट आद्या को सम्मोहित कर अपने पास रखता है। बाद में वह आद्या से विवाह का प्रस्ताव देता है, जिसे आद्या शांति से स्वीकार करती है। नाग गुरु चैतन्य इस सम्मोहन और विवाह पर आपत्ति जताते हैं, लेकिन नाग रानी यह मानती है कि आद्या की शक्तियां समाप्त हो चुकी है और उसके लिए युद्ध करना समय और शक्ति की बर्बादी है। और ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 31

(आद्या की नाग शक्ति जगाने के लिए पूजा की योजना बनाई जाती है, लेकिन वह डर और असहाय महसूस है। वह और अतुल्य नागधरा से भागने की कोशिश करते हैं, पर विराट उन्हें रोक लेता है और आद्या को सम्मोहित कर अपने पास रखता है। बाद में विराट विवाह का प्रस्ताव देता है, जिसे आद्या शांति से स्वीकार करती है। नाग गुरु चैतन्य और नाग रानी विवाह और शक्ति पर मतभेद जताते हैं। अतुल्य वनधरा जाकर नाग रानी से मदद मांगता है, ताकि वह अपनी बहन को मुक्त कर सके। विराट उसकी चालों को पहचानकर उसे बंदीगृह में डाल ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 32

( अतुल्य आद्या को बचाने आता है लेकिन पकड़ा जाता है। अतुल्य की जान बचाने के लिए वह खुद विराट को सौंप देती है । और अतुल्य को वापस लौटने के लिए कहती हैं क्योकि विवाह को अब अपना भाग्य मान चुकी है। अब आगे)नाग विवाह — छल, शक्ति और विद्रोह वह पल आखिर आ ही गया, जिसे आद्या अब तक टालती आई थी। राजमहल के बीचों-बीच नागगुरु वेदपाठ कर रहे थे। महल दिव्य दीपों और नीले फूलों से सजा था, जैसे स्वर्ग उतर आया हो। कुछ नागकन्याएं आद्या को मंडप तक लेकर आईं —वह शाही नागिन-परिधान में थी, ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 33

(आद्या अतुल्य को बचाने के लिए खुद को विराट को सौंप देती है और उससे विवाह स्वीकार कर लेती पर बाद में सच पता चलता है कि वह विवाह नहीं बल्कि उसकी नागशक्ति हड़पने की योजना थी। क्रोधित होकर आद्या की सुप्त शक्ति जाग उठती है और वह अतुल्य के साथ नागधरा छोड़कर वनधरा लौट आती है। विराट उसे खोकर पागल हो जाता है और वनधरा पर युद्ध की चेतावनी भेजता है। नाग रानी यह सुनकर स्तब्ध रह जाती हैं, क्योंकि अब उनका साम्राज्य भी खतरे में है। कहानी अब नागों के संघर्ष और आद्या की नियति की ओर ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 34

( नाग धरा से निकल आद्या और अतुल जिंदगी को नए सिरे से शुरू कर चुके हैं। और हंसी जी रहे हैं। लेकिन विराट आद्या को चार साल बाद भी अपनी पत्नी और नाग धरा की रानी मानता है। अब आगे)अधूरी चाहवनधरावनधरा अब पहले जैसा समृद्ध नहीं रहा। चार वर्ष पूर्व विराट ने युद्ध की घोषणा की। उसके मन में एक ही लक्ष्य था—आद्या। और उस लक्ष्य तक पहुँचने का एकमात्र मार्ग था—वनधरा। विराट को पूर्ण विश्वास था कि चाहे आज नहीं, पर कल आद्या अवश्य वनधरा लौटेगी। एक दिन आद्या को अतुल्य के साथ वनधरा की सीमाओं की ...और पढ़े

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विषैला इश्क - 35

(चार साल बाद आद्या और अतुल्य इंसानी लोक में सामान्य जीवन जी रहे हैं, जबकि विराट अब नागराज बन है — शक्तिशाली, क्रोधित और अब भी आद्या को अपनी पत्नी मानता है. वनधरा में बंदी नागमानव आद्या की सच्चाई छिपा रहे हैं कि वही वनधरा की नई नागरक्षिका है. इस बीच मुंबई में आद्या बेरोजगारी और खालीपन से जूझ रही है. जब दोस्त स्नेहा IFS की तैयारी की बात करती है, तो उसके भीतर छिपी नागशक्ति फिर से करवट लेने लगती है. शायद यही उसके भाग्य की अगली पुकार है — विषैला इश्क का नया अध्याय शुरू होने वाला ...और पढ़े

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